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खण्डनखण्डखाद्यम्। श्रीहर्षदेव (7)
रत्नावली, प्रियदर्शिका,
नागानन्दम् (तीनों रुपक) सनातन गोस्वामी
बृहद्वैष्णवतोषिणी
(भागवतव्याख्या) सामराज दीक्षित
त्रिपुरसुन्दरीमानसस्तोत्रम्, (16)
पूजारत्नम्, अक्षरगुम्फ,
आर्यात्रिशती, शृंगारामृतलहरी। शुभट
दूताङ्गदम् (रूपक) सूर्यनारायण शुक्ल (19): मयूख (न्यायसिद्धान्त मुक्तावली
व्याख्या), वाक्यपदीयव्याख्या,
पाणिनिवादरत्नम्। हरिदास (19)
रामस्तवराजभाष्य (सनत्कुमार
संहिता व्याख्यात्मक) हरिकृपालु द्विवेदी : रामेश्वरकीर्तिकौमुदी (19-20) हितहरिवंश गोस्वामी श्रीमद्राधासुधानिधि,
यमुनाष्टकम्
परिशिष्ट (5) कर्नाटक के ग्रंथकार और ग्रंथ
कायस्थधर्मदीप, सुज्ञानदुर्योदय (धर्मशास्त्र), शिवार्कोदय, शिवराजाभिषेकप्रयोगविधि, समयनय, आपस्तंबपद्धति, आशौचदीपिका,
तुलादानप्रयोग। विष्णुदत्त शुक्ल
सौलोचनीयम्, गंगा (19)
(दोनों काव्य)। व्रजनाथ तैलंग (18) : मनोदूतम्। व्रजराज दीक्षित : रसिकरंजनम्, (17)
वल्लभ-नाटिका, शृंगारशतकम्, षड्तुवर्णनम्। व्रजलाल गोस्वामी, मनःप्रबोध,
प्रेमचन्द्रोदयम् (नाटक) शंकरदत्त
अलंकारशंकर, राधिकामुखवर्णनम् (महाकाव्य)
हरिवंशहंसम् (नाटक)। शंखधर (12)
लटकमेलनम् शालग्रामशास्त्री
अलंकार कल्पद्रुम, (20)
भारतीयकृषक, सुरभारतीसन्देश, आयुर्वेद
महत्त्वम्। शिवकुमार मित्र
लक्ष्मीश्वरप्रतापय् (19-20)
(महाकाव्य),
यतीन्द्रजीवनचरितम्। शिवबालक शुक्ल : जयदेव वैष्णव कीर्तिलता
(महाकाव्य) शिवराम पाण्डेय
हनुमत्काव्यम्, हनुमद्विजयम्, (19)
रावणपुरवधम्, एडवर्ड राज्याभिषेक-दरबारम्, जार्जाभिषेकदरबारम्,
दिल्लीप्रभातम्। श्यामवर्ण द्विवेदी
विशालभारतम (महाकाव्य) (20)
शिवाभ्युदयम् (नाटक)
व्युत्पत्तिविनोदय। श्रीनिवासाचार्य
पारिजातसौरभभाष्यम्, (11-20)
ख्यातिनिर्णय, कठोपनिषद्भाष्यम्, वेदान्तकौस्तुभ
(निम्बार्कमत) श्रीरामकुबेर मालवीय : मालवीयमहाकाव्यम्। श्रीरामप्रसाद (19) : पाणिनिसोपानम् (व्याकरण) श्रीहर्ष (12) : नैषधचरितम्,
ग्रंथ
विद्यमान कर्नाटक राज्य के प्रदेश पर प्राचीन कालमें सातवाहन, गंग, राष्ट्रकूट, चालुक्य, यादव, होयसल, नायक इत्यादि विविध राजवंशों के अधिपतियोंने राज किया था। उन अधिपतियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आश्रित विद्वानों द्वारा तथा, माध्व, रामानुज, वीरशैव, शांकर, जैन-संप्रदायों के विद्वान अनुयायिओं द्वारा संस्कृत वाङ्मय में उत्तमोत्तम ग्रंथों का निर्माण हुआ।
ग्रंथकार अकलंकदेव
: न्यायविनिश्चय, सिद्धिनिनिश्चय,
तत्त्वार्थराजवार्तिक अष्टशती अखण्डानन्द
ऋजुप्रकाशिका
(भामतीभाष्य की व्याख्या) अनन्ताचार्य
वादावली, विशुद्धामर, न्यायभास्कर (ब्रह्मानन्दी
टीका का खंडन) अभिनव कालिदास : शांकरविजयम् (15) अमोघवर्ष
शब्दानुशासन (नृपतुंग)(9)
(अमोघावृत्तिसहित) (अपरनाम-शाकटायन व्याकरण, प्रश्नोत्तरमालिका)
संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड, 459
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