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हीरक-ज्युबिली-काव्यम् - ले.- गोलोकनाथ बंद्योपाध्याय। ई. 20 वीं शती। हेतिराजशतकम् - ले.-श्रीनिवासशास्त्री। हेतुचक्रडमरु (या हेतुचक्रनिर्णय तथा चक्रसमर्थनम्) - ले.- दिङ्नाग। ई. 5 वीं शती। तिब्बती अनुवाद के रूप में सुरक्षित। दुर्गाचरण चटर्जी द्वारा संस्कृत में पुनरनुवाद । तिब्बती अनुवाद जोहार निवासी बोधिसत्व आचार्य ने भिक्षु धर्माशोक के सहकार्य से किया। विषय- बौद्धदर्शन । हेतुबिन्दु - ले.- धर्मकीर्ति। बौद्धाचार्य। ई. 7 वीं शती। न्यायशास्त्र पर एक महत्त्वपूर्ण बृहत् रचना । हेतुरामायणम् - ले.- विठोबा अण्णा दप्तरदार । ई. 19 वीं शती। हेतुविद्यान्यायप्रवेशशास्त्रम् - ले.- शंकरस्वामी। न्यायशास्त्रीय रचना । व्हेनसांग द्वारा इसका चीनी अनुवाद सन् 647 में हुआ। हेमाद्रिकालनिर्णयसंक्षेप (या संग्रह) - ले.- भट्टोजि दीक्षित । लक्ष्मीधर के पुत्र। हेमाद्रिनिबंध - ले.- हेमाद्रि। ई. 13 वीं शती। पिता
कामदेव । लेखक के चतुर्वर्ग चिंतामणि से अत्यधिक साम्य है। हेमाद्रिप्रयोग - ले.- विद्याधर । हेमाद्रिसर्वप्रायश्चित्तम् - ले.- बालसूरि । हेमाद्रिसंक्षेप - ले.- भजीभट्ट। हैदराबाद-विजयम् (नाटक) - ले.- नीजे भीमभट्ट। (जन्म सन् 1903) "अमृतवाणी" में सन 1954 में प्रकाशित । दृश्यसंख्या -दस। कथासार-सरदार पटेल को ज्ञात होता है कि हैदराबाद में रजाकारों का उत्पात शिखर पर है। इस विषय में गवर्नर जनरल राजगोपालाचार्य नेहरु से कहते हैं कि जुनागढ तथा हैदराबाद के नवाब ही समस्या के कारण कि जुनागड तथा हैं। पटेल बताते हैं कि कासिम रिजवी के कारण निजाम अपने राज्य को भारत में विलीन नहीं होने देता। नेहरु हैदराबाद
__ पर आक्रमण करने की अनुमति देते हैं। परास्त होकर खलनायक
कासिम रिजवी भाग जाता है। नेहरु, पटेल को बधाई देते हैं। हैमकौमुदी - ले.- मेघविजय। हैम धातुपाठ की व्याख्या। हैमलघुक्रिया - ले.- विनयविजय गणी। हैम धातुपाठ की व्याख्या। हैहय-विजयम् - ले.- हेमचन्द्र राय। जन्म 1882। पितायदुनंदन राय। ऐतिहासिक महत्त्व का महाकाव्य । होमकर्मपद्धति - ले.- हरिराम। श्लोक- 200 । होमनिर्णय - ले.- भानुभट्ट। पिता- नीलकण्ठ। समय1620-1680 ई.। होमपद्धति - ले.- लम्बोदर । (2) ले.- हरिराम । श्लोक- 2001 होमविधि - ले.- गौडवासी शंकराचार्य । श्लोक- 100। यह तारारहस्य वृत्ति के अन्तर्गत 14 वा अध्याय है। होलिकाचरित्रम् - ले.- वादिचन्द्र सूरि। गुजरात निवासी। ई. 16 वीं शती। होलिकाशतकम् - ले.- विश्वेश्वर पाण्डेय। पटिया (अलमोडा जिला) ग्राम के निवासी। ई. 18 वीं शती (पूर्वार्ध) होलिकोत्सवम् - ले.- श्रीमती लीला राव दयाल । तीन दृश्यों में विभाजित एकांकी रूपक । ग्रामीण श्रमिक परिवार का चित्रण । कथासार- गणु की पत्नी राधा अपना केयूर बंधक रखकर होलिकोत्सव हेतु बच्चे के कपड़े खरीदती है। होली निमित्त ताडीघर गया गणु अपनी पत्नी का गहना दूसरे के हाथ में देख उसे व्यभिचारिणी समझता है और मदिरा के नशे में उसे
मारपीट कर घर से निकाल देता है। दूसरे दिन घर में बंधक - रखने की चिट्ठी पाकर पछताता है। हौत्रध्वान्तदिवाकर (गद्य निबंध) - ले.- कृष्णशास्त्री घुले। नागपुरनिवासी। ई. 19-20 वीं शती। विषय- अग्निहोत्र विषयक चर्चा |
430/ संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड
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