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परिशिष्ट (ञ) काश्मीर शैवदर्शनग्रन्थ
अमरौघ-शासनम्
- गोरक्षनाथ ईश्वरप्रत्यभिज्ञा
- उत्पलदेव ईश्वरप्रत्यभिज्ञाविमर्शिनी - अभिनवगुप्त
-भास्करी उड्डामेश्वरतंत्रम् कामकलाविलास
-पुण्यानन्दाचार्य -व्याख्या जन्ममरणविचार
- वामदेव भट्ट तंत्रवर्धनका
- अभिनवगुप्त तंत्रसार
- अभिनवगुप्त -विवेक व्याख्या
- जयरथाचार्य नेत्रतंत्रम्
-उद्योतविवरण -क्षेमराज परमार्थसार
-अभिनवगुप्त -विवृति
- योगराजाचार्य परात्रिंशिका _ -विवृति
-अभिनवगुप्त पूर्णताप्रत्याभिज्ञा
-रामेश्वर झा प्रत्यभिज्ञाहृदयम्
-क्षेमराज षत्रिंशत्तत्त्वसन्दोहः पराप्रवेशिका वातूलनाथ सूत्राणि -वृत्ति
- अनन्तशक्तिपाद बोधपंचदशिका
- हरभट्ट शास्त्री परमार्थचर्चा
-विवृति महार्थमंजरी
-महेश्वरानन्द -परिमल व्याख्या
-विज्ञानकौमुदी विवृति -क्षेमराज शिवोपाध्याय महानयप्रकाशः
-शितिकण्ठाचार्य
मालिनीविजयतंत्रम् मालिनीविजयवार्तिकम् - अभिनव गुप्त लल्लेश्वरी वाक्यानि
- भास्कराचार्य नरेश्वर परीक्षा
-प्रकाशव्याख्या - रामकण्ठ विज्ञानभैरवः
-क्षेमराज -विवृति
-शिवोपाध्याय शिवदृष्टिः
-सोमानन्दनाथ -वृत्ति
-उत्पलदेव शिवसूत्रम् शिवसूत्रवार्तिकम्
- वरदराज शिवसूत्रवृत्ति
- कल्लटवृत्ति स्पन्दकारिका
-भास्कर -विवृति, व्याख्या -रामकण्ठाचार्य शिवसूत्रविमर्शिनी
-वसुगुप्त -व्याख्या
-क्षेमराज षट्त्रिंशत्तत्त्वसन्दोहभावोपहार अनुत्तरप्रकाश सिद्धित्रयी (अजड प्रमातृसिद्धि, ईश्वरसिद्धि सम्बन्धसिद्धिश्व)
- उत्पलदेव ईश्वरप्रत्याभिज्ञाकारिका वृत्तिः - स्तवचिन्तामणिः
-नारायणभट्ट -विवृति
-क्षेमराज स्पन्द (कारिका) निर्णय -क्षेमराज स्पन्दसन्दोहः
-क्षेमराज स्वच्छन्दतंत्रम्
-क्षेमराज वामकेश्वरी मतविवरणम् गन्धर्वतंत्रम् श्रीविद्यार्णवतंत्रम्
562 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथकार खण्ड
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