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2. देव्यशीतिकम् : रामलीलोद्योतः
रमानाथ (पिता-बाणेश्वर) रविकर रविदास रवीन्द्रकुमार शर्मा रागकवि राघव
: वृत्तरत्नावली : मिथ्याज्ञानखंडनम् : मानवप्रजापतीयम् (काव्य : रागलक्षणम् : 1. भद्राचलचम्पू
2. उत्तरकाण्डचम्पूः । : 1. काकदूतम्
2. रुबाइयों का अनुवाद
(1940) : कविकार्यविचार :
एम.आर. राजगोपाल अय्यंगार
राजगोपालचक्रवर्ती
यज्ञेश्वर दीक्षित और बौधायन श्रौतसूत्र व्याख्या वासुदेव दीक्षित यदुगिरि अनन्ताचार्य : कृष्णराजकलोदयचम्पू
(मैसूरनरेश का चरित्र) यदुनन्दनदास : विलापकुसुमांजलि
कृष्णवियोग यलंदुर श्रीकण्ठशास्त्री : जगद्गुरुविजचम्पू । यशःपाल
: मोहपराजयम् (14 वीं शती) यशपाल टंडन : पुराणविषयानुक्रमणिका यशवन्त
: वृत्तधुमणिः। यशवन्तसिंह
: वृत्तरत्नाकरः यादवप्रकाश
: वैजयन्तीकोश यादवेश्वर तर्करत्न : अश्रुबिंदुः (ई. 1901)
(महारानी व्हिक्टोरिया
का निधन) येडवाथि कोडमानीय : रुक्मिणीस्वयंवरप्रबन्धः नंद्रीपाद योगानन्द
: वज्रमुकुटविलासचम्पूः । योगेन्द्रनाथ
: दशाननवधम् रंगनाथ
: सम्पत्कुमारविलासचम्पू: रंगाचार्य
: 1. मयूरसंदेशम्। पिता- रघुनाथ
2. पिकसन्देशम् 3. प्रेमराज्यम् (व्हिकार ऑफ् वेकफिल्ड नामक अंग्रेजी उपन्यास
का अनुवाद) रघुदेव नैयायिक : दिनसंग्रहः (बंगाल निवासी) (विषय- फलज्योतिष)
: 1. विलापकुसुमांजलि
2. संगीतप्रकाश 3. रागादिस्वरनिर्णय 4. वृत्तसिद्धान्तमंजरी। 5. मारुतिविजयचम्पू। 6. इन्दिराभ्युदयचम्पू।
7. रामचरित्रम् रघुनाथप्रसाद
: भरतशास्त्रम् रघूत्तमतीर्थ
: मुकुन्दविलासः। रत्वाराध्य
: दारुकावनविलासम्। रत्नपाणि
: मैथिलेशचरितम्
(दरभंगा के
राजवंश का वर्णन) रखशेखर
: छन्दःकोश रमणपति
.: 1. शृंगारकोशः
राजचूडामणि : 1. रुक्मिणीकल्याणम्
(10 सर्ग) 2. कंसवधम् (10 सगे) 3. भारतचम्पू। 4. आनंदराघवम्। 5. कमलिनीकलहंसम्।
6. शृंगारसर्वस्वभाण। राजानकगोपाल :: शिवमाला राजे, श्या. वि. : साहित्यविनोदराजः (कल्याण में वकील) राजनृसिंह
: शब्दबृहती
(महाभाष्य की व्याख्या) राजा माधवदेव : रतिसार। राजराजवर्मा : 1. लघुपाणिनीयम् (त्रावणकोर के : 2. विशाखतुलाअधिपति)
प्रबन्धचम्पूः। राजवल्लभशास्त्री : नृसिंहभारतीचरितम्
(नृसिंहभारती शंगेरी
के शंकराचार्य थे) राधाकृष्णजी
1. आनंदगानम् 2. कल्याणकल्पद्रुमः। 3. गानस्तवमंजरी 4. जोगविहारकल्पद्रुमः। 5. दोलोत्सवदीपिका 6. धर्मसंगीतम्
7. गजलसंग्रहः । राधा मोहन
: 1. संगीततरंगम्
2. संगीतरत्नम्। राधामोहन शर्मा न्यायरत्न : भक्तिमार्ग राम
: 1.कंसनिधनम्।
(घुनाथ
506 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रथकार खण्ड
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