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संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
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print, place where cows stay or
graze. गोष्पदपूर-म् - गोप्यअऊरं (क्रिवि०) इतना जितने
से गौ की पैड़ भर जाय; as much as the
cow's foot-print. गोसंख्य - गोसंखो (पुं०) (गा: संचष्टे) अहीर;
keeper of the cows. गोसर्ग - गोसगो [Vसृज्] (पुं०) गौएँ खोलना, पौ
चुगाना, प्रातः जब कि गौएँ खोली जाती है, गाय की सृष्टि; to free the cows for grazing, morning when the cows are released for grazing, creation of
cows. गोस्तनी - गोत्थणी (स्त्री०) द्राक्षा, एक स्कंद की
सेविका; bunch of grapes, grapes, a
mother, servant of Skanda. गेस्वामिन् - गोस्वामि (वि०) (त्रि०) इन्द्रियों का
स्वामी, जितेन्द्रिय एक उपाधि; master of the organs of senses, an epithet of
Vaisnavas. गोहन - गोहणं (न०) छिपाना; hiding. गोहन-पर - गोहणवा (वि०) (त्रि०) छिपाने में लगा;
trying to conceal. गौड-गोडो (पुंन०) गुड का देश, मध्य बंगाल का
नाम, ब्राह्मणों की एक जाति; sugarland name of Central Bengal, the ruins of Gauda; the capital of the Gaudas lie 10 miles to the Southwest of the modern town Malda, sub-caste of
Brahmanas. गौडिक - गोडिग (गुड-) (वि०) (त्रि०) गुड़ बनाने
वाला (-इक्षुकुट्टक:);one whoprepares
sugar lumps from sugarcane juice. गौडी- गोडी (स्त्री०) साहित्य में एक रीति, परुषा
वृत्ति, एक सुरा; the bold and spirited style in poetry, wine prepared with
molasse. गौण - गोण (गुण-) (वि०) (त्रि०) गुणाधृत, अङ्ग
(विप० प्रधान), अप्रधान; qualitative,
subordinate, secondary. गौणिक - गोणिग (गुण-) (वि०) (त्रि०) सत्त्व,
रजस् तमस् नामक 3 गुणों से संबद्ध; related
to the three attributes. गौणी - गोणी (स्त्री०) लक्षण का एक भेद;a sub
type of the second agency of mean
_ing. गौतम - गोतमो (पुं०) एक ऋषि, शरद्वान के पिता,
एक अन्य ब्राह्मण जो वर्धमान महावीर का शिष्य बना था;asage, father of Saradwnthe father of Krpa, an another brāhmana who later became a
desciple of Mahāvira. गौतम बुद्ध - गोयम बुद्धि (पुं०) शाक्यों के मुनि
गौतम का नाम बुद्ध; इसलिये पड़ा था क्योंकि उसने आत्मिक जगत् का परम ज्ञान (बोघि) प्राप्त कर लिया था वे महावीर के समकालीन थे। यह कपिलवस्तु के एक शाक्य सामन्त शुद्धोदन के पुत्र थे और विवाहोपरान्त, जगत् की असत्यता का आभास पाकर इन्होंने घर त्याग कर तपोवन की शरण ली थी। गया पहुँचकर गौतम ने दारुण तपस्या की, किंतु केशों की आग में उन्हें ज्ञान का अमृत न मिल पाया। तब उन्हें बोध हुआ कि दैहिक केश से ज्ञान का संबन्ध नहीं के बराबर है: ज्ञान तो सत्य दर्शन में है और दर्शन के लिये तपश्चर्या अनपेक्षित है। सत्यदर्शन बुद्ध को हो गया और वे वाराणसी के समीप सारनाथ में मृगदाव में जाकर ठहर गये। 5 साथी हो लिये और शनैः-शनैः बुद्ध प्रवचन करते रहे और तब सत्यधर्म के तुङ्गपर विराजित हो कर 80 बरस की आयु में वे कुशीनगर में -जो नेपाल की तराई में छोटी राप्ती और गण्डक के संगम पर है- स्वर्ग सिधार गये। बुद्ध राजा बिम्बसार और अजातशत्र के समकालीन थे।; The career of Gautama, the sage of the Sākyas, known generally as the Buddha, because he attained supreme spiritual knowledge (बोधि) similar th that of Mahavira the founder of Jainism. He was the son of a noble Sākya, the rāja of Kapilavastu in the Nepalese Taräi,
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