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(viii)
क्र० सं० भाग
वर्ण
पृष्ठ
प्रकाशनकाल
1. प्रथम भाग 2. द्वितीय भाग 3. तृतीय भाग 4. चतुर्थ भाग 5. पंचम भाग 6. षष्ठ भाग 7. सप्त भाग
आ वर्ण आ - ऊ ए-क्ष ज- न
894 1178 1364 1778 1639 1466 1244
1910 1913 1914 1917 1921 1923 1925
प- भ
म - ब स - ह
मुनि रत्नचन्द्र : अर्धमागधी कोश - अर्ध मागधी कोश मूलत: गुजराती में लिखा गया। इस कोश की रचना में मुनि उत्तमचन्द्र जी, आत्माराम जी, मुनि माधव जी, तथा मुनि देवेन्द्र जी ने भी सहयोग दिया। इसका हिन्दी तथा अंग्रेजी में रूपान्तर प्रीतम लाल कच्छी तथा उनके सहयोगी विद्वानों ने किया।
क्र० सं० भाग
वर्ण
प्रकाशन वर्ष
512
1923 1927
1. प्रथम भाग 2. द्वितीय भाग 3. तृतीय भाग 4. चतुर्थ भाग
(परिशिष्ट सहित)
अ आ - ण त-ब भ-ह
1002 1000 1015
1929 1932
पं० हरगोविन्ददास त्रिकमचन्द्र सेठ : पाइय-सद्दमहण्णव - प्रस्तुत कोश कठोर परिश्रम के पश्चात् पाठकों के सामने है। इस ग्रन्थ के निर्माण में लगभग 300 ग्रन्थों से सहायता ली गयी।
___ सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार : पुरातन और जैन वाक्य सूची - इसमें कुल 25352 प्राकृत पद्यों की अनुक्रमणिका है।
सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार, पं० रमानन्द शास्त्री : जैन प्रशस्ति संग्रह - इस कोश में संस्कृत-प्राकृत भाषों के 171 ग्रन्थों की प्रशस्तियों का संकलन किया गया है।
श्री मोहनलाल बांठिया एवं श्रीचन्द्र चोरडिया : लेश्या कोश - इस ग्रन्थ में 43 ग्रन्थों का उल्लेख किया गया है।
श्री मोहनलाल बांडिया एवं श्रीचन्द्र चोरडिया : क्रिया कोश - इसमें कुछ ग्रन्थों का भी उल्लेख किया गया है। जे० एल० जैनी : जैन नेम डिक्सनरी (Jain Gem Dictionary) यह कोश जैन पारिभाषिक शब्दों को समझने के लिए बहुत उपयोगी है।
क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी : जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश - सन् 1957 में घर से सन्यास ग्रहण कर लिया तथा 1963 में क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की। आपने शान्ति पथ प्रदर्शक, नये दर्पण, जैन-सिद्धान्त शिक्षण,
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