________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 980 ) बैगुनी (स्त्री०) तुष्यम् [ विस्+अण् +कोप, विद्वस् | बंपुर्यम् [ विधुर+ध्या ] 1. शोकावस्था 2. विक्षोभ व्य] ज्ञान, अधिगम, बुद्धिमत्ता। . थरथरी, सिहरन / बंदर्य (वि.) (स्त्री०-री,-यों) [विदूर+ष्य] विदूर | वषेय (वि.) (स्त्री०-यी) [विधि+ढक्] 1. नियमानुकूल, से उत्पन्न या लाया गया, -र्यम् वैदूर्य मणि, नीलम | विहित 2. मूर्ख, बुद्ध, जड, यः मूढ, जडमति-प्रल-०७।१०, शि० 3145 / पत्येष वैधेयः-श०२, विक्रम०२।। वैदेशिक (वि.) (स्त्री०-की) [विदेश+ठा] दूसरे देश | वैनतेयः [विनता+ढक ] 1. गहड,-वैनतेय इव विनता से संबंध रखने वाला, अन्य देश का, और देशों से नन्दनः-का०, रघु० 11159,1688, भग० 10 // 30 लाया हवा,-कः अन्य देश का व्यक्ति, विदेशी। 2.अरुण / वेश्यम् [विश+व्या] विदेशीपन, विदेशी होना। वैनयिक (वि०) (स्त्री०-को)विनय+ठक] 1. शिष्टता, बेहः [विदेह+अण] 1. विदेह देश का राजा 2. विदेह सौजन्य, सदाचरण या अनुशासनसम्बन्धी 2. शिष्टा का रहने वाला 3. व्यापारी वैश्य 4. ब्राह्मण स्त्री में चार का व्यवहार करने वाला, कः सामरिक रथ / वैश्य पुरुष से उत्पन्न सन्तान -मनु०१०।११, हाः वैनायक (वि.) (स्त्री०-की) [विनायक+अण् ] (पुं०,ब०व०) विदेह देश के राष्ट्रजन, ही सीता गणेशसम्बन्धी-मा० 111 / -वैदेहिबन्धोई दयं विदद्रे-रघु० 14133 (यहाँ बैनायिकः / विनायं खण्डनमधिकृत्य कृतो ग्रन्थः - विनाय 'वैदेही' शब्द का अन्तिम स्वर ह्रस्व कर दिया +ठक्] 1. बौद्ध संप्रदाय के दर्शन-सिद्धान्त 2. उस गया है)। सम्प्रदाय का अनुयायी। बहकः [वैदेह+कन्] 1. व्यापारी 2. = वैदेह (4) / / वनाशिकः [विनाश+ठक 1. दास 2. मकड़ी 3. ज्योतिषी बंदेहिकः [विदेह+ठक] सौदागर। ___4. बौद्धों के सिद्धान्त 5. उन सिद्धान्तों का अनुयायी। पंच (वि.) (स्त्री०-पी) [वेद+यत्] 1. वेद सम्बन्धी, | वैनीतक दे० 'विनीतक'। आध्यात्मिक 2. आयुर्वेद सम्बन्धी, आयुर्वेद विषयक, | वपरीत्यम् [विपरीत-ज्य ] 1. विरोधिता, विरोध -- विद्या अस्ति अस्य -विद्या+अण] 1. विद्वान | 2. असंगति / पुरुष, विद्यावान्, पण्डित 2. आयुर्वेदाचार्य, चिकित्सक वैपुल्यम् [विपुल -व्यञ ] 1. विस्तार, विशालता -वैद्ययनपरिभाविनं गदं न प्रदीप इव वायुमत्यगात् 2. पुष्कलता, बहुतायत / - रघु० 19453, वैद्यानामातुरः श्रेयान् - सुभा० बंफल्यम् [विफल+ व्या निरर्थकता, विफलता। 2. वंद्य जाति का पुरुष, जो वर्णसङ्कर समझा जाता ! वैबोधिकः [विबोध-ठक ] 1. चौकीदार 2. विशेषकर है (वैश्य स्त्री में ब्राह्मण द्वारा उत्पन्न सन्तान)। वह जो रात में सोने वालों को, पहरा देते समय, सम० -क्रिया वंद्य का व्यवसाय, चिकित्सक के रूप समय की घोषणा करके जगाता रहता है कि० में अभ्यास, - भाष: 1. धन्वन्तरि 2. शिव। 9 / 74 / पंचकः [ वैद्य+कन् ] वैद्य, चिकित्सक,-कम् चिकित्सा- | वैभवम | विभ--अण | 1. बडप्पन, यश, महिमा, चमकविज्ञान / दमक, ठाठ-बाट, दौलत 2. शक्ति, ताकत कि० बैचुत (वि.) (स्त्री०-ती) [विद्युत+अण्] बिजली से | 12 / 3 / / सम्बद्ध या उत्पन्न, बिजली-वृक्षस्य वैद्युत इवाग्नि- | वैभाषिक (वि.) (स्त्री० की) [ विभाषा+ठक ] रुपस्थितोऽयम्-विक्रम० 4 / 16, उत्तर० 5.13 / ऐच्छिक, वैकल्पिक / सम० - अग्निः, - अनलः वह्निः बिजली की आग। वैनम् (नपुं०) विष्णु का वैकुण्ठ। वेष (वि.) (स्त्री०-धी), वैधिक (वि.) (स्त्री०-की) बभ्राजम् [विभ्राज्+अण् ] स्वर्गीय उपवन या उद्यान / [विधि+अण, ठक् वा] 1. नियम के अनुरूप, मत्यम् [ विमत-+-ष्य ] 1. मतभेद, अनबन 2. नापव्यवस्थित, निश्चित, कर्मकाण्डविषयक 2. कानूनी, संदगी, अरुचि। विधि या कानून सम्मत। वैमनस्यम् [विमनस्+ध्या 1 1. मन का उचटना, धर्म्यम् [विधर्म+ध्या 1 1. असमानता, भिन्नता | मानसिक अवसाद, शोक, उदासी--श०६ 2. रोग / 2. लक्षण गुणों का अन्तर 3. कर्तव्य या आभार का | वैमात्रः, वैमात्रेयः [ विमातृ+अण्, ढक् वा ] सौतेली माँ अन्तर 4. वैपरीत्य 5. अवधता, अनौचित्य, अन्याय | का बेटा। 6. पाखण्ड। बमात्रा, बमात्री, मात्रेयी [ वैमात्र+टाप, झोप वा, पंचवेयः [विधवा+दक विधवा का पुत्र / वैमात्रेय+ही] सौतेली मां की बेटी। वैषव्यम् [विषवा+ध्य ] विषवापन, कु. 41, वैमानिक (वि०) (स्त्री० की) [विमान+ठक् ] देवमालवि०५। यान में आसीन,-क: गगनविहारी। For Private and Personal Use Only