________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 968 ) रामस्य वनप्रयाणम्-भट्टि० 36 2. अपने लिए चुनना। 3 / 67 2. विवाह के लिए पसंद करना 3. याचन (आ०) वृणते हि विमृश्यकारिणं गुणलब्धाः स्वयमेव / करना, प्रार्थना करना, निवेदन करना। सम्पद:-कि० 2130, रधु० 3 / 6 3. विवाह के लिए | वह वृहित दे० 'बृह' बृहित / / वरण करना, प्रणय-प्रार्थना करना, प्रणययाचना करना | बंक (भ्वा० आ० वकते) पकड़ना, लेना, ग्रहण करना। -महावी० 1228, अनर्घ० 3 / 42 4. प्रार्थना करना, वकः [वृ+का+] 1. भेड़िया 2. लकड़बग्घा 3. गीदड़ निवेदन करना, याचना करना 5. उकना, छिपाना गुप्त 4. कौवा 5. उल्लू 6. लुटेरा 7. क्षत्रिय 8. तारपीन रखना, परदा डालना, लपेटना--मेधैर्वृतश्चन्द्रमाः 9. गन्धद्रव्यों का मिश्रण 10 एक राक्षस का नाम -मच्छ० 5 / 14 6. घेरना, लपेटना भट्टि० 5 / / 11 एक वृक्ष का नाम, बकवृक्ष 12. जठराग्नि / सम. 10, रघु. 12 // 61 7. परे हटना, दूर करना, ----अरातिः, - अरिः कुत्ता, उदरः 1. ब्रह्मा का विशेनियंत्रण करना, रोकना 8. विघ्न डालना, विरोध षण 2. द्वितीय पांडव राजकुमार भीम का विशेषण करना, अड़चन डालना, प्रेर०-(वारयति-ते) 1. ढकना, भग० 1115, कि० २।१,-वंशः कुत्ता, धूपः छिपाना 2. (किसी वस्तु से) आँख फेर लेना (अपा० 1. तारपीन 2. मिश्रगंध,-धर्तः गीदड़। के साथ) 3. रोकना, हटाना, नियंत्रण करना, दबाना, / वृक्कः,-क्का 1. हृदय 2. गुर्दा (इस अर्थ में द्वि०व०)। जांच पड़ताल करना, विघ्न डालना -शक्यो वारयित वृषण (भू० क० कृ०) [वश्च् + क्त] 1. कटा हुआ, बांटा जलेन हुतभुक-भर्तृ० 2111, इच्छा० वर्षति-ते, हुआ 2. फाड़ा हुआ 3. तोड़ा हुआ। विविरिषति-ते, विवरिषति-ते, चुनने की इच्छा वृक्त (भू० के० कृ०) [वज्+क्त स्वच्छ किया गया, करना, अप , खोलना (प्रेर०) ढकना, छिपाना साफ़ किया गया, निर्मल किया गया। अपा-, खोलना मा-, 1. ढकना, छिपाना, गुप्त रखना वृक्ष (ध्वा० आ० वृक्षते) 1. स्वीकार करना, चुनना आवणोदारमनोरन्धं रन्ध्र प्रहरन रिपन - रघु०१७।। 2. ढकना। 61, भट्टि० 924 2. पूरना, व्याप्त होना -भग. वृक्षः विश्च +क्स] 1. पेड़-आत्मापराधवक्षाणां फलान्येता१३।१३, मनु० 21144 3, चुनना, इच्छा करना नि देहिनाम् / सम० - अवन: 1. बढ़ई की चौरसी 4. निवेदन करना, प्रार्थना करना 5. घेरना, नाके बंदी 2. कुल्हाड़ी 3. बड़ का पेड़ 4. पियाल वृक्ष, - अम्लः करना, रोकना -रघु० 7 / 31 6. दूर रखना भट्टि आमड़ा,—आलयः एक पक्षी,-आवासः 1. एक पक्षी 14 / 109, नि-, घेरा डालना, घेरना भट्रि० 14 // 2. संन्यासी, --आधयिन् (पुं०) एक प्रकार का छोटा 19, (प्रेर०)—परे हटना दूर करना, आँखें फेरना उल्लू, कुक्कुटः जंगली मुर्गा, ---खंड निकुंज, वृक्षों का (अपा० के साथ) - पापानिवारयति योजयते हिताय समूह,-बरः बन्दर,-छाया वृक्ष की छाया (पम्) -भर्तृ० 2172, निस् , (बहुधा क्तांत रूप) प्रसन्न सघन छाया, बहुत से वृक्षों की (गाढ़ी) छाया,--धूपः होना, संतुष्ट या संतृप्त होना -निर्ववार मधनींद्रिय- तारपीन, नाषः बड़ का पेड़,-तिर्यासः गोंद, राल, वर्ग:-शि०१०१३, दे० निर्वत, परि-, घेरना, प्र-, ... पाक: बड़ का पेड़,-भिब् (स्त्री०) कुल्हाड़ी, 1. ढाकना, लपेटना - प्रावारिषरिव क्षोणी क्षिप्ता -..मटिका गिलहरी,--बाटिका, --वाटी उद्यान, वृक्षाः समन्ततः भट्टि० 9 / 25 2. पहनना, धारण उपवन, ..शः छिपकली,--शायिका गिलहरी / करना 3. चुनना, छाटना, प्रा--, पहनना, धारण वृक्षकः [वृक्ष+कन्] 1. छोटा पेड़-कु० 5 / 14 2. पेड़। करना, वि-, 1. ढक देना, ठहरना 2. खोलना--कु० बच (रुधा० पर० वृणक्ति) छांटना, चुनना / 4 / 26 3. तह खोलना, भंडाफोड़ करना, भेद बजi (अदा० आ० वृक्ते) टाल जाना, कतराना, परिखोलना, प्रकट करना, प्रदर्शन करना नै० 9 / 1, त्याग करना। कु० 3 / 15, रघु० 6385, भट्रि०७७३ 4. सिखाना, ii (रुधा० पर० वृणक्ति) 1. टाला जाना, कतराना, व्याख्या करना, स्पष्ट करना-महावी० 2 / 43 छोड़ देना, परित्याग करना 2. चुनना-आसामेकतमां 5. फैलाना, भामि० 15 6. चुनना विनि-, (प्रेर०) वंग्धि सवर्णां स्वर्गभूषणाम -भाग. 3. प्रायश्चित रोकना, दूर हटाना, दबाना --विनयं विनिवार्य मा० करना, पोंछ डालना, निर्मल करना तन्मे रेत: पिता 1118 सम्-, 1.छिपाना, ढकना, प्रच्छन्न करना-मुहु- वृक्तामित्यस्यैतन्निदर्शनम् ---मनु० 9 / 20 4. मुड़ना, रगुलिसंवृताधरोष्ठम्-श० 3 / 15, 2010, रघु० // आंख फेरना। 20, 730 2. दबाना, नियंत्रित करना, विरोध iii (भ्वा० पर०, चुरा० उभ० वर्जति, वर्जयति-ते, करना - भट्टि० 9 / 27 3. बन्द करना। वजित) 1. कतराना, टाल जाना 2. छोड़ना, परित्याग ii(चुरा० उभ० वरयति-ते)1 वरण करना, चुनना। करता 3. निकाल देना, एक ओर रख देना 4. अलग -वरं वरयते कन्या माता-वितम् पिता श्रुतम-पंच. रहना 5. टुकड़े टुकड़े कर देना (कविरहस्य से उद्धृत For Private and Personal Use Only