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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 4. लाना, पहुंचाना 5, फेंक देना, डालना 6. खाना, विशेषण,-दण्डः वीणा की गर्दन-भामि० ११८०,-वादः, उपभोग करना 7. प्राप्त करना 8. गर्भधारण करना, | - धावकः वीणा बजाने वाला। उत्पन्न करना 9. पैदा होना, जन्म लेना 10. चमकना, | वीत (भू० क० कृ०) [वि+5+क्त ] 1 गया हुआ, सुन्दर होना। अंतहित 2. जो चला गया, बिदा हो गया 3. जिसको वोकः [अज्+कन्, वी आदेशः ] 1. वायु 2. पक्षी, जाने दिया गया, ढीला, उन्मुक्त 4. अलगाया हुआ, 3. मन / विमुक्त किया हुआ 5. अनुमोदित, पसंद किया गया बोकाश दे 'विकाश'। 6. युद्ध के अयोग्य 7. पालतू, शान्त 8. मुक्त, शून्य पोलम् [वि+ ईक्ष् + अच् ] 1. दृश्य पदार्थ 2. अचम्भा, (बहुधा समास में) वीतचित, वीतस्पह, वीतभी, आश्चर्य,-क्षः,-क्षा, देखना, ताकना। वीतशंक आदि,तः हाथी या घोड़ा जो युद्ध के अयोग्य बीक्षणम्,–णा [वि+ईक्ष् + ल्युट ] देखना, निहारना, हो या सधाया न गया हो, तम् (हाथी को) अंकुश दृष्टि डालना। से गोदना तथा परों से प्रहार करना,---वीतवीतभया बीक्षितम् [वि+ईश्+क्त ] दृष्टि, झलक / नागाः कु०६।३९ (पाठांतर-दे. इस पर मल्लि.) बीक्य (वि.) [वि+ईश्+ण्यत् ] 1. देखे जाने के योग्य शि० 5 / 47 / सम० दम्भ (वि०) विनम्र, विनीत, 2. दृश्य, दृष्टिगोचर,-क्ष्यः 1. नर्तक, नट, अभिनेता, --भय (वि०) निर्भय, निडर (यः) विष्णु का विशेपात्र 2. घोड़ा, -क्यम् 1. देखे जाने के योग्य कोई षण, मल (वि०) पवित्र, निर्मल, -- राग (वि०) भी वस्तु, दृश्यमान पदार्थ 2. आश्चर्य, अचंभा / 1. इच्छारहित कु०६।४३ 2. निरावेश, सौम्य, शान्त बीजा [वि+इल +अ+टाप् ] 1. जाना, हिलना- 3. विवर्ण, बिना रंग का, (गः) एक ऋषि जिसने जुलना, प्रगति 2. घोड़े का कदम 3. नाच 4. संगम, अपने रागों का दमन कर लिया था,-शोक: मिलन / (--अशोकः) बशोक वृक्ष। बीचिः (पु०, स्त्री०) वीची [ वे+इचि, डिच्च, वीचि | वीतंसः [ विशेषेण बहिरेव तस्यते भूष्यते वितंस्+ -की ] 1. लहर-समुद्रवीचीव चलस्वभावा:-पंच० घा , उपसर्गस्य दीर्घः] 1. पींजरा या जाल जिसमें 1 / 194, रव० 6.56, 12 / 100, मेघ० 282. असं- पक्षी या अन्य वन्य पशु फसाये जाते हैं 2. चिड़ियाघर, गति, विचारशून्यता 3. आनन्द, प्रसन्नता 4. विश्राम, शिकार के पशुओं को पालने का स्थान / अवकाश 5. प्रकाश की किरण 6. स्वल्पता। सम० वोतनी (पं०, द्वि०व०) [ विशिष्टं तनोति--वि+तन् -मालिन् (पुं०) समुद्र / +अच, पृषो० दीर्घः ] गले के अगल बगल के बीची दे० 'वीचि। पाव। बोi (म्वा० आ० वीजते) जाना। वीतिः [ वी+क्तिन् ] घोड़ा, तिः (स्त्री०) 1. गति, ___ii (चुरा० उभ० वीजयति ते) पंखा करना, पंखा चाल 2. पैदावार, उपज 3. सुखोपभोग 4. भोजन करके ठंडा करना-खं वीज्यते मणिमयैरिव तालवन्तः / करना 5. प्रकाश, कान्ति / सम०-होत्रः 1. अग्नि -मृच्छ० 5.13, कु० 2 / 42, अभि-, उप-, 2. सूर्य। परि, पंखा करना -- तु० 3 / 4, श० 3 / वीथिः, थो (स्त्री०) [ विथ+इन्, डीप वा, पृषो०] वीज वीजक, वीजल, / दे० बीज, बीजक, बीजल, / 1. सड़क, मार्ग, -कि० 7 / 17 2. पंक्ति, कतार बीजिक वीजिन, बीज्य बीजिक, बीजिन और बीज्य / 3. हाट, आपणिका, मंडी में दुकान --- शि० 9 / 32 वीजनः [ वी+ल्युट J1. चक्रवाक 2. एक प्रकार का 4. नाटक का एक भेद / इसकी परिभाषा सा० द. चकोर,-नम् 1. पंखा करना कु०४।३६ 2. पंखा। निम्नांकित है वीथ्यामेको भवेद ङ्कः कश्चिदेकोऽत्र वोटा [वि+इट्+क+टाप् ] 1. लकड़ी का एक छोटा कल्प्यते, आकाशभाषिते रुक्तैश्चित्रां प्रत्युक्तिमाश्रितः / टुकड़ा, गुल्ली (लगभग एक बालिश्त) जिसको लड़के सूचयेद्भरि शृङ्गारं किञ्चिदन्यान्रसानपि / मुखडंडा मार कर खेलते हैं, गुल्ली डंडा। निर्वहणे सन्धी अर्थप्रकृत योऽखिलाः, 520 / बीटिः, बीटिका, वीटी [वि-इट-+इन, स च कित, वीटि | वीथिका [वीथि--कन+टाप् ] 1. सड़क आदि 2. चित्र +कन्+टा, वीटि+कोष वा ] 1. पान की बेल, शाला, चित्रसारी (जिस पर चित्र चित्रित किये 2. पान लगाना 3. बंधन, गांठ, ग्रंथि (पहने जाने जाते हैं) चित्रागार, चित्रावली-आर्यस्य चरित्रमस्यं बाले वस्त्र की) 4. चोली की तनी - अमरु 23 / / वीथिकायामालिखितम्-उत्तर० 1 / बीणा [ वेति वृद्धिमात्रमपगच्छति-वी+न, नि० णत्वम् ] | बीध्र (वि.) [ विशेषेण इन्धते - वि + इन्ध् + क्रन्, उप 1. सारंगी, बीणा मूकीभूतायां वीणायाम् - का०, सर्गस्य दीर्घः | निर्मल, स्वच्छ,- ध्रम् 1. आकाश मेघ० 86 2. बिजली। सम० आस्यः नारद का | 2. वाय, हवा 3. अग्नि / For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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