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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 927 ) 1. सहायता प्राप्त करने के लिए क्रंदन करना, दुहाई। विख, विखु, विल्य, / [विगता नासिका यस्य -व० स० देना 2. गाली। विख, विख, विन नासिकायाः खु, ख्य, ख, ख, ग्र विकेय (वि०) [वि+की+यत] बेचने के योग्य, (कोई | वा आदेशः] नासिका से रहित, बिना नाक / वस्तु) विक्री कर दी जाने के योग्य / विखण्डित (भू० क. कृ.) [वि+खण्ड्+क्त] 1. टूटा विक्रोशनम् [वि-क्रुश्+ल्युट्] 1. चिल्लाना, चीत्कार | हुआ, विभक्त किया हुआ 2. दो खण्डों में किया हुआ। करना 2. गाली देना। | विखानसः (पुं०) एक प्रकार का साधु / बिक्लव (वि.) [वि+क्ल+अच] 1. भयभीत, भड़का विखुरः (पुं०) 1. राक्षस, पिशाच 2. चोर। हुआ, चौंका हुआ, त्रस्त -आचकांक्ष घनशब्दविक्लवा:- विख्यात (भू० क. कृ.) [वि+ख्या+क्त] 1. प्रख्यात, रघु० 19138, कु० 4 / 11 2. डरपोक -शि०७।४३, --... विश्रुत, प्रसिद्ध, मशहूर 2. नामवर, नामधारी 3. मेघ. 37 3. रोगग्रस्त, परास्त -कि० 116 6. ... स्वीकृत, माना हुआ। बिक्षुब्ध, उत्तेजित, घबराया हुआ, विह्वल - श० विल्यातिः (स्त्री०) [वि+ख्या+क्तिन्] प्रसिद्धि, कीर्ति, 3 / 26 5. दु:खी, कष्टग्रस्त, संतप्त--शि० 12 / 63, यश, नाम / कु० 4 / 39 6. ऊबा हुआ, अरुचिवान् -- मृगयाविक्लवं | विगणनम् [वि+गण्+ल्युट्] 1. गिनना, संगणन, हिसाब चेतः --श० 27. हकलानेवाला, लड़खड़ानेवाला -.. लगाना 2. विचारना, विचारविनिमय करना 3. ऋण प्रस्थानविक्लवगतेरवलंबनार्थी श० 5 / 3 / का परिशोध करना। विक्लिन्न (भ० क० कृ०) [वि+क्लिद--क्त 1. अत्यंत | विगत (भु० क० कृ०) [वि-+-गम्+क्त] 1. जिसने प्रयाण गीला, पूरी तरह भीगा हुआ 2. मुझाया हुआ, सूखा कर लिया है, जो चला गया है, लप्त 2. जो अलग किया हुआ 3. पुराना। गया है, वियुक्त 3. मृतक 4. विरहित, शून्य, मुक्त विक्लिष्ट (भू० क० कृ०) [वि+क्लिश्+क्त] 1. अत्यंत (समास में) विगतमदः 5. खोया हुआ 6. धुंधला, कष्टग्रस्त, दुःखी 2. घायल, नष्ट किया हुआ, ---ष्टम् अस्पष्ट / सम-आर्तवा वह स्त्री जिसे बच्चा होना उच्चारण दोष। (या रजोधर्म होना) बन्द हो चुका हो,--कल्मष विक्षत (भू० क. कृ.) [वि+क्षण+क्त] फाड़ कर अलग (वि.) निष्पाप, पवित्र,-भी (वि.) निर्भय, निडर, अलग किया हुआ, घायल, चोट पहुंचाया हुआ, -लक्षण (वि.) भाग्यहीन, अशुभ। आघातग्रस्त / विगन्धकः [विरुद्धः गंधो यस्य ब० स०] इंगुदी नाम का विक्षावः [वि+क्षु+घन] 1. खांसी, छींक आना 2. ध्वनि / पेड़। विक्षिप्त (भू० क. कृ.) [वि+छिप्+क्त] 1. बिखेरा विगमः [वि+गम-+अप] 1. प्रस्थान करना, अन्तर्धान, हुआ, इधर उधर फेंका हुआ, छितराया हुआ, डाला समाप्ति, अन्त -चारुनृत्यविगमे च तन्मुखम् रघु० हुआ 2. अलग करना, पदच्युत करना 3. भेजा गया, 19 / 15, ईतिविगम --मालवि. 5 / 20, ऋतु. 6 / 22 प्रेषित 4. भ्रान्त, व्याकुल, विक्षुब्ध 5. निराकृत (दे० 2. परित्याग--करणविगमात्-मेघ०५५ (देहत्यागात्) वि पूर्वक क्षिप्)। 3. हानि, नाश 4. मृत्यु / / विक्षीणकः (40) 1. शिव के सेवकगण का मखिया / विगरः (पुं०) 1. नग्न रहने वाला सन्यासी 2. पहाड 2. देवसभा। 3. वह पुरुष जिसने भोजन करना त्याग दिया हो। विक्षीरः [विशिष्टं विगतं वा क्षीरं यस्य प्रा० ब०] मदार विगहणम्,-णा [वि+गह +ल्युट, स्त्रियां टाप] निन्दा, का पौधा। कलंक, भत्र्सना, अपशब्द -वेणी० 112 / विक्षेपः [वि+छिप्+घञ्] 1. इधर-उधर फेंकना, बखेरना | विहित (भू० क० कृ०) [वि०+गई.+क्त] 1. निन्दित, 2. डालना, फेंकना 3. कर्तव्य निर्वाह करना (विप० फटकारा हुआ, गाली दिया हुआ 2. तिरस्कृत 3. दोषी संहार) --रघु० 5 / 45 4. भेजना, प्रेषण 5. ध्यान ठहराया गया, बुरा भला कहा गया, प्रतिषिद्ध हटाना, हड़बड़ी, व्याकुलता-मा० 16. खटका, भय 4. नीच, दुष्ट 5. बुरा, बदमाश / 7. तर्क का निराकरण 8. ध्रुवीय अक्षरेखा / विगलित (भू० क० कृ०) [वि+गल्+क्त] 1. बूंद बूंद विक्षेपणम् [वि+क्षिप् + ल्युट] 1, फेंकना, डालना, निकाल | चूआ हुआ, मन्द मन्द निःसृत 2. अन्तहित, गया हुआ बाहर करना 2. प्रेषण, भेजना 3. बखेरना, छितराना 3. अपः पतित 4. पिघला हुआ, घुला हुआ 5. तितर4. हड़बड़ी, व्याकुलता। बितर हुआ 6. ढीला किया हुआ, खोला हुआविक्षोनः [वि+शुभ्+घन] 1. हिलाना, हलचल, विक्रम. 4 / 107. खुला हुआ, बिखरा हुआ, अस्त आन्दोलन, वीचि --रघु. 143 2. मन की हलचल, व्यस्त (बाल आदि) (दे० वि पूर्वक 'गल')। ध्यान हटाना, खलबली 3.इन्द्र, संघर्ष / विगानम् [विक्वं गानं प्रा०स०] 1. निन्दा, भर्त्सना, मान For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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