________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विकीर्ण (भू.क.०)[वि+क+क्त] 1. बखेरा हुआ शौर्य, नायक की बहादुरी, अनुत्सेक: खल विक्रमा छितराया हआ 2. प्रसूत 3. विख्यात / सम-केश, लंकारः-विक्रम० 1, रघु० 12187, 93 5. उज्ज---मूर्षज (वि.) बालों को नोचने वाला, बालों को यिनी के एक प्रसिद्ध राजा का नाम -- दे० परि० बिखेरन या उलझ-पुलझ करने वाला,-शम् एक प्रकार 2 6. विष्णु का नाम / सम-अर्क:-- आदित्यः की संगन्ध / दे० विक्रम, कर्मन् (नपुं०) शुरवीरता का कार्य, विकुण्ठः [विगता कुंठा यस्य प्रा० ब०] विष्णु का स्वर्ग / पराक्रम के करतब। निर्वाण (वि.) [वि+क+शानच् ] 1. परिवर्तित होने विक्रमणम् [वि+क्रम+ल्युट] (विष्णु का) एक डग -- वाला, या परिवर्तन करने वाला 2. प्रसन्न, खुश, हृष्ट। छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन -गीत०१।। बिकुलः[वि+क+रक्, उत्वम् ] चन्द्रमा / विऋमिन् (बि०) [वि+क्रम् -णिनि ] पराक्रमी, शूरविकूजनम् [वि+कू+ल्युट ] 1. गुटुरगू करना, कलरव वीर-पुं० 1. सिंह 2. नायक 3. विष्णु का विशेषण / करना 2. (अंतडियों या नलों में) गुडगुड़ाहट। | विक्रयः [ वि+की+अच्] बिक्री, बेचना मनु० 3 / 54 / विकूणनम् [वि-कूण+ल्युट् ] तिरछी चितवन, कटाक्ष / सम-अनुशयः बिक्री का खण्डन करना,-पत्रम् विकणिका [वि+कूण्+ण्वुल+टाम्, इत्वम् ] नाक।। बिक्री का पत्र, बैनामा / विकृत (भू० क० कृ० ] 1. परिवर्तित, बदला हुआ, सुधारा | विक्रषिकः, विक्रयिन् (पुं०) [ विक्री-- इकन्, णिनि वा ] हुआ 2. रोगी, बीमार 3. क्षतविक्षत, विरूपित, जिसकी / व्यापारी, विकेता, बेचने वाला। सूरत बिगड़ गई हो 4. अपूर्ण अधूरा 5. आवेशग्रस्त | विक्रस्रः [वि+कम+रक, अत्वं, रेफादेशः ] चांद। 6. पराङ्मुख, ऊबा हुआ 7. बीभत्स 8. अनोखा, विकान्त (भू० के० कृ०) [वि+क्रम्+क्त ] 1. परे तक असाधारण (दे० वि पूर्वक कृ),-सम् 1. परिवर्तन, गया हुआ, डग रक्खे हुए 2. शक्तिशाली, शूरवीर, सुधार 2. और भी बिगड़ जाना, बीमारी 3. अरुचि, बहादुर, पराक्रमी 3. विजयी, (अपने शत्रुओं को) परास्त करने वाला,-त: 1. शूरवीर, योद्धा 2. सिंह, विकृतिः (स्त्री०) [वि++क्तिन् ] (अभिप्राय, मन, - तम् 1. पद, डग 2. घोड़े की सरपट चाल 4. शूर रूप आदि का) बदलना-चित्तविकृतिः, अंगुलीयक वीरता, बहादुरी, पराक्रम। सुवर्णस्य विकृतिः 2. अस्वाभाविक, अचानक घटित | विक्रान्तिः (स्त्री०) [वि+क्रम् +क्तिन् ] 1. कदम होने वाली परिस्थिति, दुर्घटना--मरणं प्रकृतिः रखना, डग भरना 2. घोड़े की सरपट चाल 3. शूरशरीरिणां विकृतिर्जीवितमुच्यते बुधः-रधु० 887 | वीरता बहादुरी, पराक्रम / 3. बीमारी 4. उत्तेजना, उद्वेग, क्रोध, रोष-कि० विकान्त (वि.) [वि+क्रम्+तृच् ] बहादुर, विजयी, 13156, शि. 15 / 11, 40, दे० 'विकार' और पुं० सिंह। 'विक्रिया भी। विक्रिया [वि+++टाप्] 1. परिवर्तन, सुधार, विकृष्ट (भू० क. कृ.) [वि+कृष्+क्त ] 1. अलग- बदलना-श्मश्रुप्रवृद्धिजनिताननविक्रियान्-रघु०१३। अलग घसीटा हुआ, इधर-उधर खींचा हुआ 2. आकृष्ट, 71, 1017 2. विक्षोभ, उत्तेजना, उद्वेग, जोश खींचा हुआ, किसी की ओर आकृष्ट 3. विस्तारित, आना--अथ तेन निगुह्य विक्रियामभिशप्तः फलमेतद फैलाया हुआ 4. शब्दायमान (दे० वि पूर्वक कृष्)। न्वभूत् -कु० 4 / 41, 3 / 34 3. क्रोध, गुस्सा, अप्रसविकेश (वि.) (स्त्री० -शी) [विकीर्णाः केशायस्य लता-साधोः प्रकोपितस्यापि मनो नायाति विक्रियाम --प्रा०व[. बिखरे वालों वाला 2. बिना बालों का -~-सुभा०, लिंगमुदः संवृतविक्रियास्ते-रघु० 7.30 गंजा (सिर),-शो 1. ढोले बालों वाली स्त्री 2. 4. उलट, अनिष्ट-कु० 629 (विक्रियाय--वैकबालों के शुन्य (गंजी) स्त्री 3. मीढी, या बालों की ल्योत्पादनाय 'दोष'- मल्लि) 5. (मोजे इत्यादि) छोटी छोटी लटों को मिला कर बनाई हुई चोटी, बुनना, आकुंचन वा (भौंहों की) सिकुड़न .... भूविक्रि यायां विरतप्रसंगैः कु० 3 / 47 6. आकस्मिक विकोश -ब (वि.) [ विगतः कोशो यस्य--प्रा० ब० ] आन्दोलन जैसा कि 'रोमविक्रिया' में - विक्रम० 1 // 1. बिना भूसी का 2. बिना म्यान का, बिना ढका 12, 'रोमांच होना' 7. अकस्मात रोगग्रस्तता, बीमारी हुआ-कि० 17445, रघु० 7.48 / 8. उल्लंघन, (उचित कर्तव्य का) बिगाड़ देना, रघु० विषक: [ विक्+के+क] तरुण हाधी। 15 / 48 / सम०-उपमा दण्डी द्वारा वर्णित उपमा विक्रमः [ वि+क्रम्+घ, अच् वा ] 1. कदम, डग, का एक भेद - दे. काव्य० 2 / 41 / पग -श० 76, तु० त्रिविक्रम 2. कदम रखना, | विकृष्ट (भू० क० कृ०)[वि+क्रुश्+क्त ] 1. चीत्कार चलना 3. पकड़ लेना, प्रभाव डाल लेना 4. वीरता, किया, चिल्याया 2. कठोर, क्रूर, निर्दय,-ष्टम् वेणी। For Private and Personal Use Only