________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 874 ) २०१५चनकुण्डलामा , देदीप्यमान लावण्य 2. सामणि च ल्युट् मारने का उपकरण लवण (वि.) [ल+ल्युट, पृषो० णत्वम्] 1. क्षारीय, जगमगाना,---मुक्ताहारेण लसता हसतीव स्तनद्वयम् सलोना, नमकीन 2. प्रिय, मनोहर,–णः 1. खारी -काव्य० 10, करवाणि चरणद्वयं सरसलसदलक्तकरागं स्वाद 2. नमकीन पानी का समुद्र 3. एक राक्षस -गीत० 10, अमरु 16, नै० 22153 2. प्रकट का नाम, मधुका पुत्र, यह शत्रुघ्न के द्वारा मारा होना, उगना, प्रकाश में आना 3. आलिंगन करना गया था--रघु० 15 / 2, 5,16, 26 4. एक 4. खेलना, किलोल करना, उछल-कूद करना, नाचना नरक का नाम,---णम् 1. नमक. 2. समुद्री प्रेर० (लासयति-ते) 1. चमकना, शोभा बढ़ाना, नमक, लूण 3. कृत्रिम नमक / सम०--अन्तकः अलंकृत करना 2. नचाना 3. कला का अभ्यास करना, शत्रुघ्न का विशेषण, अब्धिः खारी समुद्र, जम् उद् -,1. क्रीडा करना, खेलना, लहराना, फड़फड़ाना समुद्रीनमक,-अम्बुराशिः समुद्र,-आमाति वेला लवणा- शि० 5 / 47 2. चमकना, जगमगाना, देदीप्यमान म्बुराशेः-रघु० 13115, विक्रम० १११५,-अम्भस् होना-उल्लसत्काञ्चनकुण्डलायम्-शि० 315, 33, (पुं०) समुद्र--रघु० 12170, 17154, (नपुं०) 5 / 15, 2056 3. उदित होना, उगना शि० 4158, नमकीन पानी,-आकर: 1. नमक की खान 2. नमकीन 6 / 11, मा० 9 / 38 4. फूंक मारना, खुलना, विस्तीर्ण जलाशय अर्थात् समुद्र 3. (आलं०) लावण्य की खान होना, (प्रेर०) रोशनी करना, उज्ज्वल करना, परि-, -आलयः समुद्र, उत्तमम् 1. सेंधा नमक 2. यवक्षार, चमकना, सुन्दर लगना, वि-, 1. चमकना, जगमगाना, --उदः 1. समुद्र 2. नमकीन पानी का समुद्र, उदकः, देदीप्यमान होना,-वियति च विललास तद्वदिन्दुविलसति -उदधिः-जल: समुद्र,-क्षारम् एक प्रकार का चन्द्रमसो न यद्वदन्यः-भट्टि० 10668, मेघ० 47, नमक,-मेहः एक प्रकार का मूत्ररोग, समुद्रः रघु० 13176 2. दिखाई देना, उदय होना, प्रकट नमकीन समुद्र, सागर। होना प्रेम विलसति महत्तदहो--शि०१५।१४, 9 / लवणा | लवण+टाप् ] कान्ति, सौन्दर्य। 87 3. क्रीडा करना, मनोविनोद करना, खेलना, लवणिमन् (पुं०) [लवण+इमनिच ] 1. नमकीनपना किलोल करना,-कापि चपला मधुरिपुणा विलसति लावण्य 2. सौन्दर्य, मनोहरता, चारुता। युवतिरधिकगुणा—गीत०७, हरिरिह मुग्धवधूनिकरे लवनम् [लू भावे कर्मणि च ल्युट् ] 1. लुनाई, लावनी, विलासिनि विलसति केलिपरे-गीत० 1, 4. ध्वनि (पके अनाज की) कटाई 2. काटने का उपकरण, करना, गूंजना, प्रतिध्वनि करना / दरांती, हँसिया। लसा [लसति-लस्+अच्-|-टाप्] 1. जाफरान, केसर लवली [लव+ला+क+डी ] एक प्रकार की लता, 2. हल्दी / -मया लब्धः पाणिर्ललितलवलीकन्दलनिभः -उत्तर० / लसिका [लस्+अच्+क+टाप इत्वम् थूक लार। 3140 / लसित (भू० क० कृ०) लस्+क्त] खेला, कीडा की, लवित्रम् [लूयतेऽनेन+लू+इत्र ] काटने का उपकरण, दिखाई दिया, प्रकट हुआ, इधर उधर उछल कूद दरांती, हँसिया। | करने वाला, दे० 'लस्'। लश् (चुरा० उभ० लशयति--ते) किसी कला का अभ्यास | लसीका [लस+डी+न+टाप्] 1. थूक 2. पीप, करना, तु० 'लस्'। मवाद 3. ईख का रस 4. टीके का रस। लशु (शू) नः, नम्। अशेः उनन्, लशश्च ] लहसुन, लस्ज् (भ्वा० आ० लज्जते, लज्जित) 1. शमिन्दा होना, -निखिलरसायनमहितो गन्धेनोग्रेण लशुन इव-रस० लज्जा अनुभव करना (बहुधा करण० या तुमुन्नत के (भामि०१२८१), यशः सौरभ्यलशुनः ...-भामि० साथ)-स्त्रीजनं प्रहरन्कथं न लज्जसे-रत्न० 2, 1193 / भट्टि 15 // 33 2. शर्माना, लजाना प्रेर० (लज्जयति लष् (म्वा० दिवा० पर० लषति, लष्यति, लर्षित) चाहना, -ते) लज्जित करना--रघु० 19 / 14, वि-शर्मीला, इच्छा करना, लालायित होना, उत्सुक होना (प्रायः या बिनीत होना, संकोच करना--यत्रांशकाक्षेप'अभि' उत्सर्ग के साथ), अभि-, चाहना, इच्छा विलज्जितानां-कु० 1314, रघु०१४।२७ / करना, लालायित होना--मानुषानभिलष्यन्ति भट्टि | लस्त (बि० [लस्+क्त] 1. आलिङ्गित, भुजपाशबद्ध 4 / 22, तेन दत्तमभिलेषुरङ्गनाः-रघु० 19 / 12 / 2. दक्ष, कुशल / लषित (भू० क. कृ०) [लष् + क्त ] चाहा हुआ, लस्तकः [लस्त+कन्] धनुष का मध्यभाग, वह भाग जहाँ वाञ्छित। हाथ से पकड़ा जाता है। लष्वः [लष्-+-वन् ] नाटक का पात्र, अभिनेता, नट, | लस्तकिन् (पुं०) [लस्तक + इनि] धनुष / नर्तक / लहरिः,-रो (स्त्री०) [लेन इन्द्रेण इव ह्रियते ऊर्ध्वलस् (म्वा० पर? लसति, लसित) 1. चमकना, दमकना, गमनाय ल+ह+इन्, पक्षे ङीष्] लहर, तरंग, बड़ी For Private and Personal Use Only