________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 862 ) रेचनम्,-ना [रिच+ल्युट्] 1. रिक्त करना 2. घटाना, बढ़ाने वाला, क्षुधोत्तेजक,--कम् 1. भूख 2. मन्दाग्नि कम करना 3. श्वास बाहर निकालना 4. निर्मल को दूर करने वाली कोई पुष्टि कारक औषधि उद्दीकरना 5. मल बाहर निकालना। पक, पौष्टिक 3. काँच की चूड़ियाँ या अन्य बनावटी रेचित (वि.) [रिच+णिच-+-क्त] रिताया गया, साफ आभूषण बनाने वाला। किया गया, तम् घोड़े की दुलकी चाल / रोचन (वि.) (स्त्री०--ना,--नी) [ रुच् + ल्युटु, रोचरेणुः (पुं०, स्त्री०) [रीयतेः णुः नित्] 1. धूल, धूलकण, यति वा) 1. प्रकाश करने वाला, रोशनी करने वाला, रेत जादि-तुरगखुरहतस्तथा हि रेणुः-श० 1131 जगमगा देने वाला 2. उज्ज्वल, शानदार, सुन्दर, प्रिय, 2. पराग, पुष्परज। सुहावना, रुचिकर भट्टि० 6173 3. क्षुधावर्धक, रेणुका [रेणु+के+क+टाप्] जमदग्नि की पत्नी तथा --नः भूख बढ़ाने वाली औषधि,--नम् उज्ज्वल परशुराम की माता-दे० जमदग्नि / आकाश, अन्तरिक्ष। रेतस् (नपुं०) [री--असुन्, तुट् च वीर्य, धातु / रोचना [ रोचन-1-टाप] 1. उज्ज्वल आकाश, अन्तरिक्ष रेप (वि०) / रेप्+घञ ] 1. तिरस्करणीय, नीच, अघम 2. सुन्दरी स्त्री 3. एक प्रकार का पीलारंग-गोरोचना 2. कर, निष्ठुर / रघु०६।६५, 17124, शि० 11151 / रेफ (वि.) [रिफ+अच् ] नीच, कमीना, तिरस्करणीय, रोचमान (वि.) [रुच-+-शानच् ] 1. चमकदार, उज्ज्वल --फः 1. कर्कश ध्वनि, गड़गड़ध्वनि 2. 'र्' वर्ण 2. प्रिय, सुन्दर, मनोहर, -नम् घोड़े की गर्दन के 3. प्रणयोन्माद, अनुराग / बालों का गुच्छा। रेवटः [ रेव+अटच् ] 1. सूअर 2. बाँस की छड़ी ! रोचिष्णु (वि०)[ रुच+ इष्णच ] 1. उज्ज्वल, चमकीला, 3. बवंडर। चमकदार, देदीप्यमान 2. छल-छवीला, भड़कीले रेवतः [ रेव+अतच् ] नींबू का पेड़। __ कपड़ों वाला, प्रफुल्लवदन 3. क्षुधावर्धक / रेवती [ रेवत+ङीष् ] 1. सत्ताइसवां नक्षत्रपुंज जिसमें | रोचिस् (नपुं०) [रुचेः इसिः ] प्रकाश, आभा, उज्ज्वलता, बत्तीस तारे होते हैं2. बलराम की पत्नी का नाम ___ ज्वाला --शि० 115 / / -शि० 2 / 16 / रोदनम् [रुद् + ल्युट् ] 1. रोना, दे० रुदन 2. जांसू / रेवा [ रेव+अच् + टाप् ] नर्मदा नदी का नाम,-रेवा- | रोबस् (नपुं०) (स्त्री० द्वि० व०--रोदसी) [ रुद् रोधसि बेतसीतरुतले चेतः समुत्कण्ठते-काव्य० 1, +असुन ] आकाश और पृथ्वी--रवः श्रवणभैरवः रघु० 6 / 43, मेघ० 19 / स्थगितरोदसीकन्दर:-वेणी०३१२, वेदान्तेषु यमाहुरेक(म्वा० आ० रेषते, रेषित) 1. दहाड़ना, हुहू करना, पुरुषं व्याप्य स्थित रोदसी-विक्रम० 111, शि०८।१५। किलकिलाना 2. हिनहिनाना। रोषः [रुध्+घा ] 1. रोकना, पकड़ना, रुकावट डालना रेषणम्, रेषा [ रेष् + ल्युट, रेष् +अ+टाप् ] दहाड़ना, -शि० 1089 2. अवरोध, ठहराना, बाधा, रोक, हिनहिनाना। प्रतिषेध, दबाना-शापादसि प्रतिहता स्मृतिरोधरूक्षे रै (पुं०) / रातः डैः ] (कर्तृ० राः रायो रायः) दौलत, -श० 7/32, उपलरोध-कि० 5 / 15, याज्ञ. सम्पत्ति, धन / 2 / 220 3. बन्द करना, रोकना, नाकेबंदी करना, रेवतः, रेवतकः [ रेवत्या अदूरो देश:---खेती+अण-रैवत घेरा डालना--प्रीतिरोधमसहिष्ट सा पुरी-रघु० कन् ] द्वारका के निकट विद्यमान पहाड़, (इस 1052 4. बाँध / पहाड़ के विवरण के लिए दे०, शि०४)। रोधनः [रुध् + ल्युट] बुधग्रह, --नम् ठहराना, रोकना, बन्दी रोकमा रु+कन 11. छिद्र 2. नाव, जहाज़ 3. हिलता बनाना, नियंत्रण, रोक थाम / हुआ, लहराता हुआ / रोधस् (नपुं०) [रुध+असुन्] 1. तट, पुश्ता, बाँध-गङ्गा रोगः [रुज्+घञ ] रुजा, बीमारी, व्याधि, मनोव्यथा रोधःपतनकलुषा गृहणतीव प्रसादम् - विक्रम० 118, या आधि, अशक्तता संतापयन्ति कमपथ्यभुजं न रघु० 5 / 42, मेघ०५१ 2. किनारा, ऊंचा तट-रघु० रोगा:-हि० 3.117, भोगे रोगभयम् .... भर्त० 3 / 35, 8 / 33 / सम०-वक्रा, -- बती 1. नदी 2. वेग से सम-आयतनम् शरीर,-आर्त (वि०) रोगग्रस्त, बहने वाली नदी। बीमार, - शान्तिः (स्त्री०) रोग का उपशमन या रोधः [रुध+रन्] एक प्रकार का वृक्ष, लोध्रवृक्ष, - ध्रः, चिकित्सा, -हर (वि.) चिकित्सापरक (-रम्) --ध्रम् पाप,---ध्रम् अपराध, क्षति / औषधि, हारिन् (वि०) चिकित्साविषयक, (-0) रोपः [रुह+णिचु+अच, हस्य पः] 1. उगाना, बोना वैद्य, डाक्टर। 2. पौध लगाना 3. बाण-शि०१९।१२० 4. छिद्र, रोचक (वि.) [रुच्+ण्वुल् ] 1. सुखद, रुचिकर 2. भूख / गह्वर / For Private and Personal Use Only