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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जुलना 2. चोअर० रेपयति / करना, मार ( 857 ) से रहित अहमपि देवी प्रेक्षितमरिक्तपाणिर्भवामि | तेन यायात्सतां मार्गस्तेन गच्छन् न रिष्यते--मनु० . मालवि० 4 / 41178 2. मार डालना, नष्ट करना- भट्टि. रिक्तक (वि.) [रिक्त-कन] दे० 'रिक्त'। 9 / 31 / रिक्ता [रिक्त+टाप्] चान्द्रमास के पक्ष की चतुर्थी, | रिष्ट (भू० क० कृ०) [रिष्+क्त] 1. क्षतिग्रस्त, चोट नवमी या चतुर्दशी का दिन। पहुंचाया हुआ, 2. अभागा,--ष्टम् 1. उत्पात, क्षति, रिक्थम् [रिच+थक] 1. दायभाग, उत्तराधिकार में प्राप्त ठेस 2. बदकिस्मत, दुर्भाग्य 3. विनाश, हानि 4. पाप सम्पत्ति, मरने के पश्चात् विरासत में छोड़ी हुई 5. सौभाग्य, समृद्धि। सम्पति-विभजेरन् सुताः पित्रोरुध्वं रिकथमणं | रिष्टिः (स्त्री० [रिष+क्तिन्] दे० ऊ० 'रिष्टम्,-पुं० समम् - याज्ञ० 2 / 117, मनु० ९।१०४,-नन गर्भः। तलवार। पित्र्यं रिक्थमर्हति----श०६ 2. सम्पत्ति धनदौलत, Ji (दिवा० आ० रीयते) टपकना, बूंद-बूंद गिरना, सामान - मनु० 8 / 27, 3. सोना। सम० --आवः, | रिसना, पसीजना, बहना। --- ग्राहः,-भागिन् (पुं०), हरः, हारिन् (पुं०) ii (क्रया० उभ० रिणाति, रिणीते, रीण-प्रेर० रेपयति-ते) उत्तराधिकारी। 1. जाना, हिलना-जुलना 2. चोट पहुंचाना, क्षतिग्रस्त रिल, रिङ्ग (तुदा० पर० रिङ्कुति, रिङ्गति) 1. रेंगना, करना, मार डालना 3 ह हू करना / दबे पाँव चलना 2. मन्दगति से चलना। रीज्या (स्त्री०) 1. निन्दा, झिड़की, कलंक 2. शर्म, हया रिणम्, रिङ्गणम् [रिल+ (ग)+ल्यट] 1. रेंगना, रीक्षकः (पुं०) मेरु दण्ड, रीढ की हड्डी। पेट के बल चलना (गुडलियो चलना) 2. (सदाचार रीढा [रिह+क्त+टाप अनादर, तिरस्कार, अपमान / से) विचलित होना, उन्मार्गगामी होना। रीण (भू० क० कृ०) [री-+क्त] टपका हुआ, बहा हुआ, रिच् (रुघा० उभ० रिणक्ति, रिक्ते, रिक्त) 1. खाली बंद-बंद करके गिरा हुआ। करना, रिताना, साफ करना, निर्मल करना-रिण- | रीतिः (स्त्री) [री+-क्तिन्] 1. हिलना-जुलना, बना च्मि जलधेस्तोयम्-भट्टि०६।३६, आविर्भते शशिनि 2. गति, क्रम 3. घारा, नदी 4. रेखा, सीमा तमसा रिच्यमानेव रात्रिः--विक्रम 118 2. वञ्चित 5. प्रणाली, ढंग, तरीका, मार्ग, शैली, विधा, प्रक्रियाकरना, विरहित करना --(प्रायः भु० क० कृ०) दे० -रीति गिराममुतवृष्टिकरी तदीया--भामि० 3 / 19, रिक्त, अति--, आगे बढ़ना, प्रगति करना, पीछे छोड़ सर्वत्रषा विहिता रीतिः-मोह० 2, उक्तरीत्या, अनदेना (कर्म वा० में और अपा० के साथ)..... गृहं तु यैव रोत्या आदि 6. रिवाज, प्रथा, प्रचलन 7. शैली, गृहिणीहीनं कान्तारादतिरिच्यते-पंच० 4181, हि. वाक्यविन्यास----पदसंघटना रीतिरङ्गसंस्था विशेषवत् / ४११३१,भग० 2136, वाचः कर्मातिरिच्यते ...."उपदेश उपकी रसादीनां सा पुनः स्याच्चतुर्विधा। वैदर्भी से निदर्शन उत्तम है" एग्जांपल इज बैटर दैन प्रिसैप्ट | चाथ गोडी च पाञ्चाली लाटिका तथा-सा०६० __-Example is better than Precep ) 624-5 8. पीतल, कांसा (इस अर्थ में रीती' भी) -उद्, 1. आगे बढ़ना, पीछे छोड़ देना, प्रगति करना 9. लोहे का जंग, मुर्चा 10 धातु के तल पर लगा 2. बढ़ाना, विस्तार करना,-व्यति बढ़ जाना, पीछे __ जारेय / छोड़ना स्तुतिभ्यो व्यतिरिच्यन्ते दूराणि चरितानि ते | ह (अदा० पर० रौति, रवीति, रुत) क्रंदन करना, हूहू -~~-रघु० 10 // 30 // करना, चिल्लाना, चीखना, जोर से बोलना, दहाड़ना ii (म्वा० चुरा० पर० रेचति, रेचयति, रेचित 1. विभक्त (मक्खियों का) भनभनाना, शब्द करना- कर्णे कलं करना, वियुक्त करना, अलग-अलग करना 2. परि किमपि रौति शनैविचित्रम्-हि० 1181, भट्टि० 3 / 17, त्याग करका, छोड़ना 3. सम्मिलित होना, मिलना, 12172, 14 / 21, वि. 1.क्रन्दन करना, विलाप करना आ-, सिकोड़ना, खेल-खेल में चलना-आरेचित शोक में रोना-ननु सहचरी दूरे मत्वा विरौषि सम्भ्रूचतुरैः कटाक्षः--कु० 3 / 5 / त्सुकः - विक्रम० 4 / 20, भट्टि० 5 / 54, ऋतु० 6 / 27, रिटिः [रि+टिन्] 1. एक प्रकार का बाजा 2. शिव के 2. कोलाहल करना, शोर मचाना-न स विरौति न ___ एक सेवक (गण) का नाम-तु० 'भुङ्ग (गे) रिटि:'। चापि स शोभते--पंच० 1175, जीर्णत्वाद् गृहस्य रिपुः [रप्+उन्, पृषो० इत्वम्] शत्रु, दुश्मन, प्रतिपक्षी। विरौति कपाट:-मृच्छ० 3, एते त एव गिरयो रिफ् (तुदा० पर० रिफति, रिफित) 1. कटकटाने का शब्द विरुवन्मयूरा:---उत्तर० 2 / 23 / __ करना 2. बुरा भला कहना, कलङ्क लगाना। / रुक्म (वि०) [रुच्+मन, नि० कुत्वम् ] उज्ज्वल, चमकरिष (भ्वा० पर० रेषति, रिष्ट) 1. क्षति पहुँचाना, चोट दार, क्मः सोने का आभूषण-शि० १५१७८,-कमम् पहुँचाना, ठेस पहुंचाना--तस्येहार्थो न रिष्यते-महा०, / 1. सोना, 2. लोहा / सम० -कारकः सुनार,--पृष्ठक 108 For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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