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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 852 ) -नानायोधसमाकीर्णो नीराजितहयद्विपः.... काम०४।६६ / न हो),----गृहम् 1. राजकीय निवास, राजा का महल वि., 1. चमकाना,-भामि० 1688 2. दिखाई देना, 2, मगध के मुख्य नगर या राजधानी का नाम (जो प्रतीत होना- रघु० 2 / 20 / पाटलिपुत्र से लगभग 75 या 80 मील की दूरी पर राज् (पुं०) [राज्+क्विप्] राजा, सरदार, युवराज / / स्थित है)-चिह्नम् राजचिह्न, राजाधिकार राजकः [राजन्+कन्] छोटा राजा, मामूली राणा,—कम् | या राजशक्ति,-तालः, ताली सुपारी का पेड़, दण्डः राजा या राणाओं का समूह, प्रभुसत्ता प्राप्त राजाओं 1. राजा के हाथ का डडा 2. राज शासन या राजाका समुदाय-सहते न जनोऽप्यधःक्रियां किम् लोका- धिकार 3. राजाद्वारा दिया गया दण्ड,-दन्तः धिकघाम राजकम्-कि० 2147, शि० 14143 / (दन्तानां राजा) आगे का दाँत नै० ७.४६,दूतः राजत (वि.) (स्त्री०–ती) [रजत-|-अण] चांदी का, राजदूत, राजा का प्रतिनिधि,-द्रोहः राजा के चांदी का बना हुआ, शि०४।१३, तम् चाँदी। विरुद्ध विश्वासघात, राजसत्ता के विरुद्ध आन्दोलन, राजन् (पुं०)[राज्+कनिन्, रञ्जयति रञ्जकनिन् नि० राजविद्रोह,--द्वार (स्त्री०),---द्वारम् राजा के महल वा] 1. राजा, शासक, युवराज, सरदार या मुखिया का मुख्य द्वार या फाटक,-द्वारिकः राजमहल का (तत्पुरुष समास के अन्त में 'राजन्' का बदल कर ड्योढ़ीवान,-धर्मः 1. राजा का कर्तव्य 2. राजाओं से 'राज' बन जाता है) वंगराजः, महाराजः आदि सम्बन्ध रखने वाला नियम या विधि (प्रायः ब०व० में) -तथैव सोऽभूदन्वर्थो राजा प्रकृतिरञ्जनात्-रघु० –धानम,-धानिका,--धानी राजा का निवास 4 / 12 2. सैनिक जाति का पुरुष, क्षत्रिय शि० स्थान, मुख्य नगर, राजधानी, शासन के कार्यालय का 14 / 14 3. युधिष्ठिर का नाम 4. इन्द्र का नाम स्थान,-रघु०२।२०, धुर् (स्त्री०), धुरा शासन का 5. चन्द्रमा-भामि० 13126 6. यक्ष / सम० उत्तर दायित्व या भार,—नयः,-नीतिः (स्त्री०) -अङ्गनम् राजकीय कचहरी या दरबार, महल का राज्य का प्रशासन, सरकार का प्रशासन, राजनय, आंगन,--अधिकारिन, - अधिकृतः 1. राजकीय अधि- राजनीतिज्ञता, नीलम् पन्ना, मरकत मणि,--पट्टः कारी या अफ़सर 2. न्यायाधीश,-अधिराजः,-इन्द्रः घटिया हीरा,-पथः,-पद्धतिः (स्त्री०)-राज-मार्ग राजाओं का राजा, सर्वोपरि राजा, प्रमुख प्रभु, दे०,... पुत्रः 1. राजकुमार, युवराज 2. क्षत्रिय, सैनिक सम्राट,...--अनक: 1. घटिया राजा, छोटा राणा, जाति का पुरुष 3. बुधग्रह, पुत्री राजकुमारी,-पुरुषः 2. एक प्रकार की उपाधि जो पहले पूजनीय विद्वानों 1. राजा का सेवक 2. मन्त्री, प्रेष्यः राजा का सेवक और कवियों को दी जाती थी,—अपसदः अयोग्य या (-यम) राजा की सेवा (अधिक शुद्ध 'राजप्रेष्य"), पतित राजा,--अभिषेकः राजा का राजतिलक,--अर्हम् - बीजिन्,-वंश्य (वि०) राजा की सन्तान, राजअगर की लकड़ी, एक प्रकार की चन्दन की लकड़ी, वंशज, -- भतः राजा का सिपाही, भत्यः 1. राजा -अर्हणम् राजकीय सम्मानसूचक उपहार,-आज्ञा का सेवक या मंत्री 2. कोई सरकारी अधिकारी, राजा का अनुशासन, अध्यादेश, अथवा आदेश, ..- भोगः राजा का भोजन, खाना, भौतः राजा का -आभरणम् राजा का आभूषण.- आवलिः,-ली विदूषक या हंसोकड़ा, मात्रधरः, मन्त्रिन् (पुं०) राजकीय वंशावली, राजवंशावली,--उपकरणम् (ब० राजा का सलाहकार,-मार्गः 1. मुख्य मार्ग, मुख्य सड़क, व०) राजकीय साज-सामान, राजचिह्न,--ऋषिः राजकीय या मुख्य पथ, मुख्य रास्ता या प्रधान मार्ग (राज कृषिः या राषिः) राजकीय ऋषि, सन्त- 2. राजाओं की कार्य-विधि प्रणाली, या रीति,- मुद्रा समान राजा, अत्रिय जाति का पुरुष जिसने अपने राजा की मोहर, -- यक्ष्मन् (पुं०) क्षयरोग, फुफ्फुसीय पवित्र जीवन तथा साधनामय भक्ति से ऋषि का पद क्षयरोग, तपेदिक,-राजयक्ष्मपरिहानिराययी कामयानप्राप्त किया हो। जैसे पुरूरवा, जनक और विश्वामित्र, समवस्थया तुलाम् रघु० 19 / 25, राजयक्ष्मेव ---करः राजा को दिया जाने वाला शुल्क-कार्यम् रोगाणां समूहः स महीभृताम्---शि० 2196 (इस राज्य का कार्य,—कुमारः युवराज,-कुल 1. राजकीय शब्द की व्याख्या के लिए दे० मल्लि• इस पर और परिवार, राजा का कुटुम्ब 2. राजा का दरबार शि० 13 / 29 पर),-यानम् राजा की सवारी, 3. न्यायालय (राजकुले कय, या निविद् (प्रेर०) पालकी,- योगः 1. जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों न्यायालय में किसी के विरुद्ध अभियोग चलाना, का ऐसा संरूपण जिससे उस व्यक्ति के राजा होने या नालिश करना) 4. राजा का महल 5. राज, का संकेत मिले 2. धार्मिक चिन्तन का एक सरल महाराज (बोलने की सम्मानसूचक रीति), - गामिन् योग (राजाओं द्वारा अभ्यास करने योग्य) जो हठ (वि०) राज्याधीन या राजाधिकार में होने वाली योग (दे०) जैसे और कठोर योगों से भिन्न है, ---रङ्गम सम्पत्ति आदि (जिस सम्पत्ति का कोई उत्तराधिकारी | चाँदी,-राजः 1. प्रमुख राजा, सर्वोपरि प्रभु, सम्राट For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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