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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 834 ) तरकीब 12. प्रथा, प्रचलन, दस्तुर, रीति-एषोदिता। 4. विलम्ब, दीर्घसूत्रता 5. सहारा, निर्वाह 6. प्रचलन, लोकयात्रा नित्यं स्त्रीपुंसयोः परा - मनु० 9 / 25, अभ्यास। (लोकचारः-कुल्लू०) 13. वाहन, सवारी। याप्य (वि.) [या--णिच् + ण्यत्, पुकागमः] 1. हटाये यात्रिक (वि.) (स्त्री०-की) [यात्रा+ठक] 1. यात्रा | जाने के योग्य, निकाले जाने के योग्य अथवा करता हुआ 2. किसी यात्रा या आन्दोलन से सम्बद्ध अस्वीकार किय जाने के योग्य 2. नीच, तिरस्करणीय, 3. जीवन-धारण की आवश्यक सामग्री 4. प्रचलित, मामूली, अनावश्यक / सम० --यानम् शिविका या प्रथानुकूल, -कः यात्री, - कम् 1. प्रयाण, अभियान या पालकी, डोली। चढ़ाई 2. खाद्य सामग्री, (यात्रा के लिए) रसद, यामः [यम-घा ] 1. निरोध, धैर्य, नियन्त्रण 2. पहर, सम्भरण / दिन का आठवाँ भाग, तीन घंटे का समय-पश्चियायातथ्यम् [यथातथ+व्या 1. वास्तविकता, सचाई माद्यामिनीयामात्प्रसादमिव चेतना-रघु० 17.1, 2. न्याय्यता, औचित्य / / इसी प्रकार यामवती, त्रियामा आदि / सम०--घोषः याथार्यम् [यथार्थव्यञ] 1. वास्तविक या सही प्रकृति, 1. मुर्गा 2. घण्टा या घड़ियाल जिससे रात के पहरों सचाई, सच्चा चरित्र-न सन्ति याथार्थ्यविदः पिना- | की टनटन होती है-मन्द्रध्वनित्याजितयामतूर्यः-रघु० किन:-कु० 5 / 77, रघु० 10 / 24 2. न्याय्यता, 656, यमः प्रत्येक घण्टे के लिए निर्दिष्ट कार्य, उपयुक्तता 3. उद्देश्य की पूर्ति या निष्पन्नता। -वृत्तिः (स्त्री०) पहरा देना, चौकीदारी करना / यादवः [यदोरपत्यम् - अण् यदु की संतान, यदुवंशी। यामलम [यमल / अण जोडी, मिथन / यावस् (नपुं०) [यान्ति वेगेन--या+असुन्, दुगागमः] | यामवती [याम+मतुप, वत्वम्, डीप] रात-कि० 8 / 56, कोई भी विशालकाय जलजन्तु, समुद्री दानव-यादांसि | यामिः,-मी (स्त्री०) [याति कुलात् कुलान्तरम् -या+मि, जलजन्तवः-अमर०, वरुणो यादसामहम्-भग० डीप् च] 1. बहन (दे० जामि)-शि० 15 / 53 10 / 29, कि० 5 / 29, रघु० 1116 / सम० पतिः, 2. रात / --नायः (यादसां पतिः, यादसां नाथः भी) 1. समुद्र, यामिकः यामे नियक्तः याम+ठक] पहरेदार, रात को 2. वरुण का नाम-रघु०१७।२१ / - पहरे पर नियुक्त, चौकीदार--नै० 5 / 110 / / यावृक्ष (वि.) (स्त्री०-क्षी), यादृश, यादृश (वि०) / यामिका, यामिनी यामिक +टाप, याम+इनि+डीप्] (स्त्री० शी) [यद् + दृश्+क्त, क्विन्, कञ वा, रात-सविता विधवति विधुरपि सवितरति दिनन्ति आत्वम् जिस प्रकार का, जिसके समान, जिस प्रकृति यामिन्यः, यामिनयन्ति दिनानि च सुखदुःखवशीकृते का, जैसा। मनसि-काव्य० 10 / सम० पतिः 1. चन्द्रमा यादृच्छिक (वि.) (स्त्री०–को) [यदृच्छा+ठऋ] 2. कपूर / 1. ऐच्छिक, स्वतः स्फूर्त, स्वतंत्र 2. आकस्मिक, यामुन (वि०) (स्त्री० नी) [यमुना+अण्] यमुना से अप्रत्याशित / संबद्ध, या निकला हुआ, या यमुना से उत्पन्न, नम् यानम् या भावे ल्युट] 1. जाना, हिलना-जुलना, चलना एक प्रकार का अंजन, सुर्मा। टहलना, सवारी करना जैसा कि गजयानम, उप्ट यामुनेष्टकम् [यमुना-+इष्टकम्] सीसा, रांग।। रथ आदि 2. जलयात्रा, यात्रा-समुद्रयानकुशलाः : याम्य (वि.) [यम+प्य] 1. दक्षिणी-द्वारं रंघतुर्या--मनु०८।१५७, याज्ञ० 1114 3. अभियान करना, म्यम्--भट्टि० 14 / 15 2. यम से संबंध रखने वाला आक्रमण करना (राजनीति के छ: गुणों में से एक) या यम से मिलता जुलता / सम०-अयनम् दक्षिणायन, -अहितान् प्रत्यभीतस्य रणे यानम् - अमर०, मनु० मकरसंक्रांति, उत्तर (वि.) दक्षिण से उत्तर को 7 / 160 4. जलूस, परिजन 5. सवारी, वाहन, गाड़ी, जाने वाला। रथयानं सस्मार कौवेरम् --रघु० 15 / 45, 13169, याम्या [याम्य+टाप्] 1. दक्षिणदिशा 2. रात्रि / कु० 6176, मनु० 4 / 120 / सम० पात्रम् जहाज़, यायजूकः [यज्-+-यङ्-+ऊक] बार 2 यज्ञ का अनुष्ठान नोका,-भङ्गः जहाज़ का टूट जाना,--मुखम् गाड़ी का करने वाला, जो लगातार यज्ञ करता रहता है, अगला भाग, गाड़ी का वह भाग जहाँ जूआ बांधा इज्याशील--तं यायजूक: सह भिक्षमख्यः-भट्टि जाता है। 2 / 20 / यापनम्, ना [या+णिच् + ल्युट, पुकागमः, स्त्रियां टाप् यायावर (वि.) [पुनः पुनः याति देशान्तरं गच्छति या च] 1. जाने देना, हांक कर बाहर निकालना, +यङ्- वरच्] परिव्रज्याशील साघ, संत,-यायावराः निष्कासन, हटाना 2. (किसी रोग की) चिकित्सा या पुण्यफलेन चान्ये प्रानचुरा जगदर्चनीयम्-भट्रि० प्रशमन 3. समय बिताना जैसा कि 'कालयापन' में / 2 / 20, महाभागस्तस्मिन्नयमजनि यायावरकुले For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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