________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मजा [मृज+अ+टाप् ] 1. स्वच्छ करना, निर्मल ! ऽयहह मृतका मन्दमतयो, न येषामानन्दं जनयति जग करना, धोना, नहाना-धोना 2. स्वच्छता, निर्मलता। नाथभणितिः भामि०४।१९, कम किसी संबंधी की --भदि० 2013, शुद्धि 3. आकार-प्रकार, निर्मल | मृत्यु हो जाने पर उत्पन्न अशौच / सम० अंतक: त्वचा और स्वच्छ मुखमण्डल / गीदड़। मुजित (वि.) [ मृज+क्त ] धो डाला गया, स्वच्छ किया | मृतण्डः (पु०) सूर्य / गया, हटाया गया। मृतालकम् | मृत -अल--णिच्-|-एबुल ] एक प्रकार की मुडः [ मृड्+क] शिव का विशेषण / _ मिट्टी, पिंडोर या चिक्कण मृत्तिका / मुंडा, मडानी, मुडी [ मृड + टाप, मृड + ङीष्, पक्षे मतिः (स्त्री०) [ मृ+क्तिन् ] मृत्यु, मरण / आनक ] पार्वती का विशेषण शङ्क सुन्दरि कालकूट-मत्तिका [मद-तिकन+टाप] 1. पिंडोर, मिट्री मनः मपिबत् मूढो मृडानीपतिः- गीत०१२। 11182 2. ताजी मिट्टी 3. एक प्रकार की गंधयुक्त मुण (तुदा० पर० मृणति) वध करना, हत्या करना, नष्ट मिट्टी। करना। | मृत्युः [मृ+त्युक] 1. मरण- जातस्य हि ध्रुवो मृत्युमृणालः, --लम् [ मण+कालन् ] कमल की तन्तुमय जड़, धुर्व जन्म मृतस्य च--भग० 2 / 27 2. मृत्यु का देवता कमल-तन्तु-भङ्गेऽपि हि मृणालानामनुबध्नन्ति तन्तवः यमराज 3. ब्रह्मा का विशेषण 4. विष्णु का विशेषण ---हि. 1295, सूत्र मृणालादिव राजहंसी विक्रम 5. माया का विशेषण 6. कलि का विशेषण 7. काम१११९, ऋतु०१११९, विक्रम० ३।१३,-लम् सुगंधित देव। सम०-- तूर्यम् एक प्रकार का ढोल जो और्ध्वदेहिक घास की जड़, वरिणमूल। सम---भङ्गः कमलतंतु संस्कार के अवसर पर बजाया जाता है,-नाशक: पारा, का टुकड़ा, * सूत्रम् कमलवृन्त का तन्तु। --.-पाः शिव का विशेषण, पाशः मत्य या यम का फंदा मणालिका, मणाली [ मृणाल+कन्+टाप, इत्वम्, मृणाल -पुष्पः ईख, गन्ना, प्रतिबद्ध (वि.) मरणशील, मर्त्य +डीष कमलवन्त या तन्तु--परिमृदितमृणाली- --फला,--ली केला,-बीजः, बीजः बांस,-राज् म्लानभङ्ग-मा० 1 / 22, या, परिमृदितमृणालीदुर्बला- (प्र०) मौतका देवता, यमराज, लोकः 1. मुर्दो की न्यङ्गकानि-उत्तर० 1 / 24 / / दुनिया, यमलोक 2. भूलोक, मर्त्यलोक-तु० 'मयंलोक मृणालिन् (पुं०) [ मृणाल-+इनि ] कमल / बचनः 1. शिब का विशेषण 2. पहाड़ी कौवा, मणालिनी | मणालिन् +ङीष ] 1. कमल का पौधा .... सूतिः (स्त्री०) केकड़ी। 2. कमलों का समूह 3. जहाँ कमल बहुतायत से मृत्युञ्जयः [मृत्य+जि+खच, मुम्] शिव का विशेषण / मिलते हों। मत्सा, मृत्स्ना [ म+स (स्न)+टाप् ] 1. मिट्टी, पिंडोर मृत (भू० क. कृ०) [मृ+क्त ] 1. मरा हुआ, मृत्यु को अच्छा मिट्टी या पिडोर, चिक्कण मिट्टी 3. एक प्रकार को प्राप्त 2. मृतक जैसा, व्यर्थ, निष्फल मतो दरिद्रः / की गंधयुक्त मिट्टी। पुरुषो मृतं मैथुनमप्रजम, मृतमश्रोत्रियं श्राद्धं मृतो मद (क्रया० पर० मनाति, मदित) 1. निचोड़ना, दबाना यज्ञस्त्वदक्षिणः --पंच०२।९४ 3. भस्म किया हुआ, भीचना मम च मदितं क्षौमं बाल्यत्वदङ्गविवर्तन: फूंका हुआ-मच्छीं गतो मतो वा निदर्शनं पारदोऽत्र - वेणी० 5 / 40 2. कुचलना, रौंदना, टुकड़े-टुकड़े कर रसः - भामि० 1182, तम् 1. मृत्यु 2. भिक्षा में देना, हत्या करना, नष्ट करना, पीस देना, रगड़ देना, प्राप्त अन्न, दान या भिक्षा दे० अमृतम् (8) / चकनाचूर कर देना-तानमर्दीदखादीच्च-- भट्टि० सम० - अङ्गम् शव,-अण्डः सूर्य,-अशौचम किसी 15 / 15, बालान्यमद्नान्नलिनाभवक्त्रः -- रघु० 1815 संबंधी की मृत्यु से उत्पन्न अपवित्रता, अशौच, दे० 3. मसलना, गुदगुदाना, घिसना, स्पर्श करना शि० 'अशौच', -उद्धवः समुद्र, सागर,-कल्प (वि०) 4 / 61 4. जीत लेना, आगे बढ़ जाना 5. पोछ देना, मतप्राय, बेहोश, गहम कबर, - दारः रंडवा, विधुर, रगड़ देना, हटाना, अभि / निचोड़ना, भींचना, -निर्यातकः जो शवों को कब्रिस्तान में ढोकर ले कुचलना, अव- रौंदना, कुचलना, उप-, 1. निचोड़ना जाता है,-मत्तः,--मत्तकः गीदड़,-- संस्कारः अन्त्येष्टि भींचना 2. नष्ट करना, मार डालना, कुचल देना या और्ध्वदेहिक कृत्य, --संजीवन (वि.) मुर्दो को -यामिकाननुपमद्य - ने० 5 / 110, परि--, भींचना जिलाने वाला ( नम्, ..नी मर्दो का पुनर्जीवित निचोड़ना-परिमदितमणाली दुर्बलान्यङ्गकानि-उत्तर० करना, (...नी) मुर्दो को जिलाने का मंत्र, गंडा या 1224 2. मार डालना, नष्ट करना 3. पोछ देना, ताबीज, सूतकम् मरे हुए (मत जात) बच्चे को जन्म रगड़ देना, प्र , कुचलना, चकनाचूर करना, पीस देना, देना,-स्नानम् किसी की मृत्यु होने पर स्नान करना। हत्या कर देना, वि. , 1. भींचना, निचोड़ना 2. चकमृतकः, कम [ मृत+कन् ] मुर्दा शव - ध्रुवं ते जीवन्तो- / नाचूर करना, कुचलना, पीसना--मनु०४७० 3. मार For Private and Personal Use Only