________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (पुं०), अदनः,-अन्तकः छोटा शेर या चीता, | -शिरा पांचवें नक्षत्र (मृगशिरस्) का नाम जो लकड़बग्घा,-अधिपः, --अधिराजः सिंह, केशरी निष्ठ- तीन तारों का पुंज है,-शीर्षम् मृगशिरा नाम का रक्षिप्तमगयथो मृगाधिपः-शि० 2053, मृगाधिरा- नक्षत्रपुंज,(र्षः) मार्गशीर्ष का महीना, शीर्षन् (पुं०) जस्य वचो निशम्य-रघु० 2 / 41,-- अरातिः 1. सिंह मृगशिरा नाम का नक्षत्र,--श्रेष्ठः शेर, हन् (पुं०) 2. कुत्ता,---अरिः 1. सिंह 2. कुता 3. शेर 4. वृक्ष शिकारी। का नाम,---अशनः सिंह,--आविध (पुं०) शिकारी, | मृगणा [मृग् + युच् / टाप् खोजना, तलाश करना, पूछ- आस्यः मकर राशि, इन्द्रः 1. सिंह ततो मगे- ताछ, अनुसंधान / न्द्रस्य मृगेन्द्रगामी ----रघु० 230 2. शेर 3. सिंह | मगया [ मगं यात्यनया या घार्थे क 1 शिकार, पीछा राशि °आसनम् सिंहासन °आस्यः शिव का विशेषण करना-मिथ्यैव व्यसनं वदन्ति मृगयामीदग्विनोदः कुतः . चटकः वाज पक्षी,—इष्ट: चमेली का एक भेद, श० 215, मृगयापवादिना माढव्येन श०२ ----ईक्षणा हरिणी जैसी आंखों वाली स्त्री,-~-ईश्वरः मृगयावेप, मृगयाविहारिन् आदि / 1. सिंह 2. सिहराशि,-उत्तमम्,-उत्तमाङ्गम् मृग- | मगयः [मग अस्त्यर्थे यच] 1. शिकारी, बहेलिया हन्ति शिरा नक्षत्रपुंज, काननम् उद्यान,-गामिनी एक नोपशयस्थोऽपि शयालर्मगयुर्मगान्-शि० 180 प्रकार का औषधद्रव्य, -जलन मगमरीचिका स्नानम् 2. गीदड़ 3. ब्रह्म का विशेषण। मगमरीचिका के जल में स्नान करना-अर्थात् असं मगव्यम् [ मृग+व्य-1-ड] 1. पीछा करना, शिकार भावना,- - जीवनः शिकारी, बहेलिया,--तृष, - तृषा कि० 1309 2. निशाना, लक्ष्य / ---तृष्णा, तृष्णिका (स्त्री०) मृगमरीचिका-मृग- मगी| मग--ङीष् ] 1. हरिणी, मृगी 2. मिरगी रोग तृष्णाम्भसि स्नातः, दे० 'खपुष्प',--दंशः,-दंशकः 3. स्त्रियों की एक विशिष्ट श्रेणी। सम०- दश कुत्ता, दश हरिणी जैसी आंखों वाली स्त्री-तदीषद्वि (स्त्री०) वह स्त्री जिसकी आँखें हरिणी जैसी होती स्तारि स्तनयुगलमासीन्मगदशः -उत्तर० ६।३५,-धुः है, पतिः कृष्ण का विशेषण। शिकारी,-द्विष (पुं०) सिंह,--धरः चन्द्रमा, धूर्तः | मग्य (वि.) [ मग---ण्यत् ] खोजे जाने या तलाश किये -- धूर्तक: गीदड़, नयना हरिणी जैसी आँखों वाली जाने योग्य, शिकार किये जाने के योग्य---तत्र मुलम स्त्री,-नाभिः 1. कस्तूरी----कु० 1154, ऋतु० 3. मृग्यम् / 6 / 12, चौर०८, रघु०१७।२४ 2. हरिण जिसकी मजi (भ्वा० पर० मार्जति) शब्द करना / नाभि में कस्तूरी होती है-. रघु० 4 / 74, जा ii (अदा० पर०, चुरा० उभ० माष्टि, मार्जयति-ते, कस्तुरी,--पतिः 1. सिंह 2. हरिण 3. शेर,---पालिका इच्छा०मिमक्षति या मिमाजिपति) 1. पोंछना, धो कस्तूरीमृग,---पिप्लुः चन्द्रमा,-प्रभुः सिंह, ब(व) डालना, स्वच्छ करना, साफ करना 2. बुहारी देकर धाजीव: शिकारी,-बन्धिनी हरिणों को पकड़ने का साफ करना (आलं० से भी) स्वेदलवान्भमार्ज-शि० जाल,...मदः कस्तूरी—कुचतटीगतो यावन्मातमिलति 3179 3. चिकना करना, (घोड़े आदि को) खरहरे तव तोयम॑गमदः -- गंगा० 7, मृगमदतिलकं लिखति से रगड़ना 4. सजाना, अलंकृत करना 5. निर्मल सपूलकं मगमिव रजनीकरे गीत० 7, वासा कस्तूरी करना, पानी से धोना, साफ करना-ललः खड्गान्मका थैला-मन्द्रः हाथियों की एक श्रेणी, मातृका मार्जुश्च ममजुश्च परश्वधान् भट्टि० 14 / 92, हरिणी, मुखः मकरराशि, यूथम् हरिणों का झुण्ड, (शुद्धान् चक्रुः यो शोधितवन्तः), अव , 1. मलना, . राज् (पु०) 1. सिंह शि० 9 / 18 2. शेर गुदगुदाना 2. धो डालना, उद्-पोंछ देना, हटाना,-रघु० 3. सिंह राशि, राजः 1, सिंह-रखु. 6 / 3 2. सिंह 15 / 32, निस् - , पोंछना, धो देना, परि --, पोंछ राशि 3. शेर 4. चन्द्रमा धारिन्, 'लक्ष्मन् (पु०) डालना, धो देना, हटाना--(वाच्यं) त्यागेन पत्न्याः चन्द्रमा,-रिपुः सिंह,-रोमन् ऊन, . "जम् ऊनी परिमाष्टुंमच्छत्-रघु० 14 / 34 2. मलना, गुदगुदाना, कपड़ा,-लाञ्छनः चन्द्रमा -अङ्काधिरोपितमृगश्चन्द्रमा प्र ,पोंछ डालना, हटाना, प्रायश्चित करना स्वमृगलाञ्छनः-शि० 2 / 53, जः बुधग्रह,-लेखा भावलोलेत्य यशः प्रमुष्टम् -- रघु०६।३१, प्रणिपातचन्द्रमा में हरिण जैसो बारी-मुगलेखामुषसोव चन्द्रमा: लखनं प्रमाष्टुं कामा--विक्रम० 3, मालदि०४, वि , ---रघु० 8 / 42, लोचनः चन्द्रमा (-ना - नी) 1. पोंछ डालना, पोंछ देना 2. निर्मल करना, स्वच्छ हरिणी जैसी आंखों वालो स्त्री,--वाहनः हवा, -व्याधः करना सम् ---, 1. बुहार कर साफ करना, निर्मल 1. शिकारी 2. तारामंडल या नक्षत्रपुंज 3. शिव का करना 2. पोंछ देना, पोंछ डालना, हटाना 3. मलना, विशेषण, शावः छौना, हरिण का बच्चा-मगशावैः गुदगुदाना 4. निचोड़ना, छानना। सममेधितो जनः-श० २।१८,-शिरः,-शिरस् (नपुं०) मजः[म-+क] 'मुरज' नाम का वाद्यविशेष / For Private and Personal Use Only