________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 803 ) + (आंख या फूल आदि का) मुदना या बन्द होना। मकूलाः कन्दलीश्चानुकच्छम्-मेध० 21, रघु० 9 / 31, निमीलितानमिव पंकजानाम रघु० 7 / 64 5. 15 / 99 2. कली जैसी कोई वस्तु-आलक्ष्यदन्तमुकुओझल होना, नष्ट होना, अस्त होना (आलं.) नरेशे लान् (तनयान्)--श० 7.17 3. शरीर 4. आत्मा, जीवलोकोऽयं निमोलति निमीलति-हि० 3 / 145, जीव (मुकुलीक, कली की भांति मुंदना-कु. द्यौनिमीलितनक्षत्रा हरि० (प्रेर०) बंद करना, मंदना उन्मीलिताऽपि दृष्टिनिमीलितेवांधकारेण मुकुलित (वि.) [मुकुल+ इतच् ] 1. कलियों से युक्त, मच्छ० 1133, न्यमिमीलदब्जनयनं नलिनी--शि० 9 // कलीदार, फूल 2. अधमुंदा, आधाबंद- दरमुकुलित 11, लीलापमं न्यमीलयत्--काव्या० 2261, कु० नयनसरोजम् -गीत०२, कु० 3 / 76 / / 3136 5 / 57, रघु० 19 / 28, सम्---,बंद होना, मुकुष्ठः, मुकुष्ठक: [मुकुस्था +क, मुकुष्ठ-कन् ] एक मंगना (प्रेर०) 1. बन्द करना या मूंदना, उपांत प्रकार का लोबिया, मोठ / सम्मिलितलोचनो नपः- रघु० 3 / 26, 13 / 10 2. ! मक्तः (भ० क.क.) [मच! त] 1. ढी मलिन करा, अंधेरा करना, धुंधला करना विकार हुआ, शिथिलित, मंद या धीमा किया हुआ 2. स्वतंत्र बैतन्यं भ्रमयति च संमीलयति च उत्तर० 1 / 36 / छोड़ा हुआ, आजाद किया हुआ, विश्राम दिया हुआ मलिनम् 1. आंखों का मुदना, झपकना, झपकी लेना 2. 3. परित्यक्त, छोड़ा हुआ त्यागा हुआ, एक ओर फेंका आँखों का मूदना 3. फूल का बन्द होना। हुआ, उतार दिया हुआ 4. फेंका हुआ, डाला हुआ, मीलित (भू० क० कृ०) 1. बन्द, मंदा हुआ 2. झपकी | कार्यमुक्त किया हुआ, ढकेला हुआ 5. गिरा हुआ, हुई 3. अबवला, बिना खिला 4. नष्ट हुआ, ओझल अवपतित 6. म्लान, अवसन्न 7. निकाला हुआ, उत्सृष्ट --तम् (अलं० में) एक अलंकार जिनके बीच का 8. मोक्ष प्राप्त किया हुआ (दे० मच),-क्तः जो अन्तर या भेद उनकी प्राकृतिक या कृत्रिम समानता / सांसारिक जीवन के बन्धनों से मुक्ति पा चुका है, के कारण पूर्णरूप से अस्पष्ट रहता है, मम्मट इसकी जिसने सांसारिक आसक्तियों को त्याग कर पूर्ण मोक्ष परिभाषा करता है....समेन लक्षणा वस्तु वस्तुना यनि- प्राप्त कर लिया है, अपमुक्त संत; -- सुभाषितेन गृह्यते, निजेनागंतुना वापि तन्मीलितमिति स्मृतम् -- गीतेन युवतीनां च लीलया, मनोन भिद्यते यस्य काव्य० 10 / सवै मुक्तो ऽथवा पशुः---सुभा० / सम०-अम्बरः मोव (भ्वा० पर भीवति) 1. जाना, हिलना-जुलना 2. दिगंबर संप्रदाय का जन साधु,-आत्मन् (वि.) मोटा होना। जिसने मोक्ष प्राप्त कर लिया है (पं.) 1. सांसारिक मीवरः सेना का नायक, सेनाध्यक्ष / वासनाओं और पापों से मुक्त आत्मा 2. वह व्यक्ति मोवा [मो+वन्] 1. पट्टकम, अंत्रकीट, केंचुआ 2. वायु / / जिसकी आत्मा अपमुक्त हो गई है,-आसन (वि.) अपने मुः[ मुन्+डु] 1. शिव का विशेषण 2. बन्धन, कैन / आसन से उठा हुआ, कच्छः बौद्ध, कञ्चकः वह 3. मोक्ष 4. चिता। साँप जिसने अपनी केंचुली उतार दी है, ... कण्ठ (वि०) मुकन्दकः प्याज / दुहाई मचाने वाला (अव्य० - ठम्) फूट फूट कर, मुकुः [मुच् +कु, पृषो०] मुक्ति, छुटकारा, विशेषतः मोक्ष। ऊँचे स्वर से, जोर से- रघु०१४।६८,--कर, हस्त मुकुटम् | मंक --उटन्, पुपो०] 1. ताज, किरीट, राज- वि०) उदार, खुले हाथ वाला, दानी,- चक्षुस् (पुं०) मकूट - मकूटरत्नमरीचिभिरस्पृशत् -- रघ० 9/13 सिंह, --वसन दे० मुक्तांबर / 2. शिखा 3. शिखर, नोक या सिरा। मुक्तकम् मुिक्त | कन्] 1. अस्त्र आयधास्त्र 2. सरल गद्य मुकुटी [ मुकुट+डोष ] अंगुलियाँ चटकाना। 3. एक पृथक्कृत श्लोक जिसका अर्थ स्वयं अपने में मुकुन्दः | मुकुम् दाति दा--क पृषो० मुम्० ] 1. विष्णु या | पूर्ण हो दे० काव्या० 1113-- मुक्तकं श्लोक कृष्ण का नाम 2. पारा 3. मूल्यवान् पत्थर या रत्न एवैकश्चमत्कारक्षमः सताम् / 4. कुबेर को नौ निधियों में से एक :. एक प्रकार | मुक्ता मुक्त+टाप्] 1. मोती-हारोऽयं हरिणाक्षीणां का ढोल / लठति स्तनमण्डले, मुक्तानामप्यवस्थेयं के वयं स्मरमुकुरः [ मक-उरच, उत्वम् ] मह देखने का शीशा-गणि- किङ्कराः अमरु 100 (यहां 'मुक्तानां' का अर्थ नामपि निजरूपप्रतिपत्तिः परत एव संभवति, स्वमहिम- 'दोषमुक्त संत' भी ह) मोती अनेक स्रोतों से उपलब्ध दर्शनमक्षणोर्मकरतले जायते यस्मात-वास०, शि० बतलाये जाते है परन्तु विशेष कर समुद्री सीपी से 9 / 73, न०२२१४३ 2. कली, दे० 'मुकुल' 3. कुम्हार प्राप्त होते हैं;---करीन्द्र जीमूतवराहशंखमत्स्यादि के चाक का डंडा 1. मौलसिरी का पेड़। शुक्त्युद्भववेणुजानि, मुस्ताफलानि प्रथितानि लोके मुकुलः,----लम् [ मुंच + उलक्] 1. कली - आविर्भत प्रथम- तेषां तु शुक्त्युद्भवमेव भूरि--असि.) 2. वेश्या, For Private and Personal Use Only