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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ACT ( 799 ) 7 / 19, कि० 21 2. फूल--- भग० 11111, मनु० अमावस्या या प्रतिपदा का चंद्रमा,—प्रवेशः महीने का 4172 3. सुमिरनी या शिरोमाल्य। सम० - आपणः आरम्भ, मानः वर्ष / फूलों की मंडी, - जीवकः फूलमाली, मालाकार, पुष्पः | मासकः महीना। पटसन,-वृत्तिः फूलों का व्यापारी। मासरः उबले हए चावलों की पीच, मांड। माल्यवत् (वि०) माला धारण किए हुए, हारों से सुशो- | मासलः वर्ष / भित (पुं०) 1. एक पर्वत या पर्वत शृंखला का नाम / मासिक (वि.) (स्त्री०.-की) 1. महीने से संबंध रखने -उत्तर० 1133, रघु० 13126 2. सुकेतु का पुत्र एक वाला 2. प्रतिमास होने वाला 3. एक महीने तक राक्षस (माल्यवान् रावण का मामा और मंत्री था, रहने वाला 4. एक महीने मे चुकाया जाने वाला उसकी बहुत सी योजनाओं में वह सहायता देता था, 5. एक महीने के लिए नियुक्त, कम् प्रत्येक मृत्य तिथि अपने पूर्वकाल में घोर तपस्या द्वारा उसने ब्रह्मा को को किया जाने वाला श्राद्ध (मनुष्य के मरने के प्रथम प्रसन्न किया। इसके फलस्वरूप उसके लंकाद्वीप की वर्ष में)-पितृणां मासिकं श्राद्धमन्वाहार्य विव॒धाः / सष्टि की गई। कुछ वर्षों वह अपने भाइयों समेत मासीन (वि.) 1. एक मास की आयु का 2. मासिक / वहाँ रहा, परन्तु बाद में उसने लंका को छोड़ दिया। कुबेर ने फिर लंका पर अपना अधिकार कर लिया। माह (भ्वा० उभ० माहति -- ते) मापना। उसके पश्चात फिर जब रावण ने कुबेर को निर्वासित माहाकुल (वि.) (स्त्री०--ली), माहाकुलीन (वि.) कर दिया तो माल्यवान् फिर अपने बंध-बांधवों समेत (स्त्री-नी) 1. सत्कुलोत्पन्न, उत्तम कुल का, नामी वहाँ आ गया और बरसों रावण के साथ रहा) / घराने या प्रख्यात कुल का। माल्लः एक प्रकार की वर्णसंकर जाति / माहाजनिक (वि० स्त्री०-की), माहाजनीन (वि.) माल्लवी कुश्ती या मुक्केबाजी की प्रतियोगिता / (स्त्री०-नी) 1. सौदागरों के लिए उपयुक्त भाषः 1. उड़द (एक बचन पौधे के अर्थ में तथा ब० व. 2. महाजनोचित, बड़े आदमी के योग्य / फल या बीज के अर्थ में)-तिलेभ्य: प्रतियच्छति | माहात्मिक (वि०) (स्त्री० -को) उन्नत-मना, उदाराशय, माषान सिद्धा. 2. सोने की एक विशेष तौल, माशा उत्तम, महानुभाब, यशस्वी। --माषो विंशतिमो भागः पणस्य परिकीर्तितः-या- | माहात्म्यम् 1. उदाराशयता, महानुभावता 2. ऐश्वर्य, गुञ्जाभिर्दशभिर्माषः 3. मर्स, बद्ध / सम० - अदः, महिमा, उत्कृष्ट पद 3. किसी इष्ट देव या दिव्य - आदः कछुवा-आज्यम् धी के साथ पकाये हुए विभूति के गुण, या एसी कृति जिसमें इस प्रकार के उड़द, आशः घोड़ा, - ऊन (वि०) एक माशा कम, देवी देवताओं के गणों का वर्णन दिया गया हो-जैसा -- वर्धकः सुनार / कि देवीमाहात्म्य, शनिमाहात्म्य आदि / माषिक (बि०) (स्त्री० - को) एक माशे के मूल्य का। माहाराजिक (वि.) (स्त्री०-को) सम्राट के उपयुक्त, माषीणम्, माप्यम् - उड़दों का खेत / साम्राज्यसंबंधी, राजकीय या राजोचित / मास (पं.)-मास दे० (पहले पांच बचनों में इस शब्द माहाराज्यम् प्रभुता / का कोई रूप नहीं होता, द्वि०वि० के द्वि०व० के माहारास्ट्री दे० महाराष्ट्री। पश्चात् विकल्प से 'मास के स्थान में 'मास' आदेश माहिरः इन्द्र का विशेषण / हो जाता है)। माहिष (वि०) (स्त्री-पी) भैंस या भैंसे से उत्पन्न या मासः, सम्-महीना (यह चांद्र, सौर, सावन, नाक्षत्र या प्राप्त, जैसा कि 'माहिषं दधि। बार्हस्पत्य में से कोई भी हो सकता है)-न मासे प्रति- माहिषिक: 1. भैंस रखने वाला, रवाला 2. असती या पत्तासे मां चेन्मासि मैथिलि-भट्रि० 8 / 95, व्यभिचारिणी स्त्री का यार-माहिषीत्युच्यते नारी या 2. 'बारह' की संख्या। सम० अनुमासिक (वि.) च स्याद् व्यभिचारिणी, तां दृष्टां कामयति यः स वै प्रतिमास होने बाला, -- अन्तः अमावस्या का दिन, माहिषिकः स्मृतः–कालिका पुराण 3. जो अपनी पत्नी - आहार (वि.) मास में केवल एक बार खाने वाला, की वेश्यावृत्ति पर निर्वाह करता है -महिषीत्यच्यते --उपवासिनी 1. पूरा महीना भर उपवास रखनेवाली नार्या भोर्गेनोपार्जितं धनम्, उपजीवति यस्तस्याः सवै स्त्री 2. कुट्रिनी, लम्पट या दुश्चरित्र स्त्री (व्यंग्योक्ति- माहिषिकः स्मृतः–वि. पु. पर श्रीधरः। पूर्वक),- कालिक (वि.) मासिक,-जात (वि०) माहिष्मती एक नगर का नाम, हैहय राजाओं की कुलएक मास का, जिसको उत्पन्न हुए एक महीना हो क्रमागत राजधानी--रघु० 6 / 43 / चुका है, -: एक प्रकार का जलकुक्कुट, चेय] माहिल्यः क्षत्रिय पिता और वैश्य माता से उत्पन्न एक मिश्र (जि.) जिसे महीने भर में चुकाना हो, प्रमितः। या वर्णसंकर जाति / For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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