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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 758 ) भ्रामर (वि.) (स्त्री०-री) [ भ्रमरेण सभृतं भ्रमरस्येदं | शाम्-कू० ३।६०,-जाहम् भौंह का मूल,-भङ्गः, वा अण] भ्रमर संबंधी,-रः,-रम् एक प्रकार का __ -भेदः भौंहों की सिकुड़न वा कुटिलता,-त्योरी-तरङ्गचुंबक पत्थर-रम् 1. चक्कर काटना, 2. आघूर्णन भ्रूभङ्गा क्षुभितविहगश्रेणिरशना----विक्रम० 4 / 28, 3. अपस्मार, मिरगी 4. शहद 5. एक प्रकार का रति- सभ्रूभङ्गम खमिव-मेघ० 24, सभ्रभङ्गम् 'त्यौरी-चढ़ा बंध, संभोग का आसन विशेष री 1. दुर्गा का कर',-भदिन् (वि.) त्यौरी चढ़ाये हुए,-मध्यम् विशेषण 2. चारों ओर घूमना, प्रदक्षिण करना-दीयता भौंहों के बीच का स्थान,- लता बेल की भांति भौंह, भ्रामयः-कर्पूर० 4, विद्ध०२। महराबदार या कुटिल भौंह, विकारः, ---विक्रिया, भ्रा (म्ला) श् (भ्वा० दिवा० आ० भ्राशते, भ्राश्यन्ते, ----विक्षेपः भौंहों की सिकुडन,-विचेष्टितम,-विभ्रमः, भलाशते, म्लाश्यते) चमकना, दमकना, जगमगाना। -विलासः भौंहों का मोहक संचालन, भौंहों की काम भ्राष्ट्रः,-ट्रम् [ भ्रस्ज् -ष्ट्रन्, भ्रष्ट्र---अण् वा] कड़ाही, केलि, सभ्रूविलासमथ सोऽयमितीरयित्वा मा० / --- ष्ट्रः 1. प्रकाश 2. अन्तरिक्ष / 24, मेघ०१६। भ्राष्ट्रमिन्ध (वि.) [ भ्राष्ट्र+इन्ध् +अण, मम् ] तलने भ्रूणः [ भ्रूण+घञ ] 1. गर्भ, कलल 2. (गर्भस्थ) वाला या भूनने वाला, भड़भूजा। बच्चा, बालक। सम० ध्न - हन् (वि०) भ्रूण भ्रा (म्ला) स् दे० 'भ्रा (मला) शू'। हत्या करने वाला, --हतिः,-हत्या भ्रूण कागिराना, भ्र (5) कुंशः (सः) [भ्रवा कंशो (सो) भाषणं यस्य गर्भपात कराना-भ्रूणहत्यां वा एते घ्नन्ति----याज्ञ० ब० स० ह्रस्वो वैकल्पिकः ] स्त्री की वेशभूषा में नाटक का पुरुषपात्र / भ्रेज (भ्वा०भा० भेजते) चमकना / भ्रुकुटिः-टो [ भ्रवः कुटिः कौटिल्यम्-५० त०] दे० भ्र (भ्ले) प् (भ्वा० उभ०-भ्रषति ले, श्लेषति ते) 'भृकुटि'। 1. जाना, हिलना-जुलना 2. गिरना लड़खड़ाना, डगभ्रड (तुदा० पर० भ्रडति) 1. संचय करना, एकत्र करना। मगाना, फिसलना 3. डरना 4. क्रोध करना। 2. हकना। भ्रषः [भ्रष+धन ] 1. हिलना-जुलना, गति 2. डगभ्रू (स्त्री०) [ भ्रम् +डू ] भौंह, आँख की भौंह- कान्ति- मगाना, लड़खड़ाना, फिसलना 3. विचलित होना, भ्रुवोरायतलेखयोर्या-कु० 1147 / सम०-कुटिः, भटकना, पथभ्रंश 4. सत्य से विचलन, अतिक्रमण, —टी (स्त्री०) भौहों की सिकुड़न या कुटिलता, पाप 2. हानि, वंचना। त्यौरी चढ़ाना, बंध, रचना भ्रूभंग या भ्रूभंगिमा, भ्रौणहत्यम् [भ्रूणहत्या+अण् ] गर्भस्थ शिशु की हत्या / भ्रष्टं बंध या रच भौहें सिकोड़ना, त्यौरी चढ़ाना म्लक्ष दे० भ्रक्ष / ---क्षेपः भौंहों को सिकोड़ना-भ्रूक्षेपमात्रानुमतप्रवे- लाश दे० भ्राश् / मः [ मा+क] 1. काल 2. विष 3. जादू का गर! एक। सम......अङ्क: 1. कामदेव का विशेषण 2. समद्र 4. चन्द्रमा 5. ब्रह्मा 6. विष्णु 7. शिव 8. यम, -मम् का विशेषण,-- अश्व: बरुण का विशेषण,-आकरः, 1. जल 2. प्रसन्ननता, कल्याण / ----आलयः, -आवासः समुद्र, सागर,- कुण्डलम् मकर मकरः [ मं+वि किरति-क अच्-तारा०] 1. एक की आकृति का कुंडल,--केतनः,-केतुः-- केतुमत् प्रकार का समुद्री-जन्तु, घड़ियाल, मगरमच्छ,-झषाणां (पं) कामदेव के विशेपण,....ध्वजः 1. कामदेव का मकरश्चास्मि-भग० 10 / 31, मफरवक्त्र--- भर्त० 2 / 4 विशेषण---तत्प्रेमवारि मकरध्वजतापहारि- चौर० ('मकर' कामदेव का प्रतीक या कुलचिह्न माना जाता 41 2. सेना की विशेष क्रम-व्यवस्था, -- राशि: है, तु० निम्नांकित समस्त पदों की) 2. मकरराशि (स्त्री०) मकर राशि,-.--संक्रमणम् सूर्य की मकर राशि 3. मकरव्यूह, सेना को मकराकार स्थिति में क्रमबद्ध में गति, -सप्तमी माघशुक्ला सप्तमी। करना 4. मकर के आकार का कुंडल 5. मकर के रूप | मकरन्दः[ मकरमपि यति कामजनकत्वात दो-अवखण्डने में हाथो को बाँधना 6. कुबेर की नौ निधियों में से ! क. पृषो० मुम्-तारा० ] 1. फूलों से प्राप्त शहद, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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