________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir य: 1. वेदों भिसूचकन वालास) अवगत ( 721 ) या लकड़ी से संबद्ध या निर्मित 2. बेल के पेड़ों से ध्यान दिलाया गया 3. परामर्श दिया गया, शिक्षण ढका हुआ, ल्वम् बेल के पेड़ का फल। प्रदान किया गया। बोधः [बुध---घा] 1. प्रत्यक्ष ज्ञान, जानकारी, समझ, बौद्ध (वि०) (स्त्री०-धी) | बुद्धि-+-अण् ] 1. बुद्धि या आलोचना, विचार-बालानां सूख बोधाय-तर्क० / समझ से संबंध रखने वाला 2. बुद्ध विषयक, 2. विचार, चिन्तन 3. समझ, प्रतिभा, प्रज्ञा, बुद्धिमत्ता बुद्ध द्वारा प्रचारित धर्म का अनुयायी। 4. जागना, जागरूक होना, जागति की स्थिति, चेत- बौधः | बुध+ अण् ] बुध का पुत्र, पुरूरवा का विशेषण / नता 5. खिलना, फूलना, फैलना 6. शिक्षण, परामर्श, ' बौधायनः [बोधस्यापत्यं पुमान्-बोध+फक ] एक चेतावनी 7. जगाना उठाना 8. उपाधि, पद / सम० प्राचीन मुनि का पितपरक नाम जिसने श्रौतादि सूत्रों --अतीत (वि.) अज्ञेय, ज्ञान के परे,-कर (वि.) की रचना की। सिखाने वाला, सूचित करने वाला, (रः) 1. चारण | अध्नः [ बन्ध् +नक, ब्रधादेशः 1 1. सूर्य 2. वृक्ष की जड़ या भाट (जो उपयुक्त भजन गाकर प्रात:काल अपने 3. दिन 4. मदार का पौधा 5. सीसा (पुं० ?) 6. स्वामी को जगाता है) 2. शिक्षक, अध्यापक, पूर्व घोड़ा 7. शिव या ब्रह्मा का विशेषण। वि०) सप्रयोजन, सचेत तू० 'अबोधपूर्व', वासरः ब्रह्मम् [ बृंह - / मनिन् नकारस्याकारे ऋतो रत्वम्-ये कार्तिक शुक्ला एकादशी, जब विष्णु भगवान् अपनी ये नान्ताः ते अकारान्ता अपि इत्युक्तेः अकारान्तोऽयं चार मास को निद्रा को त्याग कर जागे हुए समझे शब्द: ] परमात्मा / जाते है-दे० मेघ० 110, और 'प्रबोधिनी' / ब्रह्मण्य (वि.) [ब्रह्मन्+यत् ] 1. ब्रह्म से संबद्ध बोषक (वि०) (स्त्री०--धिका) [बुध+णिच् +ण्णुल 2. ब्रह्मा या प्रजापति से संबद्ध 3. पुनीत ज्ञान के ग्रहण 1. सूचना देने वाला, (स्थिति से) अवगत कराने से संबद्ध, पवित्र, पावन 4. ब्राह्मण के योग्य 5. ब्राह्मण वाला 2. शिक्षण देने वाला, अध्यापन करने वाला के लिए सौहार्दपूर्ण या आतिथ्यकारी,-व्यः 1. वेदों 3. अभिसूचक 4. जगाने वाला, उठाने वाला,-कः में निष्णात व्यक्ति–महावीर० 3 / 26 2. शहतूत भेदिया, जासूस / का वृक्ष 3. ताड़ का पेड़ 4. मूंज नामक घास बोधनः [ बुध+णि+ल्युट ] बुधग्रह,--नम् संसूचन, 5. शनिग्रह 6. विष्णु का विशेषण 7. कार्तिकेय का अध्यापन, शिक्षण, ज्ञान देना - भयरुषोश्च तदिङ्गित- विशेषण,---ण्या दुर्गा का विशेषण / सम० ---देवः विष्णु बोधनम् - रघु० 9 / 49 3. ज्ञापन करना, निर्देश का विशेषण / करना 3. जगाना, उठाना --समयेन तेन चिरसुप्तमनो- ब्रह्माण्वत् (पुं०) [ ब्रह्मन्+मतुप, वत्वम् ] अग्नि का भवबोधनं सममबोघिषत शि० 9 / 24 4. धूप देना, विशेषण। ...नी 1. कार्तिकशुक्ला एकादशी जब भगवान् विष्णु ब्रह्मता,... त्वम् [ ब्रह्मन+तल+टाप, त्व वा ] 1. परअपनी चार मास की नोंद त्याग कर उठते हैं, देव / मात्मा में लीन होना 2. दिव्य प्रकृति / उठनी एकादशी 2. बड़ी पीपल / ब्रह्मन् (नपुं०) [बृंह ---मनिन्, नकारस्याकारे ऋतो बोधानः [बुध् + आनन्] 1. बुद्धिमान् पुरुष 2. बृहस्पति रत्वम् ] 1. परमात्मा जो निराकार और निर्गुण का विशेषण। समझा जाता है (वेदान्तियों के मतानुसार ब्रह्म ही बोधिः बिधु - इन] 1. पूर्ण मति या ज्ञान का प्रकाश इस दृश्यमान संसार का निमित्त और उपादान कारण 2. बुद्ध की ज्ञान से प्रकाशित प्रतिभा 3. पावन वट- है; यही सर्वव्यापक आत्मा और विश्व की जीव वृक्ष 4. मुर्गा 5. बद्ध का विशेषण। सम० तरुः, शक्ति है, यही बह मूलतत्त्व है जिससे संसार की सब -- ब्रुमः वृक्षः पावन वटवृक्ष, वः (जैनियों का) बस्तुएँ पैदा होती हैं तथा जिसमें फिर वह लीन हो अर्हत, * सत्त्वः बौद्ध संन्यासी या महात्मा जो पूर्ण जाती है--अस्ति तावन्नित्यशुद्धबुद्धमुक्तस्वभावं सर्वज्ञ ज्ञान की उपलब्धि के मार्ग पर अग्रसर है तथा जिसके सर्बशक्तिसमन्वितं ब्रह्म-शारी०) समीभूता दृष्टिस्त्रि. केवल कुछ ही जन्म अवशिष्ट हैं जिनको पार करके भुवनमपि ब्रह्म मनुते-भर्तृ० 3284, कु० 3 / 15 वह पुर्णबुद्ध की स्थिति को प्राप्त कर लेगा और 2. स्तुतिपरक सूक्त 3. पुनीत पाठ 4. वेद--कु०६।१६, जन्ममरण के दुःख से छुटकारा पा जायगा (यह उत्तर० 1115 5. ईश्वरपरक पावन अक्षर ॐ' स्थिति पावन तथा सत्कृत्यों की दीर्घशृंखला को पार ---एकाक्षरं परं ब्रह्म--- मनु० 2283 6. पुरोहितवर्ग करके प्राप्त की जाती है)---एवंविधरतिविलसितरति- या ब्राह्मण समुदाय-मनु० 9 / 320 7. ब्राह्मण की बोधिसत्त्व:--मा०१०।२१ / शक्ति या ऊर्जा-.-रघु० 8 / 4 8. धार्मिक साधना या बोषित (भू० क० कृ०) [बुध+णिच् + क्त] 1. जताया तपस्या 9. ब्रह्मचर्य, सतीत्व-शाश्वते ब्रह्मणि बर्तते गया, सूचित किया गया, अवगत कराया गया 2. फिर --श० 1 10. मोक्ष या निर्वाण 11. ब्रह्मज्ञान, शनिग्रह ताड़ काडावार For Private and Personal Use Only