________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 719 ) व्यवहार करने वाला, तर्कयक्त बात करने वाला दिलाना–आर्य सम्यगनुबोधितोऽस्मि-श०१, अव-, -पूर्वम्, पूर्वकम् पुरःसरम् (अव्य०) इरादतन, जानबूझ जानना, ज्ञात करना, समझना-मनु० 8 / 53, भट्टि कर स्वेच्छा से,--भ्रमः मन का उचाट, मन की विपथ- 15 / 101, प्रेर०--1. ज्ञात कराना, सूचित करना, गामिता, .-योगः ब्रह्म से बौद्धिक साय ज्य, -----लक्षणम् परिचय देना -ब्रह्मचोदनानपूरुषमवबोधयत्येव केवलम बुद्धिमत्ता या प्रतिभा का चिह्न-प्रारब्धस्यान्तर्गमनम् - शारी० 2. उठाना, जगाना रघु० 12 / 23, द्वितीयं बुद्धिलक्षणम्,-वैभवम् प्रतिभा की शक्ति, उद्-, 1. जमाना, उठाना 2. फैलाना, खिलाना-प्रेर० .... शस्त्र (वि.) समझ या बुद्धि से युक्त, -शालिन्- जागरूक करना, उत्तेजित करना, प्रबुद्ध करना, जगाना, संपन्न (वि.) बुद्धिमान् समझदार, -सखः, सहायः नि-, 1. जानना, समझना, ज्ञात करना-निबोध साधो परामर्शदाता, -हीन (वि.) प्रतिभाशून्य, मूर्ख, तव चेत्कुतूहलम्-कु० 5 / 52, 3 / 14, मनु० 1168, बेवकूफ। याज्ञ. 122 2. मानना, विचार करना, समझना, प्र-, बुद्धिमत् [ बुद्धि+मतुप] 1. समझ से युक्त, प्रज्ञावान्, जागना, उठना, आंख खोलना--श० 5 / 11, शि० विवेकपूर्ण 2. समझदार, विद्वान् 3. तेज, चतुर, 9 / 30 2. खिलाना, फैलाना, खिलना साभ्रेऽह्रीव तीक्ष्ण। स्थलकमलिनी न प्रबुद्धां न सुप्ताम् मेघ० ९०,-प्रेर० बुबुवः (पुं०) बुलबुला,... सततं जातविनष्टा: पयसामिव 1. सूचित करना, जतलाना-रघु० 3 / 68 2. जगाना, बुबुदाः पयसि-पंच०५१७ / उठाना रघु० 5 / 65 6 / 56 3. फलाना, खिलाना बुद (म्वा० उभ०, दिवा० आ०-बोधति-ते, बुध्यते, बुद्ध) - कु. 1 / 15, प्रति-, जगाना, उठना-ननु० 1174, 1. जानना, समझना, संबोध होना-क्रमादम नारद इत्य याज्ञ० 11330, प्रेर० 1. सूचित करना जतलाना, बोधि सः-शि०११३, 9 / 24, नाबुद्ध कल्पद्रुमतां विहाय परिचित करना, समाचार देना रघु० 1174, शि० जातं तमात्मन्यसिपत्रवृक्षम्-रघु० 14 / 48, यदि 6 / 8, 2. जगाना, उठाना,---वि-,जागना, उठना-कु. बुध्यते हरिशिशुः स्तनन्धयः-भामि० 1153 2. प्रत्यक्ष 5 / 57 / प्रेर० 1. जगाना, उठाना 2. फिर से सचेत करना, देखना, पहचानना, ध्यान से देखना -हिरण्मयं करना--अथ मोहपरायणा सती विवशा कामवर्विहंसमबोधि नैषध:-०१।११७, अपि लङ्घितमध्वानं बोधिता-कु० 4 / 1, सम्,-जानना, समझना, ज्ञात बुबुधे न बुधोपमः-रघु० 1147, 12 / 39 3. सोचना, करना, जानकार होना -भट्टि०१९।३०, प्रेर०... विचार करना, समझना, मानना आदि 4. ध्यान देना, 1. सूचित करना, परिचित कराना, सूचना देना-तवाचित्त लगाना 5. सोचना, विमर्श करना 6. जागना, गतिज्ञं समबोधयन्माम् -रघु० 13 / 25 2. संबोधित सचेत होना, सोकर उठना-दददपि गिरमन्तबुध्यते करना। नो मनुष्य:--शि० 114, ते च प्रापुरुदन्वन्तं बुबुधे बुध (वि०) [ बुध् + क ] बुद्धिमान, चतुर, विद्वान्,-धः चादिपूरुष:-रघु० 1016 7. फिर से सचेत होना, 1. बुद्धिमान् या विद्वान् पुरुष --निपीय यस्य क्षितिहोश में आना--शनैरबोधि सुग्रीवः सोऽलञ्चीत्कर्ण रक्षिणः कथां तथाद्रियन्ते न बुधाः सूधामपि-० नासिकम्-भट्टि० 15 / 57, प्रेर०-बोधयति-ते 1. जत- 1 / 1 2. देव, नै० 111 3. बुध ग्रह रक्षत्यनं तु लाना, ज्ञात करना, सूचित करना, परिचित करना बुधयोगः-मुद्रा० 1 / 6, (यहां 'बुध' का अर्थ 'बुद्धिमान्' 2. अध्यापन करना, समाचार देना, (शिक्षा आदि) रघु० 147, 13176 / सम-जनः प्रदान करना 3. परामर्श देना, चेताना-बोधयन्तं बुद्धिमान् या विद्वान् पुरुष, - तात: चन्द्रमा,-विनम् हिताहितम्, भट्टि९८४८२, भग० 109 4. पुनर्जीवित -- वारः-वासरः बुधबार,-रत्नम् मरकतमणि, पन्ना, करना, फिर जान डालना, होश दिलाना, सचेत करना सुतः पुरूरवा का विशेषण / 5. फिर ध्यान दिलाना, याद दिलाना-श० 4 / 1 बुधानः [ बुध्+आनन्, कित् च] 1. बुद्धिमान् पुरुष, ऋषि 6. जगाना, उठाना, उत्तेजित करना (आलं०)-अकाले | 2. धर्मोपदेष्टा, अध्यात्मपथदर्शक / बोधितो भ्रात्रा--रघु० 12181, 5 / 75 7. (गंध- / बुषित ( वि० ) [ वुध्नत ] जाना हुआ, समझा द्रव्य को) फिर से सुवासित करना 8. फैलाना, हुआ। खिलाना-मधुरया मधुबोधितमाधवी-शि० 6 / 20 | बुधिल (वि.) [बध+किलच् ] विद्वान्, बुद्धिमान् / 9. द्योतित करना, संवहन करना, संकेत करना | | बुध्नः [ बन्ध् + नक, बुधादेशः ] 1. बर्तन की तली 2. पेड़ --- इच्छा० बुबु (बो) घिषति-ते, बुभुत्सते- जानने / की जड़ 3. निम्नतम भाग 4. शिव का विशेषण की इच्छा करना आदि, अनु --, 1. जानना, समझना (अन्तिम अर्थ में 'वुध्न्य' भी)। 2. सीखना, जानकार होना, सचेत होना, प्रेर०- बुन्द, बुन्ध (भ्वा० उभ० वुन्दति-ते, वुन्धति-ते)1. प्रत्यक्ष 1, परामर्श देना, बेताना-रघु० 875 2. ध्यान करना, देखना, भांपना 2. विमर्श करना, समझना / For Private and Personal Use Only