SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 723
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 714 ) बार्हस्पत्य (वि.) [बृहस्पति+यक ] बहस्पति से संबंध | ६,-चर्यः कार्तिकेय का नाम, (र्या) बच्चे का व्यवहार, रखने वाला,-त्यः 1. बृहस्पति का शिष्य 2. भौतिक- --. ज (वि०) बालों से उत्पन्न,-तमयः खदिर का बाद के उग्ररूप के शिक्षक बहस्पति का अनुयायी, वृक्ष, खैर,-तन्त्रम् धात्रीकर्म,-तृणम् नई दूब, हरी भौतिकवादी,-त्यम् पुण्यनक्षत्र / घास,-दलकः खैर,-धिः बालों वाली पंछ--शि० माहिण (वि.) (स्त्री०-णी) [बहिन्+अण् ] मोर से 12173, कि० १२।४७,---पाश्या 1. बालों की मांग में संबद्ध या उत्पन्न / पहने जाने के योग्य आभूषण 2. बालों की चोटी में बाल (वि.) [बल+ण या बाल+अच् ] 1. बच्चा, शिशु धारण की जाने वाली मोतियों की लड़ियाँ,-पूष्टिका, वत्, अवयस्क, न्याना-- बालेन स्थविरेण वा --- मनु० -पुष्टी एक प्रकार की चमेली, बोधः 1. बच्चों की 870, बालाशोकमपोढरागसुभगं भेदोन्मुखं तिष्ठति शिक्षा 2. अनुभवशून्य नये बालकों की शक्ति के अनु-विक्रम० 217, इसी प्रकार बालमन्दारवृक्षः-- मेघ० सार कोई कार्य,- भद्रकः एक प्रकार का विष,--भारः 75, रघु० 2 / 45, 13124 2. नया उगा हुआ, बाल बालों से भरी हुई लम्बी पूंछ-बाधेतोल्काक्षपितचमरी (रवि या अर्क)-रघु० 121100 3. नूतन, वर्धमान बालभारो दवाग्निः-मेघ०५३,-भावः बचपन, बाल्या(चन्द्रमा)---पुपोष वृद्धि हरिदीधितेरनुप्रवेशादिव वस्था,- भैषज्यम् एक प्रकार का अंजन,--भोज्यः मटर, बालचन्द्रमाः--रघु० 3 / 22, कु० 3 / 29 4. बालिश -मृगः मृग छौना, यज्ञोपवीतकम् वक्षःस्थल के ऊपर 5. अनजान, अबोध, --ल: 1. बालक, शिश-बालादपि से पहने जाने वाला जनेऊ,-राजम वैदूर्यमणि, नीलम, सुभाषितं ग्राह्यम्-मनु० 2 / 239 2. बालक, युवा, --रोगः बच्चों का रोग,-लता नूतन बेल-रधु० तरुण 3. अवयस्क (16 वर्ष से कम आयु का)-बाल २।१०,-लीला बच्चों के खेल, बालकों का मनोविनोद, आषोडशाद्वर्षात्- नारद 4. बछेरा, अश्वक 5. मूर्ख, -वत्सः 1. नन्हा बछड़ा 2. कबूतर,-वायजम् वैदूर्यमणि भोंदू 6. पूंछ 7. बाल 8. पाँच वर्ष का हाथी 9. एक नीलम,-वासस् (नपुं०) ऊनी वस्त्र,-- वाह्यः जंगली प्रकार का गन्धद्रव्य / सम०-अग्रम बाल की नोक, बकरा,-विधवा बाल्यावस्था में ही जिसका पति मर - अध्यापकः बच्चों का शिक्षक,-अभ्यासः बाल्यावस्था गया हो, व्यजनम् चंवर, चौरी (सूरागाय के बालों से बनी चौरी जो एक प्रकार का राजचिह्न है)-रघु० में अध्ययन, (अध्ययन में) शीघ्र लगाना, अरुण 9 / 66, 14 / 11, 16 // 33, 57, कु० 1113, - सखिः (वि०) प्रभातकालीन उषा की भाँति लाल, (णः) बाल्यावस्था से बना मित्र, बचपन का दोस्त,-संध्या प्रभातकालीन उषा,-अर्कः नवोदित सूर्य-रघु० 12 / झुटपुटा,-सुहृद् (पुं०) बचपन का मित्र,-सूर्यः, १००,---अवबोधः बच्चों की शिक्षा,- अवस्थ (वि०) तरुण, नवयुवक --- विक्रम० 5 / 18,--. अवस्था बचपन, -सूर्यकः वैदूर्यमणि, नीलम,--हत्या बच्चे की हत्या, --हस्तः बालों वाली पूँछ। --आतपः प्रातःकालीन धूप,-इन्दुः नया बढ़ता हुआ चन्द्रमा-कु० 3 / 29, इष्टः बेरी, बेर का पेड़, बालक (वि०) (स्त्री०-लिका) [वाल+कन् ] 1. बच्चों -उपचारः (आयु०) बच्चों की चिकित्सा,-उपवीतम् जैसा, नन्हा, अवयस्क 2. अनजान,-क: 1. बच्चा, लंगोटी, रुमाली,-- कदली केले का नया पौधा,- कुन्दः, बाल 2. अवयस्क (विधि में) 3. अंगठी 4. मुर्ख या -वम् एक प्रकार की नई चमेली (- दम्) चमेली बुद्ध 5. कड़ा, कंकण 6. हाथी या घोड़े की पूंछ,--कम की नई खिली हई कली--- अलके बालकुन्दानुविद्धम् अँगूठी। सम-हत्या, बच्चे की हत्या / --मेघ० 65, कृमिः अँ, - कृष्णः बालक के रूप में बाला बाल+टाप] 1. लड़की, कन्या 2. सोलह वर्ष से कृष्ण,--क्रीडनम् बच्चे का खिलौना या खेल,-क्रीडनकम कम आय की युवती 3. तरुणी, यवती,--जाने तपसो बच्चे का खिलौना, (- कः) 1. गेंद 2. शिव का वीर्य सा बाला परवतीति मे विदितम्- श०३।१, विशेषण,--क्रीडा बच्चों का खेल, बालकों या तरुणों इयं बाला मां प्रत्यनवरतमिन्दीवरदलप्रभाचोरं चक्षुः का खेल,---खिल्यः ब्रह्मा के रोम से उत्पन्न, अंगूठे के क्षिपति- भर्त० 3 / 67, मेघ० 83 4. चमेली का एक समान आकारवाली दिव्य मतियां (जो गिनती में भेद 5. नारियल 6. घृतकुमारी का पौधा 7. इलायची साठ हजार समझी जाती हैं) तु० रघु० 15 / 10, 8. हल्दी / सम० -हत्या स्त्रीहत्या / -~-गभिणी पहली बार गाभिन हुई गाय,-गोपालः | बालिः [बल-इन् ] एक प्रसिद्ध बानरराज का नाम-दे० "तरुण ग्वाला' बालगोपाल के रूप में कृष्ण का विशे- 'वालि'। सम०-हन् हन्तु (पुं०) राम का षण,----ग्रहः बालकों को पीडा पहुँचाने वाला पिशाच विशेषण / / (या उपग्रह),-चन्द्रः -चन्द्रमस् (पुं०) दूज का चाँद, | बालिका [बाला-+कन्+टाप, इत्वम्] 1. लड़की 2. कान बढ़ता हुआ चाँद-मा० २११०,-चरितम् 1. तरुणों की बाली को घुडी 3. छोटी इलायची 4. रेत 5. पत्तों के खेल 2. बाललीला, बाल्यजीवन के कारनामें-उत्तर० / की सरसराहट / For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy