________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्लवेनैव वृजिनं संतरिष्यसि- भग० 4 / 36, मनु० / तिल्ली का बढ़ जाना, उदरिन् वह पुरुष जो तिल्ली 4 / 194, 11 / 19, वेणी० 3 / 25 5. मेंढक 6. बन्दर | की वृद्धि से पीड़ित हो। 7. ढलान, ढलवां स्थान 8. शत्रु 9. भेड़ 10. नीच | प्लीहा (स्त्री०) तिल्ली। जाति का पुरुष, चांडाल 11, मछली पकड़ने का जाल | प्लु (भ्वा० आ०-प्लवते, प्लुत) बना, तैरना-कि 12. अंजीर का पेड़ 13. कारण्डव पक्षी, एक प्रकार नामैतत् मज्जंत्यलाबूनि ग्रावाणः प्लवन्त इति-महावी. की बत्तख 11. पदयोजना की दष्टि से जुड़ी हुई पाँच १,क्लेशोतरं रागवशात् प्लवन्ते-रघु० १६१६०,प्लवन्ते या अधिक पंक्तियाँ, कुलक 15. स्वर का दीर्घो- धर्मलघवो लोकेऽम्भसि यथा प्लवाः --सुभा० 2. नाव च्चारण। सम० --ग: 1. बन्दर-रघु० 12178 में बैठ कर पार जाना 3. इधर उधर झूलना, थर2. मेंढक 3. जलीय पक्षी, पनडब्बी पक्षी 4. शिरीष थराना 4. कूदना, छलांग लगाना, फलांगना-भट्टि. का वक्ष 5. सूर्य के सारथि का नाम (... गा) कन्या- 5 / 48, 14 / 13, 15 / 16 5. उड़ना, उड़ान भरना, राशि,-गतिः मेंढक / हवा में मंडराना 6. फुदकना 7. (स्वर का) दीर्घ प्लवक: [प्लु बाहु० अक] 1. मेंढक 2. कूदने वाला होना, प्रेर०-प्लावयति-ते 1. तैराना, बहाना व्यक्ति, कलाबाज, रस्से पर नाचने वाला नट 3. बड़ 2. हटाना, बहा ले जाना 3. स्नान करना 4. जलथल या पाकर का वृक्ष 4. चाण्डाल, जाति-बहिष्कृत एक करना, प्रलय आना, बाढ़ आना, जल में डुबोना 5. बन्दर। घट बढ़ कराना, अभि---, 1. बह निकलना 2. हावी प्लवंगः [प्लव+गम् +-खच्, डित्, टिलोप: मुम् ] हो जाना, पराभूत करना (आलं०), अव-, कूकना, 1. लँगूर, बन्दर 2. हरिण 3. वटवृक्ष , पाकर का छलांग लगाकर बाहर होना, उद्-, 1. बहना, तैरना वक्ष। 2. उछलना, फलांगना--मनु० 8 / 23, 63, कूदना, प्लवङ्गमः [प्लव+गम्+खच्, मम्, ] 1. बंदर-शि० उचकना-शि० 12 / 22, उप---, 1. बहना, तैरना 12155 2. मेंढक / 2. प्रहार करना, हमला करना, आक्रमण करना प्लवनम् [ प्लु+ल्युट ] 1. तैरना 2. स्नान करना, गोता 3. अत्याचार करना, कष्ट देना, तंग करना, सताना लगाना ...मा० 119 3. छलांग लगाना, कृदना -निशाचरोपप्लुतभर्तृकाणां (तपस्विनीनाम् )-रघु० 4. बड़ी भारी बाढ़, प्रलय 5. ढलान / 14164, 1015, मनु० 4 / 188, परि -, 1. तैरना, प्लवाका | प्लु+आकन् +टाप ] घड़नई, बेड्रा। बहना 2. स्नान करना, डुबकी लगाना 3. कूदना, प्लविक (वि०)। प्लव+ठन् ] नाव में बिठाकर ले जाने उछलना 4 जल प्रलय होना, जलथल होना, बाढ़ वाला, खिवैया। आना 5. ढकना 6. हावी हो जाना (आलं.), वि-, प्लाक्षम् [प्लक्ष-अण् ] प्लक्ष का फल / 1. इधर उधर बहना, इधर उधर डावाँडोल होना, प्लावः [प्ल+घञ 11. बह निकलना 2. कदना, छलांग घटबढ़ होना 2. (समुद्र में) निरुद्देश्य संचरण करना, लगाना 3. इतना भरना कि किनारे से बाहर निकल तितरबितर होना-हि० 312 3. (मन आदि का) जाय 4. तरल पदार्थ को छानना (उसका मैल दूर अव्यवस्थित होना 4. बर्वाद होना, नष्ट हो जाना करने के लिए)- याज्ञः 11190 (दे० इस पर 5. असफल होना, प्रेर०-1. बहाना, तैरना 2.(अयोग्य मिता०)। व्यक्तियों का) अध्यापन करना मन० 114199 प्लावनम् [ प्ल+णि+ल्यूट 1 1. स्नान, आचमन 3. अव्यवस्थित होना, घबड़ाना, उद्विग्न होना, सम्,-- 2. बाहर निकल कर बहना, बाढ़ आ जाना, जलमय / 1. घट बढ़ होना, इधर-उधर बहना 2. इकट्ठे बहना, हो जाना 3. बाढ़. प्रलय / (पानी की भांति) मिलना--भग० 2146 / प्लावित (भू० क० कृ०) [ प्लु+णिच् +क्त ] प्लुत (भू० क० कृ०) [प्लु-+क्त] 1. तैरता हुआ, बहता 1. तेराया गया, बहाया गया, जलथल किया गया हुआ 2. जलमय हुआ, जल में डूबा हुआ, जल में बहा 2. जलमय किया गया, बाढ़ में डुबोया गया, जल से हुआ 3. कूदा हुआ, फलांगा हुआ 4. (स्वर) दी|कृत, लबालब भरा गया 3. तर किया गया, गीला किया प्रदीर्घ हुआ 5. ढका हुआ (दे० 'प्लु'), तम् 1, कूद, गया, छिड़का गया-शि० 1225, कि० 11136 उछल, उचक 2. कूद फांद, घोड़े का कदम विशेष / 4. ढका हुआ, आच्छादित। सम०-गतिः खरगोश (स्त्री०) 1. उछल कूद कर प्लह (भ्वा० आ०---प्लेहते) जाना, चलना-फिरना। चलना 2. सरपट दौड़ना, घोड़े की टप्पेदार चाल / प्ली (क्रया०-पर० प्लीनाति) जाना, चलना-फिरना। प्लुति: (स्त्री०) [प्ल+क्तिन् ] 1. बाढ़, ऊपर से बहना, प्लीहन् (पुं०) [प्लिह +वनिन्, नि० दीर्घः ] तिल्ली, जलमय होना 2. उछल, कूद, उचक जैसा कि 'मंडूक तिल्ली का बढ़ जाना (प्लिहन भी)। सम०---उदरम् / प्लुति' में 3. कूदफांद कर चलना, घोड़े की एक चाल निताoU For Private and Personal Use Only