SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 682
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 673 ) प्रलोभनी [प्रलोभन+डीप ] रेत, बालू / लकड़ी। सम०--वाहनौ (द्वि० व०) अश्विनीप्रलोल (वि.) [प्रा० स०] अत्यंत क्षुब्ध, थरथर करने कुमारों का विशेषण / वाला। प्रवर्गः [ प्रवज्यते निः क्षिप्यते हविरादिकमस्मिन-प्रवृज् प्रवक्त (पुं०) [प्र+व+तुच ] 1. वर्णन करने वाला, घा | 1. यज्ञीय अग्नि 2. विष्णु का विशेषण / वक्ता, उद्घोषक 2. अध्यापक, व्याख्याता-मनु० | प्रवर्यः [प्र-व्रज-+-ण्यत् ] सोमयाग से पूर्व किया जाने 7 / 20 3. सुवक्ता, धाराप्रवाह बोलने वाला। वाला अनुष्ठान / प्रवगः, प्रवङ्गः, प्रवङ्गमः (पुं०) बंदर, दे० 'प्लवंग' और | प्रवर्तः [प्रवत् +धन ] आरंभ, उपक्रम, काम में 'प्लवङ्गमः'। लगाना। प्रवचनम् | प्र+वच्ल्यू ट ] 1. बोलना, प्रकथन करना, प्रवर्तक (वि.) (स्त्री०-तिका) [प्र+वृत्+णिच घोषणा करना, पंच०१।१९० 2. अध्यापन, व्याख्यान +ण्वुल ] 1. चाल करने वाला, स्थापित करने वाला 3. खोलकर समझाना, व्याख्या करना, अर्थ करना 2. प्रगतिशील, उन्नेता, आगे बढ़ाने वाला 3. पैदा करने -.-महावी० 4 / 25 4. वाग्मिता 5. धर्मशास्त्र, मन० वाला, जन्म देने वाला 4. प्रबोधक, प्रोत्साहक, 3 / 184 / सम... पटु (वि.) बात करने में कुशल, उकसाने वाला, भड़काने वाला (बुरे अर्थ में),---क: वाग्मी। जन्मदाता, प्रवर्तक, प्रणेता 2. प्रबोधक, प्रोत्साहक प्रवटः [प्र+व+अच् ] गेहूँ / 3. विवाचक, मध्यस्थ / प्रवण (वि०) [प्र-|-वण---अन् ] 1. ढलवाँ, रुझान वाला, प्रवर्तनम् [प्र--वृत+ल्यट ] 1. चलते रहना, आगे बढ़ना झुकावदार, नीचे को बहने वाला 2. ढालू, दुरारोह, 2. आरंभ, शुरु 3. कार्यारम्भ, नींव डालना, संस्थापन, विप्रपाती, चट्टान जैसा 3. कुटिल, झुका हुआ, प्रतिष्ठापन 4. प्रोत्साहन, बलपूर्वक चलाना, उद्दीपन 4. अनुरक्त, प्रवृत्त, संलग्न (प्रायः समास के अन्त में) 5. व्यस्त होना, काम में लगना 6. होना, घटित होना वंचनप्रवणः-कि० 3 / 19 5. भक्त, अनुरक्त, व्यस्त, 7. क्रियता, कार्य 8. व्यवहार, आचरण, कार्यविधि, तुला हुआ, झुका हुआ, भरा हुआ नृभिः प्राणत्राण- --ना कार्य में प्रेरित करना, प्रोत्साहन देना। प्रवणमतिभिः कश्चिदधुना -भर्तृ०३।२९, शि० 8 / 35, प्रवर्तयित (वि.) [प्र+वृत्+णि+तच्] संचालन मुद्रा० 5 / 21, कि० 2244 6. अनुकूल, उत्सुक--कु० करने वाला, या जो नींव डालता है, संस्थापित करता 4 / 42 7. आतुर, तत्पर कि० 218 8. युक्त, सम्पन्न है और उसे चलाता रहता है या ढकेलता है। 9. विनम्र, सुशील, विनीत 10. मुझाया हुआ, बर्बाद, | प्रवतित (भू० क. कृ.) [प्र+वृत्+(णिच्+क्त क्षीण, णः चौराहा,-णम् 1. उतार, ढलवाँ उतार, 1. मोड़ दिया हुआ, चलाया हुआ, लुढ़काया हुआ, चट्टान 2. पहाड़ का पार्श्वभाग, ढलान, झुकाव / चक्कर खाने वाला --रघु० 9 / 66 2. नींव डाला हुआ प्रवत्स्यत् (वि.) (स्त्री०-ती, न्ती) [प्र+वस् + स्य 3. प्रेरित किया हुआ, उकसाया हुआ, भड़काया हुआ (लट्)-शत | यात्रा पर जाने के लिए तैयार | 4. सुलगाया हुआ 5. जन्म दिया हुआ, निर्मित सम... पतिका उस नायक की पत्नी जो यात्रा पर 6. पवित्र किया हुआ, छाना हुआ -- मनु० 111196 / जाने के लिए तैयार बैठा है (रीतिकाव्यों में आठ प्रवर्तिन् (वि०) [प्रवृत्-णि+णिन] 1. प्रगतिशील, प्रकार की नायिकाओं में से एक)। आगे बढ़न वाला 2. सक्रिय रहने वाला 3. जन्म देने प्रवयणम् ।प्र। वे + ल्युट् ] 1. बुने हुए कपड़े का ऊपर वाला, प्रभावी 4. इस्तेमाल करने वाला। का भाग 2. अङ्कुश---शि० 13119 / प्रवर्धनम् [प्र+वृध ल्युट्] बृद्धि करना, बढ़ाना। प्रवयस् (वि०) [ प्रगतं वयो यस्य प्रा० ब० बड़ी उम्र / | प्रवर्षः [प्र+वृष-+घा भारी वृष्टि, मसलाघार वर्षा / का, वृद्ध, बूढ़ा ...केऽप्येते प्रवयसस्त्वां दिदृक्षवः-उत्तर० | प्रवर्षणम् [प्र+व+ल्युट् ] 1. बरसना 2. पहली 4, रघु०८।१८। वृष्टि / प्रवर (वि०) [प्र+-+-अप] 1. मुख्य, प्रधान, सर्वश्रेष्ठ | प्रवसनम् [प्र+वस् + ल्युट] विदेश जाना, विदेश यात्रा, या पूज्य, सर्वोत्तम, श्रीमान् - संकेतके चिरयति प्रवरो | यात्रा पर जाना। विनोदः मृच्छ० 3 / 3, मनु० 10 / 27, घट०१६ | प्रवहः [प्र-वह ---अच] 1. बहना, धार बनकर बहना 2. ज्येष्ठ, र: 1. बुलावा, आह्वान 2. एक विशेष 2. वायु 3. वायु के सात मार्गों में से एक (जो ग्रहों प्रकार का आवाहन जो अग्न्याधान के अवसर पर को गतिमान करता है। अग्नि को संबोधित किया जाता है 3. वंश परम्परा | प्रवहणम् [प्र--बह+ल्यूट] 1. बन्द गाड़ी या पालकी 4. कुल, परिवार, वंश 5. पूर्वज 6. गोत्रप्रवर्तक ऋषि (स्त्रियों के लिए) 2. गाड़ी, वाहन, सवारी 7. सन्तान, वंशज 8. ढकना, चादर, -- रम् अगर की / 3. जहाज। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy