________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उद्यान (जहाँ रानियाँ विहार करती हैं), -- जनः / अधिकृत वक्तव्य,--शास्त्रम् 1. वेद, धर्मशास्त्र 2. तर्क 1. नवयुवती, तरुणी 2. स्त्री। विज्ञान,-सूत्रम् मापने की डोरी। प्रमद्वर (वि.) [प्र+म+वरच ] लापरवाह, अनव- प्रमाणयति (ना० धा० पर०) अधिकृत समझना, प्रमाणघान, असावधान। स्वरूप मानना -- हि० 110 / प्रमनस् (वि०) [ प्रकृष्टं मनो यस्य-प्रा० ब.] 1. खुश, प्रमाणिक (वि०) [ प्रमाण +ठन् ] 1. 'नाप' का आकार हर्षयुत, प्रसन्न, आनन्दित / / ग्रहण करने वाला 2. प्रमाण या अधिकार का रूप प्रमन्यु ( वि. ) [ प्रकृष्टो मन्य: यस्य-प्रा० ब० ] धारण करने वाला। 1. क्रोधाविष्ट, चिडचिड़ा चिढ़ा हआ ( अधि० के | प्रमातामहः [प्रकृष्टो मातामहः-प्रा० स०] 1. परनाना, साथ ) रघु० 7.34 2. कष्टग्रस्त शोकान्वित, - ही परनानी। शोकसंतप्त / प्रमाथः [प्र+मथ्+घञ ] 1. प्रपीडन, संताप देना, प्रमयः [ प्र+मी+अच् ) 1. मृत्यु 2. बरबादी, नाश, सताना 2. क्षुब्ध करना, बिलोना 3. वध, हत्या, निधन 3. वध, हत्या। विनाश .. सैनिकानां प्रमाथेन सत्यमोजायितं त्वया प्रमर्दनम् [प्र+मृद्+ल्युट ] मसल डालना, नष्ट करना, ------उत्तर० 5 / 31, 4 4. हिंसा, अत्याचार 5. कुचल देना, नः विष्णु का विशेषण | बलत्कार, बलपूर्वक अपहरण / प्रमा[प्र+मा+अङ्+टाप् ] 1. प्रतिबोध, प्रत्यक्षज्ञान प्रमाथिन् (वि०) प्र+म+णिनि] 1. यन्त्रणा देने 2. (तर्क० में) सही भाव, विशुद्ध ज्ञान, यथार्थ जान- वाला, तंग करने वाला, संपीडित करने वाला, कष्ट कारी, ठीक ठोक प्रत्यय (यथा रंजते इदं रजतमिति देने वाला, दुःख पहुंचाने वाला क्व रुजा हृदयज्ञानम् - तर्क०)। प्रमाथिनी क्व च ते विश्वसनीयमायुधम-मालवि०३।२, प्रमाणम् [प्र+मा+ ल्युट ] 1. (लंबाई चौड़ाई) माप मा० 211, कि० 3 / 14 2. बध करने वाला, विनाश --रघु० 18 / 38 2. आकार, विस्तार, परिमाण कारी 3.,क्षब्ध करने वाला, गतिमान करने वाला (लंबाई चौड़ाई) 3. मान, मानक-पृथिव्यां स्वामि- - भग० 2260, 6 / 34 4. फाड़ने वाला, गिराने भक्तानां प्रमाणे परमे स्थितः-मुद्रा० 21 वाला, पछाड़ने वाला रघु० 11158 5. काट कर 4. सीमा, परिमाण 5. साक्ष्य, शहादत, प्रमाण 6. अधि गिराने वाला कि० 17131 / कारी, सम्मोदन, निर्णता, निश्चायक, वह जिसका प्रमादः [प्रमद्+घञ्] 1. अवहेलना, असावधानी, शब्द प्रमाण माना जाय * श्रुत्वा देवः प्रमाणम् - पंच० अनवधान, लापरवाही, भूल-चक -- ज्ञातं प्रमादस्खलितं 1, 'यह सुनकर श्रीमान् ही निर्णय करेंगे (कि क्या न शक्यम्-श०६।२६, चौर० 1 2. मादकता, करना चाहिए)'-आर्यमिश्राः प्रमाणम्-मालवि० 1, पागलपन, उन्मत्तता 4. गलती, भारी भूल, गलत मुद्रा० 1 / 1, श०११२२, व्याकरणे पाणिनिः प्रमाणम् निर्णय 5. दुर्घटना, उत्पात, संकट, भय--अहो प्रमादः 7. सत्य ज्ञान, यथार्थ प्रत्यय या भाव 8. प्रमाण की --- मा० 3, उत्तर०३। रीति, यथार्थ ज्ञान प्राप्त करने का उपाय ( नैयायिक प्रमापणम् [प्र+मी+पिच् + ल्युट्, पुक] वध, हत्या / केवल चार प्रमाण प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान और प्रमार्जनम् [प्र--मृज --णिच् + ल्युद] मिटा देना, रगड़ शब्द मानते हैं, वेदान्ती और मीमांसक अनुपलब्धि देना, धो देना। और अर्थापति दो और मानते हैं। सांख्य केवल | प्रमित (भू० क० कृ०) [प्रमा (भि) ! क्त] 1. नपा प्रत्यक्ष, अनुमान और शब्द को ही मानते हैतु-० 'अनु- / तुला, सीमित 2. कुछ, थोड़ा-प्रभितविषयां शक्तिं भव' भी 9. मुख्य, मल 10. एकता 11. वेद, शास्त्र, विदन्-महावी०११५१, शि० 16180 3. ज्ञात, समझा धर्मग्रन्थ 12. कारण, हेतु, (प्रमाणीकृ) 1. अधिकारी हुआ 4. प्रमाणित, प्रदर्शित / मानना या समझना 2. आज्ञा मानना, अनुमत होना प्रमितिः (स्त्री०) [प्र.--मा (मि)+क्तिन] 1. माप, नाप 3. साबित करना, सिद्ध करना 4. यथोचित भाग 2. सत्य या निश्चित ज्ञान, यथार्थ भाव या प्रत्यय बांटना / सम... अधिक (वि०) सामान्य से अधिक, 3. किसी प्रमाण या ज्ञान के स्रोत से प्राप्त जानकारी। अपरिमित, अत्यधिक---श० १।३०,-अन्तरम् प्रमाण | प्रमोढ़ (वि.) [प्रमिह +क्त 1 घना, सघन, सटा की अन्य रीति,-अभावः प्रमाणशून्यता, ज्ञ(-वि०) हुआ 2. मूत्र बनकर निकला हुआ। (ताकिक की भांति) प्रमाण पद्धति का जानकार, प्रमीत (भू० क० कृ०) [प्र+मी+क्त] मरा हुआ, मृतक, (स.) शिव का विशेषण,-~-दुष्ट (वि.) अधिकारी -तः यज्ञ के अवसर पर बलि चढ़ाया हुआ या वध द्वारा स्वीकृत,-- पत्रम् लिखित अधिकारपत्र, पुरुषः | किया हुआ पशु। विवाचक, निर्णायक, मध्यस्थ,-वचनम्, वाक्यम् ! प्रमोतिः (स्त्री०) [+मी+क्तिन्] मृत्यु, विनाश, निधन / For Private and Personal Use Only