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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 605 ) पानीयम् [पा-+अनीयर 1. जल 2. पेय, घंट, पानीय- पापद्धिः पापानामृद्धियंत्र--ब० स०] शिकार, आखेट / पीने के योग्य शर्बत आदि / सम-नकुलः ऊद-पापल (वि.) [पाप+ला+क] पाप कमाने वाला, पाप बिलाव,-णिका रेत, बाल,----शाला,-शालिका प्याऊ, जहाँ यात्रियों को पानी पिलाया जाय -तु. प्रपा। पापिन् (वि.) (स्त्री०--नी) [पाप+इनि] पापपूर्ण, पान्थः [पन्यानं नित्यं गच्छति -पथिन+अण, पंथादेशः] दुष्ट, बुरा - (पुं०) पाप करने वाला। यात्री, बटोही रे पान्थ विह्वलमना न मनागपि स्याः पापिष्ठ (वि.) [अतिशयेन पापी-पाप+इष्ठन् ] अत्यंत ---गामि० 1137 / पापपूर्ण, अधम, दुष्टतम ('पाप' की अतिशयावस्था)। पाप (वि.) पिाति रक्षति आत्मानम् अस्मात् पा-1-4) | अपात .. | पापीयस् (वि.) (स्त्री०. सी)[पाप-+ईयसुन, अयमनयो 1. अनिष्टकर, पापमय, दुष्ट, दुर्वत्त पापं का च रतिशयेन पापी, तुलना अवस्था| अपेक्षाकृत पापी, यत् परैरपि कृतं तत्तस्य संभाव्यते - मृच्छ० 1136, अपेक्षाकृत दुष्ट या अनिष्टकर। भग० 619 2. उपद्रपकारो, विनाशक, अभिशप्त पाप्मन् (पुं०) [पान-मानिन्, पुगागमः] पाप, जुर्म, दुष्टता, ... पापेन मत्यना गृहीतोऽस्मि मालवि० 4 3. अपराध-मया गृहीतनामान: स्पृश्यंत इव पाप्मनानीच, अधम, पतित मनु० 3 / 52, 41171 4. उत्तर. 148.7 / 20, मा० 5 / 26, मनु०६८५ / अशुभ, प्रद्वेषी, अनिष्ट सूचक (पाप ग्रह आदि)-पम् पामन् (पुं०) [पा+मनिन्] एक प्रकार का चर्मरोग, बुराई, बुरी अवस्था, दुर्भाग्य-पापं पापा: कथयथ खुजली / सम०--नः गंधक / कथं शौर्यराशेः पितु,... वेणी० 3 / 5, शांतम् पापम् / पामन (वि०) [पामन्-|-न, नलोपः] खुजलो रोग से ग्रस्त / —'पाप से बचाये भगवान्' (प्रायः नाटकों में प्रयुक्त) पामर (वि.) (स्त्री० ----रा,-री) पामन+र] 2. बुराई, जुर्म, दुर्व्यसन, दोष---अपापानां कुले जाते 1. खुजली रोग से ग्रस्त, सकण्डू, खुजली वाला मयि पापं न विद्यते --मच्छ 0 9 / 37, मनु० 11 / 231, अनिष्टकर, दुष्ट 3. नीच, गंवारु, अधम 4. मूर्ख, जड़ 41181, रघु० १२।१९,-पः पाजी, पापी, दुष्ट, दुरा- 5. निर्धन, असहाय---उ० दू० 5, --रः मूढ, जड़बुद्धि चारी। सम-अधम (वि.) अत्यंत दुष्ट, अधम, ----वलगति चेत्पामरा:---भामि० 1162 2. दुष्ट या ...अपनुत्तिः (स्त्री०) प्रायश्चित्त, -- अहः दुर्भाग्यपूर्ण / नीच पुरुष 3. अत्यंत नीच कर्म में प्रवृत्त व्यक्ति / दिवस,---आचार (वि.) पापमय आचरण वाला, | पामा [पामन्+कीनिषेधः, नलोपः, दीर्घः] दे० ऊपर पापपूर्ण जीवन बिताने वाला, दुर्व्यसनी, दुष्ट, पामन्'। सम-- अरिः गंधक / ---आत्मन दुष्टमना, पापपूण, दुष्ट--(पु) पापी, | पायनापा--णिच -यच--टाप] 1. पीलाना 2. सींचना. ....-आशय,-चेतस् (वि०) दुष्ट इरादे वाला, दुष्ट तर करना 3. तेज करना, पैनाना। हृदय, कर,--कारिन्,-कृत् (वि.) पापपूर्ण, पापी, पायस (वि.) (स्त्री -सी) [पयस अण] दूध या अधम,-क्षयः पाप का दूर करना, पाप का नाश, पानी से बना हुआ-सः, सम 1. खीर, दूध में उबले ----ग्रहः दुष्ट ग्रह, प्रद्वेषी (जैसे मंगल, शनि, राहु या / हुए चावल -- मनु० 3 / 271, 5 / 7, याज्ञ. 11173, केतु),...न (वि०) पाप को दूर करने वाला, 2. तारपीन,--सम् दूध / प्रायश्चित कारी,-चर्यः 1. पापी, 2. राक्षस, - दृष्टि | पायिकः (पु) पैदल सिपाही। (वि.) बुरी निगाह वाला, खोटी आँख वाला, धी पायुः [पा-!-उण, युक] गुदा, मलद्वार-पायूपस्थम् मनु० (वि०) दुष्ट हृदय, दुर्बुद्धि,-नापितः चालाक या दुष्ट / 90, 91, याज्ञ० 3 / 92 / नाई, -नाशन (वि.) पापनाशक या प्रायश्चितकारी, पाय्यम् [मा+ ण्यत्, नि० पत्वम्, युगागमः] 1. जल 2. पेय --पतिः जार, उपपति, पुरुषः दुष्ट प्रकृति बाला पदार्थ 3. प्ररक्षण 4. परिमाण / मनुष्य, ..फल (वि०) अनिष्टकर, अशुभ,--बुद्धि | पार:-रम् [ परं तीरं परमेव अण, पृ+घा वा ] 1. ---भाव--मति (वि.) दुष्टहृदय, दुष्ट, दुश्चरित्र, या नदी का परला-सामने वाला दूसरा किनारा --भाज् (वि.) पापपूर्ण, पापी-कु०५४८३,--- मुक्तं --पारं दुःखोदधेर्गन्तुं तर यावन्त भिद्यते--शा० 311, (वि०) पाप से छूटा हुआ, पवित्र,-मोचनम्, विरहजलधेः पारमासादयिष्ये--पदा० 13, हि० 1 // -विनाशनम् पाप का नाश, योनि (दि०) नीच 204 2. किसी भी वस्तु का विरोधी पक्ष-कु० जाति में उत्पन्न (स्त्री--निः) नीच कूल में जन्म, 2058 3. किसी वस्तु का अन्तिम किनारा, अन्तिम ----रोगः 1. कोई बुरा रोग 2. शीतला, चेसक,---शोल सीमा-वेणी० 3 / 35 4. किसी वस्तु का अधिकतम (वि.) दुष्ट कार्यों में प्रवृत्त होने वाला, दुष्ट प्रकृति, परिमाण, समष्टि-स पूर्वजन्मांतरदष्टपारा: स्मरन्निव दुष्टहृदय, संकल्प (वि०) दुष्टहृदय, दुरात्मा (रूपः) ---रषु० 18150, (पारं गम्,--,-या 1. पार दुष्ट विचार / जाना, ऊपर चढ़ना 2. निष्पन्न करना, पूरा करना, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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