________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (602 ) पांडर (वि०) [ पाण्डर-+-अच् ] 1. धवल, पीतधवल, पांडुर (वि०) [पाण्डवणोऽस्यास्ति पांडु+र ] सफेद सफ़ेद 2. गेरु 3. चमेली का फूल / सा, पीत-धवल, पीताभ-श्वेत, पीला-छवि: पांडुरा पांडव [ पाण्डोः अपत्यम् / पाण्डु-+अण् ] पाण्ड का पुत्र --श० 3 / 10, रघु०१४।२६, कु० 3133, रम् या सन्तान, पांडु के पाँचों पुत्रों में से कोई सा एक - श्वेत कुष्ठ / सम० इक्षः एक प्रकार की ईख, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव-हंसाः संप्रति- पौण्डा। पांडवा इन बनादज्ञातचर्या गताः-मृच्छ० 5 / 6 / सम० पांडुरिमन् (पुं०) [पांडुर-1-इमनिच् ] पीलापन, सफेदी -आभीलः कृष्ण का नाम,-श्रेष्ठः युधिष्ठिर का नाम। या पीला रंग। पांडवीय (वि०) / पांडव+ छ ] पांडवों से संबंध रखने पांउपाः (0, व० व०) [ गांड देशाः, अभिजनोऽस्य राजा वाला। वा---पाण्डु+ड्यन] एक देश का नाम, देश के पांडवेय-पांडव / निवासियों का नाम---तस्यामेव रघोः पांड्याः प्रताप पांडित्यमापंडित-ध्या] 1. विद्वत्ता, गहन अधिगम-विद्या न विहिरे--रघु० ४।४९,--डयः उस देश का राजा तदेव गमकं पाण्डित्यवदग्ध्ययो:---मा०१७ 2. चतु- ----- रघु० 660 / राई कुशलता, दक्षता, तोक्ष्णता नखानां पाण्डित्यं / पात (वि.) [पा+क्न ] रक्षित, देखभाल किया गया, प्रकटयतु कस्मिन् मृगपतिः ....भामि० 112 / संधारित-तः [पत्+घन ] 1. उड़ना, उड़ान पांडु वि०) [पण्ड् --कु, नि० दीर्घः ] पीत-धवल, सफ़ेद 2. उतरना, अवतरण करना, उतार 3. नीचे गिरना, सा, पीला पीताभविकलकरण: पांडच्छायः शचा पतन, पराजय (आलं० भी) द्रुम०, गृह०, चरणपातः परिदुर्बल:- उत्तर० 3122,: 1. पीत-धवल, या पैरों में गिरना-रघु० 11192, पातोत्पातौ उदय और पीताभ श्वेत रंग 2. पीलिया, यरकान 3. सफ़ेद हाथी अस्त 4. नाश, विघटन, बर्वादी-कु० 3 / 44 5. आघात 4. पांडवों के पिता का नाम [ विचित्रवीर्य की विधवा प्रहार जैसा कि खङ्गपात' में 6. बहना, छटना, अंबिका से व्यास के द्वारा पांडु का जन्म हुआ था। निकलना--असृक्षातः ..मनु० 8 / 44 7. डालना पांडु रंग का पैदा होने के कारण उसका नाम पांड फेंकना, निशाना बनाना--दृष्टि० रघु० 13 / 18, पड़ा, क्योंकि व्यास के साथ सहवास के अवसर पर 8. आक्रमण, हमला 9. घटना, होना, घटित होना उसकी माता गांडु रंग की हो गई थी--(यस्मात्पांडु 10. दोष, त्रुटि 11. राह का विशेषण। त्वमापन्ना विरूपं प्रेक्ष्य मामिह, तस्मादेव सुतस्ते पातकः, .. कम पत्+गिन्-- एवल ] पाप, जुर्म (हिन्दुवै पाण्डुरेव भविष्यति ---महा०,)-किसी शाप के कारण धर्मशास्त्र में पांच महापातक गिनाये गये है-ब्रह्महत्या पाण्डु को स्वयं सन्तानोत्पति करने से रोक दिया सुरापान स्तेयं गर्वगनागमः, महान्ति पातकान्याहुः गया था। इसीलिए उसने कुन्ती को दुर्वासा ऋषि से संसर्गश्चापि तैस्सह-मनु० 1154 / प्राप्त मंत्र का उपयोग करके सन्तान प्राप्त करने की पातङ्गिः पतङ्ग+ इञ् ] 1. शनि 2. यम 3. कर्ण और ति ददा था, फलतः कुन्ता न यधिष्ठिर, भीम सुग्रीव का विशेषण / और अर्जुन को जन्म दिया, इसी मंत्र के उपयोग से पातंजल (वि.) (स्त्री०-ली) [ पतंजलि-अण् ] पतं. माद्री ने नकुल और सहदेव को जन्म दिया। एक जलि द्वारा रचित,..-पातंजले महाभाष्ये कृतभरि दिन पाण्डु अपने शाप को भलकर जिसके कारण वह परिश्रमः -परिभाषेन्दुशेखर,...लम पतंजलि द्वारा सावधान था, उसने माद्री का आलिंगन करने का प्रणोत योगदर्शन, (ऐसा विश्वास किया जाता है कि दुस्साहस किया, परन्तु वह उसके भुजपाश में ही महाभाष्यकार पतंजलि हो योगदर्शन के प्रणेता थे, मृत्यु को प्राप्त हो गया ] | सम० ...-आमयः पोलिया परंतु यह विचार मंदेह से परे नहीं है। यरकान, कंबल: 1. सफ़ेद कंवल 2. गरम चादर / पातनम् | पत् ।-णि + ल्युट् ] 1. गिरने का कारण बनना, 3. राजकीय हाथी की झूल --पुत्रः पांडु का पुत्र, गिराना नीचे लाना या फेंक देना, पछाड़ देना, नीचे पाँचों में से कोई एक, -मतिका, सफ़ेद या पीली. पटक देना 2. फेंकना, डालना 3. हीन करना, नीचा मिट्टी,-रागः सफ़ेदी, पीलापन,-लेखः खड़िया से दिग्वाना / (बिशे० --उन संज्ञा शब्दों के अनुसार बनाई रूपरेखा, भूमि या किमो फलक पर खड़िया जिनके साथ 'पातन' शब्द प्रयुक्त होता है, 'पातन' के से बनाई गई कोई रूपरेखा ---पाण्डुलेखेन फल के भूमौ / भिन्न अर्थ हैं....उदा० दंडम्य पातनम-उंडा गिराना' वा प्रथमं लिनेन, त्यताधिन संशोध्य पश्चायो दण्ड देना, गर्भम्ग पातनम-गर्भ का गिगना, गर्भपात निवेशयेत् पास०,---शमिला द्रौपदी का विशेषण / कगन।)। ---सोपाकः एक वर्ग संकर जाति-चांडालापांडु- पातालम् पतत्यारिमन्नधर्मेण पत्+आलञ] 1. पृथ्वी के गोपाकस्त्वकसारव्यवहारवान् -मनु० 10 / 37 / नीचे स्थित सात लोकों में से अन्तिम लोक-नागलोक, For Private and Personal Use Only