________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( ५७१ )
णित करना 7. संपन्न करना, युक्त करना, निस्-, 1. निकलना, उगना 2. पैदा होना, प्रकाशित होना, । उदय होना, कार्यान्वित होना,-निष्पचंते च सस्यानिमनु० ९१२४७, प्रेर०..-पंदा करना, प्रकाशित करना, जन्म देना, कार्यान्वित करना, तैयार करना-त्वं नित्यमेकमेव पटं निष्पादयसि-पंच०, प्र--, 1. (क) की ओर जाना, पहँचना, आश्रय लेना, चले जाना, पहुँच जाना...तां जन्मने शैलवधू प्रपेदे--कु०१२१, (क्षितीशं) कौत्सः प्रपेदे वरतंतुशिष्यः--रधु० ५।१, भट्टि० ४।१, कि० ११९, १११६, रघु० ८.११ (ख) आश्रय ग्रहण करना-शरणार्थमन्यां कथं प्रपत्स्ये त्वयि दीप्यमाने-रघु०१४।६४ 2. किसी विशिष्ट अवस्था को जाना, पहुँचना या किसी विशिष्ट दशा में होनारेणः प्रपेदे पथि पंकभावम्---रघु० १६।३०, मुहूर्त कर्णोत्पलतां प्रपेदे-कू०७।८१, इदशीमवस्था प्रपन्नोऽस्मि ---श०५, ऋषिनिकरैरिति संशयः प्रपेदे-भागि० ४।३३, अमरु २७ 3. प्राप्त करना, खोज लेना, हस्तगत करना, प्राप्त करना, हासिल करना, सहकार न प्रपेदे मवपेन भवत्सम जगति---भामि० १२१, रब ० ५।५१ . व्यवहार करना, बर्ताव करना,-कि प्रपद्यते वैदर्भः -- मालवि० १, (वह करने के लिए क्या सुझाव प्रस्तुत करता है), पश्यामो मयि किं अपद्यते--अमरु २० 5. प्रविष्ट करना, अनुमति देना, सहमत होना, स्वीकार करना—याज्ञ० २।४०, 6. निकट खिसकना, आना, ( समय आदि का ) पहँचना 7. चले चलना, प्रगति करना 8. प्रत्यक्षज्ञान प्राप्त करना, प्रति--, 1. कदम रखना, जाना, पहँचना, सहारा लेना (किसी व्यक्ति का) आश्रय लेना-उमामुखं तु प्रतिपद्य लोला द्विसंश्रयां प्रीतिमवाप लक्ष्मी:-कु०११४३ 2. ग्रहण करना, कदम रखना, लेना, अनुसरण करना, (मार्ग आदि) इतः पन्थानं प्रति पद्यस्व-०४,प्रतिपत्स्ये पदवीमहं तव-कु० ४।१० 3. पधारना, पहुँचना, प्राप्त करना-शि० ६.१६ 4. हासिल करना, उपलब्ध करना, प्राप्त करना, भाग लेना, हिस्सा लेना-स हि तस्य न केवलां श्रियं प्रतिपेदे सकलान् गुणानपि -रघु० ८।५, १३, ४।१, ४४, १११३४, १२१७, १९।५५, भग०१४।१४, शि० १०।६३ 5. स्वीकार करना, मान लेना,-शि० १५।२२, १६।२४, 6. वसूल करना, फिर प्राप्त करना, पुनः उपलब्ध करना, ग्रहण करना--- श० ६१३१, कु० ४।१६, ७९२ 7. मान लेना, स्वीकार करना-में मासे प्रतिपत्तासे मां चेन्मासि मैथिलि-भट्टि० ८७५, श० ५।२२, प्रमदाः पतिवम॑गा इति प्रतिपन्नं हि विचेतनरपि-कु. ४।३३ 8. थामना, ग्रहण करना, पकड़ना-सुमंत्रप्रतिपन्नरश्मिभिः-रघु०१४।
४७ १. विचार करना, खयाल करना, सोचना, अवलोकन करना-तद्धनुर्ग्रहणमेव राघवः प्रत्यपद्यत समर्थमुत्तरम् -रघु० १११७९ 10. अपने जिम्मे लेना, करने की प्रतिज्ञा करना, हाथ में लेना-निर्वाहः प्रतिपन्नवस्तुष सतामेतद्धि गोत्रप्रतम्-मुद्रा० २।१८, कार्य त्वया नः प्रतिपन्नकल्पम् -कु० ३।१४, रघु० १०१४० 11. हामी भरना, सहमत होना स्वीकृति देना--तथेति प्रतिपन्नाय-रघु० १५।९३ 12. करना, अनुष्ठान करना, अभ्यास करना, पालन करना ---आचारं प्रतिपद्यस्व-श०४, विक्रम० २, "औपचारिक आचार (अभिवादन आदि) का पालन करो", शासनमहतां प्रतिपद्यध्वम् मुद्रा० ४।१८, आज्ञा पालन करो 13. व्यवहार करना, बर्ताव करना, किसी का कोई कार्य करना (संबं० या अधि के साथ), स कालयवनश्चापि कि कृष्णे प्रत्यपद्यत-हरि०, स भवान् मातृपितृवदस्मासु प्रतिपद्यताम् – महा०, कथमहं प्रतिपत्स्ये-श० ५, न युक्तं भवतास्मासु प्रतिपत्तुमसांप्रतम् ..... महा0 14. (उत्तर) देना, (प्रत्युत्तर) देना--कथं प्रतिवचनमपि न प्रपद्यसे-मुद्रा०६ 15. प्रत्यक्षज्ञान प्राप्त करना, जानकार होना 16. जानना, समझना, परिचित होना, सीखना, मालम करना 17. घुमना, भ्रमण करना 18. होना, घटित होना, (प्रेर०)-1. देना, प्रस्तुत करना, प्रदान करना, अभिदान करना, समर्पित करना.-अर्थिभ्यः प्रतिपाद्यमानमनिशं प्राप्नोति वृद्धि पराम्-.. भर्तृ० २।१८, मनु० ११।४, गुणवते कन्या प्रतिपादनोया-श० ४ 2. सिद्ध करना, प्रमाणित करना, प्रमाण देकर पक्का करना उक्तमेवार्थमदा. हरणेन प्रतिपादयति 3. व्याख्या करना, स्पष्ट करना 4. लाना या वापिस मोड़ना, (किसी स्थान पर) ले जाना 5. खयाल करना, विचार करना 6. उपस्थिति की घोषणा करना, पुनः प्रस्तुत करना 7. उपार्जन करना 8. कार्यान्वित करना, निष्पन्न करना, वि-,बरी तरह विफल होना, असफल होना, (व्यवसाय आदि), का विफल होना 2. दुर्भाग्यग्रस्त या दुर्द शाग्रत होना -स बंधों विपन्नानामापदुद्भरणक्षमः-हि. १३१ 3. विकलांग होना, अशक्त होना 4. मरना, नष्ट होना -नाथवंतस्त्वया लोकास्त्वमनाथा विपत्स्यसे----उत्तर० ११४४, मृच्छ० ११३८, व्या-, 1. (पृथ्वी पर) उतरना, नीचे आना 2. मरना, नष्ट होना-दे० व्यापन-(प्रेर०)-मारना, कतल करना,-सम्-1. (तैयार माल) बाहर निकालना, सफलता प्राप्त करना, समृद्ध होना, · सम्पन्न होना, पूरा होना, --संपत्स्यते वः कामोऽयं काल: कश्चित्प्रतीक्ष्यताम् -कु. २०५४, रघु० १४।७६, मनु० ३१२५४, ६।६९ 2. पूरा होना, (संख्या आदि) जुड़ कर होना
For Private and Personal Use Only