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( ५३६ ) !. अन्तनिधान, न्यास (जैसा कि "लाल" में | निर्घर्षणम् [ निर+घृष् + ल्युट ] रगड़, टक्कर। 'लालिमा')। सम-लक्षणा शब्द का वह गौण निर्धातः [ निर-+हन+घञ ] 1. विनाश 2. बवंडर, प्रयोग जो वक्ता के विशेष आशय या विवक्षा पर हवा का प्रचंड झोंका, आँधी 3. हवा की सनसनाहट, निर्भर नहीं करता, बल्कि उसके स्वीकृत या लोकरूढ़ आकाश में हवा के झोंकों के टकराने का शब्द प्रचलन पर आधारित है।
निर्घातोः कुंजलोनाञ जिघांसुयानि?षैः क्षोभयानिरूढिः (स्त्री०) [नि+रह+क्तिन् ] 1. प्रसिद्धि, मास सिंहान्-रघु० ९।६४, गनु० ११३८, ४।१०५,
ख्याति 2. जानकारी, परिचय, प्रवीणता ---नपविद्यासु ७, याज्ञ० १११४५, (वायना निहतो वायर्गगनाच्च निरूढिमागता--कि० २६ 2. संपुष्टि ।
पतत्यवः, प्रचंडघोरनिर्घोषो निर्यात इति कथ्यते) 4. निरूपणम्,-णा [नि+ रूप+णिच-+ल्युट ; स्त्रियां टाप शूकंप 5. वज्रपात-अहह दारुणो देवनिर्धात:
च] 1. रूप, आकृति 2. दृष्टि, दर्शन 3. ढूंढना, -उत्तर० २।
खोजना 4. निश्चयन, अन्वेषण, निर्धारण 5. परिभाषा। निर्घातनम् [ निर्-+हन--णिवल्युट ] बलपूर्वक निरूपित (भू० क. कृ०) [नि+रूप् + णिच्-|-क्त ] बाहर निकालना, प्रकाशित करना ।
1. देखा गया, खोजा गया, चिह्नित, अवलोकित निर्घोषः [ निर्+घु+घ ] 1. ध्वनि देणी० ४, 2. नियत, चुना हुआ, निर्वाचित 3. विवेचन किया रघु० ११३६ 2 निनाद, खड़बड़ाहट, ठनक ज्यानिगया, विचार किया गया 4. निश्चय किया गया, । घोषैः क्षोभयामास सिंहान् रघु० ९।६४, भारतीनिर्धारित।
निर्घोष:--उत्तर० ३। निरूहः [नि+रुह । घा] 1. वस्तिकर्म का एक प्रकार | निर्जयः, निजितिः (स्त्री०) [ निर् ---जि-+अच, क्तिन
2. तर्क, युक्ति 3. निश्चितता, निश्चय 4. वाक्य वा] पूरी विजय, वशीकरण, परास्त करना। जिसमें न्यूनपद न हो, संपूर्ण वाक्य ।
निसरः,-रम् [ निर+झ+अप ] झरना, जल प्रपात, निऋतिः [निर++क्तिन् ] 1. क्षय, नाश, विघटन घनघोरवष्टि, वारिपवाह, पहाड़ी झरना . शीत
2. संकट, अनिष्ट, विपदा, विपत्ति--सा हि लोकस्य निर्झरवारिपानम्-नागा० ,, रपु० २।१३, शा० निति:--उत्तर० ५।३० 3. अभिशाप, आक्रोश २।१७, २१, ४१६,--र: 1. भूसी जलाना 2. हाथी 4. मृत्य, मतिमान् विनाश, मत्य या विनाश की देवी, 8. सूर्य का घोड़ा। दक्षिण-पश्चिम कोण की अधिष्ठात्री देवी--मनु० - निरिन् (पुं०) निर्झर-इनि ] पहाड़। ११।११९।
निझरिणी, निर्झरी निर्धारित-अप, निर्झर+डोष ] निरोधः, निरोधनम् । निरु+घा , ल्युट वा ] 1. कैद नदी, पहाड़ी झरना--स्खलनमखरभूरिस्रोतसो निर्झ
करना, रोधागार में रखना, हवालात में रखना-मनु० रिण्यः --- उत्तर० २।२०। ८।२१०,३७५ 2. घेरना, ढक देना-- अमरु ८७
निर्णय [ निर+नी+अच ] 1. दरोकरण, हटाना 2. 3. प्रतिबंध, रोक, दमन, नियंत्रण ...योगश्चित्तवृत्ति
पूर्ण निश्चय, फैसला, प्रकथन, निर्धारण स्थिरीकरण निरोधः -योग०, कु० ३।४८ 4. रुकावट, अववाधा,
.-संदेहनिर्गयो जात: दा० ११२७, मनु० ८१३०१, विरोध 5. चोट पहुँचाना, दण्ड देना, क्षति पहँचाना
४०९, ९४२५०, याज्ञ० २।१० हृश्यं निर्णयमेव धावति 6. ध्वंस, विनाश 7. अरुचि, नापसंदगी 8. निराशा,
--कि० २।२९ 3. घटना, अटकल, उपसंहार, (तर्क० भग्नाशा।
में) प्रदर्शन 4. विचारविमर्श, गवेपणा, विचारण 5. निर्गः [ निर+गम्+ड] देश, प्रदेश, स्थान ।
किसी विचारपति द्वारा किसी विवाद के विषय में निगंधनम् निर-1-गंध--ल्यट] वध, हत्या।
स्थिर किया गया मत, व्यवस्था, फैसला सर्वज्ञस्यानिर्गमः [निर-+गमअप] 1. बाहर जाना, चले जाना | प्येकाकिनो निर्णयाभ्यपगमो दोयाय----मालवि० १ ।
-~रघु० १११३ 2. बिदायगी, ओझल होना-रघु० सम०--पादः निर्णय को आजप्ति, फरमान, व्यवस्था १९।४६ 3. द्वार, मार्ग, निकास ---कथमप्यवाप्तनिर्गमः (विधि में)।
प्रययौ-का०१५९ 4. निष्क्रमण, बाहर जाने का द्वार । निर्णायक (वि०) । निरनी --प्रवल ] निर्णय देने निर्गमनम् [निर-+-गम् + ल्युट ] बाहर निकलना या वाला, अन्तिम फैसला करने वाला। चले जाना।
| निर्णायनम [ निर-नी+ल्पट ] 1. निश्चय करना 2. निगूढः [ निर्--गुह+क्त ] वृक्ष का कोटर ।
हाथी के कान का बाहरी कोण । नियनम् [ निर+ग्रन्थ्+ ल्युट ] वध, हत्या।
निणिक्त (भ०० कृ.) । निर ।-निजक्त ] धला निघंटः, टम् [ निर्+घण्ट- घन ] 1. शब्दावली, शब्द हुआ, शद्ध किया हुआ, स्वच्छ किया हआ रघु० संग्रह 2. सूचीपत्र।
१७१२२।
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, कु० ३।४८योगश्चित्तवत्ति / निर्णय निर
विरोध
निर्गनिर + गम 2. बिदायमा कथा
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