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समाज का प्रास्तिनापुर । नगर + अण्] खाने वाला, नाष्टादि कास्तकेन-श°
-पष्टिका 1. नये खुदे तालाब में पानी की गहराई माटारः (नटपा अपत्यम् आरक] अभिनेत्री का पुत्र । नापने के लिए अंशांकित बांस विशेष 2. धरती में छेद नाटिका नाट+कन्+काप, इत्वम एक छोटा या लघु करने का बर्मा,-रक्तम्, रेणुः सिंदूर,--रंगः संतरा प्रहसन, एक रूपक, उदा० रत्नावली, प्रियदर्शिका, या - राजः शेष की उपाधि,-लता,-वल्लरी,-वल्ली विद्धशालभंजिका; सा० द० परिभाषित करता है नागकेसर, पान की बेल,-लोकः सांपों की दुनिया, -नाटिका क्लप्तवत्ता स्यात् स्त्रीप्राया चतुरङ्किका, सांपों का कुल, भूलोक के नीचे अवस्थित पाताल लोक, । प्रख्यातो धीरललितस्तत्र स्यानायको नृपः; स्यादन्तः ---वारिक: 1. राजकील हाथी 2. महावत 3. मोर पुरसंबंधा संगीतव्याप्ताऽथवा; कन्यानुरागा कन्याऽत्र 4. गरुड की उपाधि 5. हाथियों का युथपति 6. किसी नायिका नृपवंशजा; संप्रवर्तेत नेताऽस्या देव्यास्त्रासेन समाज का प्रधान व्यक्ति,-संभवम्,---संभूतम् सिन्दूर। शङ्कितः, देवी पुनर्भवेज्जेष्ठा प्रगल्भा नृपवंशजा; पदे
पदे मानवती तद्वशः संगमो द्वयोः, वृत्तिः स्यात्कौशिकी मागर (वि.) (स्त्री०-री) [नगर+अण] 1. नगर में स्वल्पविमर्शाः संधयः पुनः ५३९ ।
उत्पन्न, नगर में पला 2. नगर से संबंध रखने वाला, नाटितकम् [नट+णिच् +क्त+कन्] अनुकृति, किसी की नगरीय 3. नगर में बोला जाने वाला 4. नम्र, शिष्ट चेष्टादि का अनुकरण, संकेत, हावभाव प्रदर्शन 5. चतुर, चालाक 6. बुरा, दुष्ट, दुर्व्यसनी (जिसने -भीतिनाटितकेन-श० ५। नगर की बुराइयाँ ग्रहण करली हैं),--र: 1. नागरिक
-र: 1. नागारक । नाटेयः,-र: [नटी+तुक ढक वा] किसी अभिनेत्री या --मेघ. २५, शा०४।१९ 2. देवर, पति का भाई
नर्तकी का पुत्र । 3. व्याख्यान 4. नारंगी 5. थकावट, कठिनाई, श्रम
नाटयम् [नट+व्यञ् ] 1. नाचना 2. अनुकरणात्मक 6. मुकरना, जानकारी का खण्डन,--री 1. लिपि,
चित्रण, स्वांग, हावभाव प्रदर्शन, अभिनय करना-- वर्णमाला जिसमें प्रायः संस्कृत लिखी जाती है-तु०
नाटये च दक्षा वयम्--रत्न० ११६, नूनं नाटये भवति देवनागरी 2, चालाक और बुद्धिमती स्त्री-हन्ता
च चिरं नोर्वशीगर्वशीला-विक्रमांक० १८०२९ भीरीः स्मरतु स कथं संवृतो नागरीभिः- उ० दू० १६ 3. नृत्यकला, अभिनय कला, नाटकला नाटधं 3. स्नुही नाम का पौधा ।
भिन्नरुचेर्जनस्य बहधाप्येक समाराधनम---मालवि० मागरक, नागरिक (वि०) नगरेभवः कुंज, नगर-+-ठक ११४,-टघः अभिनेता। सम-आचार्यः नृत्यकला
1. नगर में पला नगर में उत्पन्न 2. नम्र, शिष्ट, का गुरु,- उक्तिः (स्त्री०) नाटकीय वाक्यविन्यास, शालीन-नागरिकवृत्त्या संज्ञापय॑नाम्-श०५ 3. चतुर, -मिका,...धर्मों अभिनयसंबंधी नियमावली-प्रियः बांवमान, चालाक,क: 1. नागरिक 2. नम्र या शिष्ट शिव की उपाधि, -शाला 1. नाचघर 2. नाटक व्यक्ति, वीर बहादुर, वह प्रेमी जो अपनी पहली प्रेमिका खेलने का घर या स्थान,--शास्त्रम् 1. नाटय विज्ञान को अतिशय प्रेम प्रदर्शित करता है, परन्तु किसी अन्य नृत्य, गीत तथा अभिनय संबंधी विद्या 2. नाटयशास्त्र से अपनी प्रणय प्रार्थना करता है 3. जो नगर के पर लिखा गया ग्रन्थ । दुर्व्यसनों में फंस गया है 4. चोर 5. कलाकार 6. पुलिस नाडि-बी (स्त्री) [ना+णिच+इन, नाडि+डी ] का मुख्य अधिकारी-विक्रम०५, श०६।।
1. किसी पौध को पोला रंठल 2. कमल की खोखली मापरीट, नागवी [नागरी+इट+क, नाग इव व्येटति उंडी 3. (धमनी या शिरा की भांति) नलियों के
नाग+वि+इट्+क] 1. लम्पट, दुश्चरित्र 2. जार आकार का शरीर का अंग- षडधिकदशनाडीचक्रम 1 संबंध भिड़ाने वाला।
व्यवस्थितात्मा-मा० ५।१,२ 4. बांसुरी, मुरली माया नाग++क] संतरा, नारंगी।।
5. नासूर वाला घाव, नासूर, नाडीत्रण 6. हाथ या नाम भागर+ध्य] पुद्धिमत्ता, चतुराई।
पैर की नब्ज 7. चौबीस मिनट के समय के बराबर पाधिोतः माचिकेता+अण] अग्नि ।
माप, घड़ी 8. आधे मुहर्त का कालमान 9. ऐन्द्रजालिक काटनट+पम]1. नाचना, अभिनय करना 2. कर्णाटक जाल । सम...परणः एक पक्षी, ...चीरम् एक छोटा
नरकुल,-अंधः कौवा,-परीक्षा नब्ज देखना,-मंडलम मायाम निट्+ण्वुल] 1. स्वांग, रूपक 2. रूपक के दस आकाशीय विषुवत् रेखा,-यंत्रम् नली के आकार का
मुख्य भेदों में से पहला, परिभाषा आदि के लिए एक उपकरण,-वण: नासूर, पूयव्रण, रिसने वाला
दे० सा०२० २७७,--क: अभिनेता, नाचने वाला। फोड़ा। नाटकीय (वि०) [नाटक+छ] नाटकसंबंधी, नाटक- नारिका [नाडि+क+टाप् ] 1. नली के आकार का विवयक-पूर्वरंगः प्रसंगाय नाटकीयस्य वस्तुनः बंग 2. २४ मिनट का समय, घड़ी-नाडिका विच्छेद
पटहः-मा० ७, का० १३,७० ।
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