SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 504
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धानुदंण्डिकः, धानुष्कः [धनुर्दण्ड+ठक, धनुष+टक+क] ! तीक्ष्ण बौछार, तेजी से उड़ा ले जाने वाली झड़ी तीरंदाज, (धनुष के द्वारा अपनी जीविका कमाने) 3. हिम, ओला 4. गहरी जगह 5. ऋण 6. हद, सीमा । वाला धतुर्धर-निमितादाराद्धेषोर्धानुष्कस्येव वल्गि- | धारकः [धृ=ण्वुल ] 1. किसी प्रकार का वर्तन (बक्स तम्-शि०२।२७। ट्रंक आदि), जलपात्र 2. कर्जदार। धानुष्यः [ धनुष-व्या | बाँस । धारण (वि.) (स्त्री० -सी) [ध-णिच् + ल्युट् ] धांधा (स्त्रो०) इलायची। संभालने वाला, थामने वाला, ले जाने वाला, संधाधाम्पम् [धान+यत् 1. अनाज, अन्न, चावल 2. धनिया रण करने वाला, निबाहने वाला, रक्षा करने वाला, (सस्य और धान्य, तथा तंडल और अन्न की भिन्नता रखने वाला, धारण करने वाला, - णम् !. संभालने, के लिए दे० तण्डुल) । सम-अम्लम् मांड़ से थामने, सहारा देने, संधारण करन या सुरक्षित रखने तैयार को हुई कांजी, --- अर्थः चावल या अनाज के रूप की क्रिया 2. कब्जे में करना, संपत्ति 3. पालन करना, में धन, · अस्थि (नपुं०) तूस या भूसी, बूर या दृढ़ता पूर्वक पकड़ना, 4. याद रखना---ग्रहणधारण पटबालक: 5. (किसी का ) कर्जदार होना,—णी चोकर,--उत्तमः बढ़िया अन्न अर्थात् चावल,--कल्कम् 1. छिल्का (अन्न का), घान्यत्वचा 2. भूसी, चोकर, 1. पंक्ति या रेखा 2. शिरा, नलाकार वाहिका । पुआल,-कोशः,-कोष्ठकम् अनाज की खत्ती,-क्षेत्रम् धारणकः [धारण+कन कर्जदार। अनाज का खेत,---चमसः चौला, चिड़वा,-स्वच् धारणा [धारण-+टाप्] 1. संभालने, थामने, सहारा देने (स्त्री०) अनाज का छिल्का,- मायः अनाज का । या सुरक्षित रखने की क्रिया 2. मन में धारण करने व्यापारी,-राजः जौ,- वर्धनम् व्याज के लिए की शक्ति, अच्छो धारणात्मकस्मरण शक्ति अनाज उधार देना, अनाज की सूदखोरी, ---- धोरणावती मेधा--अमर 3. स्मरण शक्ति 4. मन ----वीजम् (बीजम्) धनिया,-वीरः उड़द (माष) की को शांत रखना, श्वास को थामे रखना, मन की दृढ़ दाल,--शीर्षकम् अनाज की बाल,--शूकम् अनाज भावमग्नता--परिचेतुमपांशु धारणा -..- रघु० ८।१८, का सिर्टा, टुंड,--सारः कट पीट कर निकाला मनु०६७२, याज्ञ० ३।२०१, (धारणेत्युच्यते चेयं हुआ अन्न। धार्यते यन्मनस्तया) 5. धैर्य, दृढ़ता, स्थिरता धान्या, धान्याकम् [धान्य +टाप, स्वार्थे कन् च ] धनिया। 6. निश्चित विधि या निषेध, निश्चित नियम, उपधान्वन् (वि.) (स्त्री० ----नो) [ धन्वन्+अण् ] मरु- संहार, इति धर्मस्य धारणा--मनु० ८।१८४, ४।३८, भूमि का, मरुस्थल में विद्यमान । ९।१२४ 7. समझ, बुद्धि 8. न्याय्यता, औचित्य, धामकः-धानक पृषो० ] एक माशे की तोल । शालीनता 9. आस्था, विश्वास । सम० - योगः धामन् (नपुं० ) [धा+मनिन् ] 1. आवास--स्थान, | गहरी भक्ति, मनोयोग,---शक्तिः (स्त्री०) धारणात्मक गृह, निवासस्थान, घर-तुरासाहं पुरोधाय धाम स्वायं स्मरण शक्ति । भुवं ययुः कु० २।१, पुण्यं यायास्त्रिभवनगरोमि | धारयित्री [धृ+णिच् +तुच+डीप्] पथ्वी। चण्डीश्वरस्य-मेघ० ३३, भग० ८।२१, भर्त० श३३ | धारा [धार--टाप 1. पानी की सरिता या धार, गिरने 2. जगह, स्थान, आश्रय-श्रियोधाम 3. घर के हुए जल की रेखा, सरिता, धार----भर्तृ० २।९३, निवासी, परिवार के सदस्य 4. प्रकाश किरण, सहस्र- मेघ० ५५, रघु० १६१६६, आबद्धधारमश्रु प्रावर्तत---- वामन्--मुद्रा० ३३१७, मिवामन्—शि० ९।५३ दश०७४ 2. बौछार, वर्षा की तेज घड़ी 3. अन5. प्रकाश, कान्ति, दीप्ति-मुद्रा० ३।१७, कि० वरत रेखा-भामि०२:२० 4. घड़े का छिद्र 5. घोड़े २१२०, ५४, ५९, १०१६, अमरु ८६, रघु० ६६, १८१ का कदम-धाराः प्रसाधयितुमव्यतिकीर्णरूपाः --शि. २२, 6. राजयोग्य कांति, यश, प्रतिष्ठा-रघु० ११॥ ५।६० 6. हाशिया, किनारा, किसी वस्तु की किनारी ८५ 7. शक्ति, सामर्थ्य, प्रताप---कि० २।४७ या सीमा--प्रवं स नीलोत्पलपत्रधारया शमीलतां 8. जन्म 9. शरीर 10. टोली, दल 11. अवस्था, छेतुमषिय॑वस्यति-श० १४९८ 7. तलवार, कुल्हाड़ा दशा । सम-केशिन,-निधिः सूर्य । या किसी काटने वाले उपकरण का तेज किनारा या धामनिका, धामनी [ धामनी+कन्-+टाप् ह्रस्वः, धमनी धार-तजितः परशुधारया मम-रघु० १११७८, +अण+डीप् ] दे० धमनी।। ६।४२, १०८६, ४१, भर्त० २।२८ 8. किसी पहाड़ धार (वि.) [ध+णि+अच् 1 1. संभालने वाला, या चट्टान का किनारा 9. पहिया या पहिये का सामने वाला, सहारा देने वाला, 2. नदी को भांति परिणाह या परिघि रघु० १३।१५ 10. उद्यान प्रवाहित होने वाला, टपकने बाका, बहने वाला,- -रः की दीवार, बाड़, छाड़वदी 11. सेना की अग्रिम 1. विष्ण का विशेषण 2. वर्षा को आकस्मिक तथा । पंक्ति 12. उच्चतम बिन्दु, सर्वोपरिता 13. समुच्चय For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy