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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir --आशा 1. बुरी इच्छा 2. ऐसी आशा करना जो पूरी । न हो सके,-आसद (वि०) 1. जिसके पास पहुँचना कठिन हो, दुर्गम, दुर्धर्ष, दुर्जय रघु० ३।६६, ८१४, महावी० २।५, ४११५ 2. दुर्लभ, दुष्प्राप्य 3. अद्वितीय, अनुपम, - इत (वि.) 1. कठिन 2. पापी (तम्) 1. कुमार्ग, बराई, पाप-दरिद्राणां दैन्यं दुरितमथ दुर्वासनहृदां द्रुतं दूरीकुर्वन्-गंगा०२, रघु० ८१२, अमरु २, महावी० ३।४३ 2. कठिनाई, भय 3. संकट,- इष्टम् दुर्वचन, गाली 2. दूसरे व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के लिए किया जाने वाला जादूटोना या यज्ञानुष्ठान,-ईशः बुरा स्वामी, किंप्रभु,-ईषणा,-एषणा अभिशाप, दुर्वचन,--उक्तम्,-उक्तिः दुर्वचन, झिड़की, गाली, बुराभला कहना,- उत्तर (वि०) जिसका उत्तर न दिया जा सके,--उदाहर (वि०) जिसका उच्चारण किया जाना कठिन हो---अनुज्झितार्थसम्बन्धः प्रबन्धी दुरुदाहरः--शि० २१७३,-उद्वह (वि.) बोझिल, असह्य, --ऊह (वि.) बहुत माथा पच्ची करने पर भी जल्द समझ में न आने वाला, कठिन,---ग (वि.) 1. जहाँ पहुँचना कठिन हो, अगम्य, दुर्गम 2. अप्राप्य 3. दुर्बोध (--गः, गम्) कठिन या तंग रास्ता, (जंगल में से, नंदी या पहाड़ों में से) संकीर्ण घाटी, भीड़ा दर्रा 2. गढ़, किला, कोट 3. ऊबड़-खाबड़ जमीन 4. कठिनाई, विपत्ति, संकट, दुःख, भय--निस्तारयति दुर्गाच्च --मनु० ३९८, १२४३, भग० १८१५८, अध्यक्षः, पतिः, पालः किले का समादेष्टा या प्रशासक, कर्मन् (न५०) किलाबन्दी, मार्गः घाटी का मार्ग, गहरी घाटी लंघनम कठिनाइयों को पार करना (-- नः) ऊँट, संचरः 1. (घाटी के ऊपर से, पूल पर से, या किले का) कठिन मार्ग,--गा शिव की पत्नी पार्वती की उपाधि,—ात (वि०) 1. दुर्भाग्यग्रस्त, दुर्दशाग्रस्त --भट्टि० १८५१० 2. दरिद्र, गरीब 3. दुःखी, कष्टग्रस्त,--गतिः (स्त्री०) 1. दुर्भाग्य, गरीबी, कमी, कष्ट, दरिद्रता-भग० ६४० 2. कठिन स्थिति या मार्ग । 3. नरक, --- गन्ध (वि.) बुरी गन्ध वाला (--) 1. बुरी गन्ध, सड़ांद 2. दुर्गंधयुक्त पदार्थ 3. प्याज 4. आम का वृक्ष,----गन्धि, -गन्धिन् (वि.) जिसमें से बुरी गन्ध आवे-गम (वि.) 1. जिसमें से जाया न जा सके, जहाँ पहुँचना कठिन हो, अप्रवेश्य... कामिनीकायकांतारे कुचपर्वतदुर्गमे--- भर्तृ० १२८६, शि० । १२।४९ 2. अप्राप्य, दुष्प्राप्य 3. दुर्योध,गाड़,---गाध, गाह जिसका अवगाहन करना या अनुसंधान करना कठिन हो, अनवगाह्य,- ग्रह (वि.) 1. कष्टसाध्य 2. जिसको जीतना या वश में कपना कठिन हो-रघु० १७५२ 3. दुर्बोध ( ह) मरोड़, ऐंत- घट (वि.) 1. कठिन 2. असम्भव,-चोक: 1. कर्कश ध्वनि 2. रीछ, ---जन (वि.) 1. दुष्ट, बुरा, खल 2. वदनाम, द्वेषपूर्ण उपद्रवी, (---नः) बुरा या दुष्ट आदमी, द्वेष रखने वाला या उपद्रव करने वाला व्यकिा, दुर्वत्त--- दुर्जनः प्रियवादी च नंतद्विश्वासकारणम्- चाण० २४, २५, शाम्येत्प्रत्यपकारेण नोपकारेण दुर्जनः,--कु० १४०,-जय (वि०) अजेय, जिसको जीता न जा सके,---जर (वि०) 1. चिरयुवा 2. (भोजनादि) जो कठिनाई से पचे, अपचनशील 3. जिसका उपभोग करना कठिन हो,- जात (वि०) 1. दुःखी, अभागा 2. बुरे स्वभाव का बुरा, दुष्ट 3. मिथ्या, अवास्तविक, (-तम्) दुर्भाग्य, संकट, कठिनाई, रघु० १३१७२,-जातिः (वि.) 1. बुरे स्वभाव का, दुर्जन, दुष्ट. अमरु ९६ 2. जाति से बहिष्कृत (स्त्री०-ति:) 1. दुर्भाग्य, दुर्दशा,--ज्ञान, --ज्ञेय (वि.) जो कठिनाई से जाना जा सके, दुर्बोध, ---णयः, -नयः 1. दुराचरण 2. अनौचित्य 3. अन्याय -णामन्,-नामन् (वि०) बदनाम, दम, दमन, ---दम्य (वि०) जिसे दबाना या वश में करना कठिन हो, जो सीधा न किया जा सके, प्रबल,-दर्श (वि०) 1. जो कठिनाई से दिखाई दे 2. चकाचौंध करने वाला-भग० १११५२,--दान्न (वि.) 1. जिसको वश में करना कठिन हो, जो पालतू न हो सके, जो सीधा न किया जा सके-शि० १२२२ 2. उच्छंखल, घमण्डी,-धृष्ट, दुर्दान्तानां दमनविधयः क्षत्रियेष्वायतंते –महावी० ३।३४, ( तः) 1. बछड़ा 2. झगड़ा, कलह,-दिनम् 1. बुरा दिन 2. मेघाच्छन्न दिन, आँधी, तूफ़ान का मौसम, वृष्टिकाल,.....उन्नमत्यकालदिनम् ---मृच्छ०५--कु० ६।४३, महावी० ४१५७ 3. बौछार -रघु० ४।४१, ८२, ५।४७, उत्तर० ५।५ 4. घोर अन्धकार, दृष्ट (वि०) जिस पर ग़लत तरीके से विचार किया गया हो, जिसका फ़ैसला ठीक नहआ हो,-देवम् बुरी किस्मत, दुर्भाग्य,-छूतम् बेईमानी का खेल,---द्रुमः प्याज़,-धर (वि०) 1. जिसका मुकाबला न किया जा सके, जो रोका न जा सके 2. दुस्सह, --दुर्घरेण मदनेन साधते... घट० ११, मनु० ७।२८, (-२)पारा-धर्ष (वि.) 1. अनुल्लङघनीय, अनतिक्रम्य 2. अगम्य-हि० प्र० ५ 3. भयंकर, डरावना 4. उद्धत,---धी (वि०) मूर्ख बेवकूफ़,-- नामनः ववासीर,-निग्रह (वि०) जिसको दबाया न जा सके, जिस पर शासन न किया जा सके, जिसका प्रतिरोध न किया जा सके, उच्छंखल.... मनो दुनिग्रहं चलम् --भग० ६३५,-निमित (वि.) असावधानी से जमीन पर रक्खा हुआ-पदे दुनिमिते गलन्ती-रघु० ७१०,--निमित्तम् 1. अपशकुन,-- रघु० १४१५० 2. बुरा बहाना,--निवार,-निवार्य (वि.) जिसको For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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