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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir की। 2. एक सौ दस, रश्मिः सूर्य,-शती एक हजार,-साह- 2. लैंप, दीपक,-पाकः-विपाक: 1. भाग्य की परिखम् दस हजार, हरा 1. गङ्गा का विशेषण 2. गङ्गा पक्वावस्था---भाग्य के अनुसार फल प्राप्ति 2. जीवन के सम्मान के उपलक्ष्य में ज्पेष्ठ शुक्ला दशमी को की परिवर्तित दशा। मनाया जाने वाला पर्व 3. दुर्गा के सम्मान में आश्विन दशार्णाः (ब०व०) [दश० ऋणानि दुर्गभूमयो वा यत्र शक्ल दशमी को मनाया जाने वाला पर्व (विजया ब० स०] 1. एक देश का नाम --संपत्स्यन्ते कतिपयदशमी)। दिनस्थायिहंसा दशार्णा:-मेघ० २३ 2. इस देश के बहातय (वि.) (स्त्री०-यी) [दशन ---तयम् ] दस भागों निवासी। से युक्त, दस गुना । दशिन् (वि०) (स्त्री०--नी) [ दशन् + इनि ] दश रखने बाधा (अव्य.) [दशन्+घा] 1. दस प्रकार से 2. दस वाला--(पुं०) दश ग्रामों का अधीक्षक । भागों में। दशेर (वि.) [देश-+-एरक काटनेवाला, उपद्रवी, अनिष्ट बशनः,--नम् [ दंश्+ल्युट नि० नलोपः] 1. दाँत,--मुहु- ___कर, पीडाकर--रः शरारती या विषला जंतु । महुर्दशनविखण्डितोष्टया-शि० १७।२, शिखरिदशना दशे (से) रकः [दशेर+कन् ] ऊँट का बच्चा। -मेघ० ९०, भग० १०।२७ 2. काटना,-नः पहाड़ दस्युः [ दस्+युच् ] 1. दुष्कर्मियों या राक्षसों का समूह, की चोटी,-नम् कवच । सम०-अंशु दांतों की चमक जो कि देवताओं के विद्रोही तथा मानव जाति के शत्रु -कु० ६।२५, -अङ्कः दांत से काटने का चिह्न थे और इन्द्र के द्वारा मारे गये (इस अर्थ में प्रायः काटना,-उच्छिष्टः 1. होठ 2. चुम्बन 3. आह,-छदः, वैदिक) 2. जातिबहिष्कृत, अपने कर्तव्यकर्मों से च्युत –बासस् (नपुं०) 1. होठ 2. चुम्बन,-पदम् बुड़का हो जाने के कारण जाति से बहिष्कृत-तु० मनु० भरना, दांत का चिह्न- दशनपदं भवदधरगतं मम ५।१३१, १०१४५ 3. चोर, लुटेरा, उचक्का--पात्रीजनयति चेतसि खेदम्-गीत० ८,- बीजः अनार का कृतो दस्युरिवासि येन ----श० ५।२०,रघु०९।५३, मनु० पेड़। ७।१४३ 4. दुष्ट, उत्पातशील -मा० ५।२८ 5. आतबाम (वि.) (स्त्री०मी) [ दशन्+डट्-मट् ] दशवाँ । तायी, उद्धत, अत्याचारी । बशामिन् (वि.) (स्त्री०-नी) [ दशमी+इनि ] बहुत | दस्र (वि०) [दस्यति पासून दस् । रक् ] बर्बर, भीषण, पुराना। विनाशकारी, -सौ (पुं० द्वि०व०) दोनों अश्विनीबशनी (स्त्री०) 1. चान्द्र मास के पक्ष का दसवाँ दिन कुमार, देवों के वैद्य,-स्रः 1. गधा 2. अश्विनी नक्षत्र । 2. मानव जीवन की दशवी दशाब्दी 3. शताब्दी के सम०--सूः (स्त्री०) सूर्य की पत्नी और अश्विनीअन्तिम दस वर्ष । सम--स्थ, (वशमी गत) (वि०) कुमारों की माता संज्ञा । ९० वर्ष से अधिक आयु । दह (भ्वा० पर० दहति, दग्ध--इच्छा० दिधक्षति) रष्ठ (वि.) [दंश+क्त ] काटा गया, उङ्क मारा गया जलाना, झुलसाना (आलं० से पी)--दग्धु विश्वं दहनआदि । किरणोंदिता द्वादशाःि -वेणी० ३१६, ५।२०, सपदि बमा [दंश+अङ्ग नि० टाप् ] वस्त्र के छोर पर रहने वाले मदनानलो दहति मम मानसं देहि मुखकमलमघुपानम् धागे, कपड़े पर लगी गोट, झालर, मगजी,--रक्तां- -- गीत० १०, श० ३११७ 2. उड़ा देना, पूर्ण रूप से शुक पवनलोलदशं वहन्ती-मृच्छ० १२०, छिन्ना नष्ट कर देना 3. पीडा देना, सताना, कष्ट देना, दुःखी इवाम्बरपटस्य दशाः पतन्ति-५।४ 2. दीवे की बत्ती करना-इत्यमात्मकृतमप्रतिहतं चापलं दहति --श० ५, -भर्तृ० ३।१२९, कु०४।३० 3. आयु, या जीवन तत्सविषमिव शल्यं दहति माम् -- ६१८, एतत्तु मां दहति की अवस्था--दे० नी० 'दशांत' 4. जीवन की एक यद्गुहमस्मदीयं क्षीणार्थमित्यतिथयः परिवर्जयन्ति अवस्था या काल-जैसा कि वाल्य, यौवन आदि-रघु० -मच्छ० १।१२, रघु०८1८६ 4. (आयु० में) गर्म ५।४.5. काल 6. स्थिति, अवस्था, परिस्थिति-नीच- लोहे या कास्टिक तेजाब से जला देना, निस्,-- र्गच्छत्युपरि च दशा चक्रनेमिक्रमेण-मेघ० १०९, 1. जलाना, जलाकर समाप्त कर देना 2. सताना, विषमां हि दशां प्राप्य देवं गर्हयते नरः-हि० ४१३ दुःख देना, पीडित करना, परि-,जलाना, झुलसाना 7. मन की स्थिति या अवस्था 8. कर्मों का फल -- दिशि दिशि परिदग्या भूमयः पावकेन-ऋतु० ११२४ -भाग्य 9. ग्रहों की स्थिति (जन्म के समय) 10. मन. भग. ११३०, प्र--1. जलाना 2. पूरी तरह से अला समझ सम०-अन्तः 1. बत्ती का छोर 2. जीवन का देना 3. पीडा देना, सताना 4. कष्ट देना, चिड़ाना, अन्त-निविष्टविषयस्नेहः स दशान्तमुपेयिवान् ...रघु. सम्- जलाना-अभिजन: संदह्यतां वह्निना----भर्तृ. १२१ (यहाँ शब्द दोनों अथों में प्रयुक्त हुआ है), २३९। वनः सैप, दीपक, कर्षः 1. वस्त्र का किनारा । बहन (वि.) (स्त्री.-नी) [ दह, ल्युट् ] 1. जलाना, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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