SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 431
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ४२२ ) तम् (दिवा० पर०-ताम्यति, तान्त) 1. दम घुटना, रुद्ध- कार,---एतत्तमालदलनीलतमं तमिस्रम् --गीत० ११, श्वास होना 2. परिश्रांत होना, थक जाना-ललित- करचरणोरसि मणिगणभषणकिरणविभिन्नतमिस्रम् शिरीषपुष्पहननरपि ताम्यति यत-मा० ५।३१ 3. (मन -२, कि० ५।२ 2. मानसिक अंधकार (अज्ञान) या शरीर से) दुःखी होना, बेचन या पीडित होना, भ्रम 3. क्रोध, कोप। सम०-पक्षः कृष्णपक्ष (चांद्रपीड़ा देना, बर्बाद करना-प्रविशति महः कुञ्ज 'मास का) रघु०६।३४। गुञ्जन्मुहुर्बहु ताम्यति-गीत० ५, गाढोत्कण्ठा ललित- | तमिला [तमिस्र+टाप् ] 1. (अंधियारी) रात-सूर्ये तपललितरङ्गस्ताम्यतोति--मा० १११५, ९।३३, अमरु त्यावरणाय दृष्टे: कल्पेत लोकस्य कथं तमिस्रा-रघु० ७, उद्-, उतावला होना--हृदय किमेवमुत्ताम्यसि ५।१३, शि. ६।४३ 2. व्यापक अंधकार । श०१। तमोमयः [तमस्+मयट् ] राहु । तमम् [तम्+घ] 1. अन्धकार 2. पैर की नोक,-मः 1. राहु | तम्बा, तम्बिका [ तम्बति गच्छति-तम्+अच+टाप, का विशेषण 2. तमाल वृक्ष । तम्ब्+ण्वुल+टाप, इत्वम् ] गाय, गो। समस् (नपुं०) [तम्+असुन्] अन्धकार–कि वाऽभविष्य-तय् (भ्वा० आo-तयते) 1. जाना, हिलना-जुलना-अध्यु दरुणस्तमसा विभेत्ता तं चेत्सहस्रकिरणो धुरि नाक- | वास रथं तेये पुरात्-भट्टि० १४१७५, १०८ 2. रखरिष्यत्-श० ७४, विक्रम १७, मेघ० ३७ 2. नरक वाली करना, रक्षा करना। का अन्धकार-मनु० ४१२४२ 3. मानसिक अन्धेरा, तरः[त+अप्] 1. पार जाना, पार करना, मार्ग--भट्टि भ्रम, भ्रांति-मुनिसुताप्रणयस्मतिरोधिना मम च ७५५ 2. भाडा--दी(ध्वनि यथादेशं यथाकालं तरो मुक्तमिदं तमसा मन:-श०६।६ 4. (सां० द० में) भवेत्-मनु०८१४०६ 3. सड़क 4. घाटवाली नाव । अन्धकार या अज्ञान, प्रकृति के संघटक ३ गुणों में से सम-पण्यम् नाव का भाड़ा,---स्थानम् घाट, वह एक (दूसरे दो है-सत्त्व, रजस्)-कु० ६।६१, मनु० स्थान जहाँ नाव आकर ठहरती है। १२।२४ 5. रंज, शोक 6. पाप (पुं० नपुं० ) राहु | तरक्षः, तरक्षः [ तरं बलं मार्ग वा क्षिणोति-तर+क्षि का विशेषण। सम०-अपह (वि०) अज्ञान या | +डु, पक्षे पृषो उलोपः ] बिज्ज, लकड़बग्घा। अन्धकार को दूर करने वाला, ज्ञान देने वाला, तरङ्गः [तु+अङ्गच्] 1. लहर-उत्तर० ३।४७, भर्तृ० प्रकाशित करने वाला-कि० ५।२२, (हः) 1. सूर्य ११८१, रघु० १३१६३, श० ३१७ 2. किसी ग्रन्थ का 2. चन्द्रमा 3. आग,--काण्डः,-डम् घोर अन्धकार अध्याय या अनुभाग (जैसे कथासरित्सागर का) 3.क्द, -गुणः दे० 'तमस्' ऊपर(४),-न: 1 सूर्य 2. चाँद छलांग, सरपट चौकड़ी, (घोड़े आदि की) छलांग 3. आग 4. विष्णु 5. शिव 6. ज्ञान 7. बुद्धदेव । लगाने की क्रिया 4. कपड़ा, वस्त्र । —ज्योतिस् (पुं०) जुगनू, ततिः व्यापक अन्धकार, | तरङ्गिणी [ तरङ्ग+इनि+छीप् ] नदी। -नुद् (पुं०) 1. उज्ज्वल शरीर 2. सूर्य 3. चाँद | तरङ्गित (वि०) [ तरङ्ग+इतच् ] 1. लहराता हुआ, लहरों 4. आग 5. लैम्प, प्रकाश,-नुदः 1. सूर्य 2. चन्द्रमा के साथ उछलने वाला 2. छलकता हुआ 3. थरथराता -भिद,-मणिः जुगनू,-विकारः रोग, बीमारी-हन, हुआ,---तम् कंपायमान-अपाङ्गतरङ्गितानि बाणाः -हर (वि०) अन्धकार को दूर करने वाला (०)। गीत०३। 1. सूर्य 2. चन्द्रमा । | तरणः [त+ल्युट ] 1. नाव, बेड़ा 2. स्वर्ग,–णम् 1. पार तमसः [तम्+असच ] 1. अंधकार 2. कुआँ । करना 2. जीतना, पराजित करना 3. चप्पू, डांड। तमस्विनी, तमा [तमस्+विनि --ङोप, तम+टाप् रात। तरणिःत+अनि 1. सूर्य 2. प्रकाश-किरण,---णिः, -णी समालः[तम्+कालन् ] 1. एक वृक्ष का नाम (इसकी (स्त्री०) बेड़ा, घड़नई, नाव । सम-रत्नम् लाल । छाल काली होती है)-तरुणतमालनीलबहलोन्नमद- तरण्डः,-डम् [त+अण्डच ] 1. सामान्य नाव 2. घड़नई म्बुधरा:-मा० ९।१९, रघु०१३।१५,४९, गीत०११ (जो उलटे हए कदद् या घड़ों को बांसों से बांध कर 2. मस्तक पर चन्दन का सांप्रदायिक तिलक (चिह्न) । बनाई जाती है) 3. चप्पू या डांड । सम०--पादा एक 3. तलवार, खड्न। सम..--पत्रम् 1. मस्तक पर प्रकार की नाव । सांप्रदायिक चिह्न 2. तमाल का पत्ता। तरण्डी, तर, तरन्ती (स्त्री०) [तरण्ड+डोष, त+अदि, तमिः,-मी (स्त्री) [तम् +इन्, तमि+डोष् ] 1. रात तरन्त+डोष ] नाव, बड़ा, घड़नई। -विशेषकर, काली अंधियारी रात-स तमी तमोभि- | तरन्तः [तृ-+झच् ] 1. समुद्र 2. प्रचड बौछार 3. मेंढक रभिगम्य तताम्-शि० ९/२३ 2. मूर्छा, बेहोशी | 4. राक्षस। 3. हल्दी । | तरल (वि.) [त+अलच् ] 1. कंपमान, लहराता हुआ, तमिन्न (वि.) [तमिस्रा+अच् ] काला,-त्रम् 1. अंध- हिलता हुआ, थरथराता हुआ-तारापतिस्तरलविद्यु For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy