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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -नम् दूषित गंजापन, -च्छिद् (पु.) नाई, हज्जाम, या गलगल का पेड़ 5. पुन्नाग वृक्ष 6. हनुमान के पिता --जाहः बालों की जड़,--पक्षः,पाशः, -हस्तः बहुत काना।। सम--सुतः हनुमान् का विशेषण । अधिक अथवा संवारे हुए बाल--तं केशपाशं त्रसम्प्रेक्ष्य के (ना० पर० - -कायति) शब्द करना, ध्वनि करना । कुर्यलिप्रियता शिथिलं चमर्यः ...कु० ११४८,७१५७, केशुकम् शिशु क-अण्] किशक वृक्ष का फूल । तु० कचपक्ष कचहस्त आदि ---बन्ध जूड़ा,-भू-भूमिः कैकयः [केकय+अण् केकय देश का राजा, दे० 'केकय । सिर या शरीर का अन्य भाग जहाँ बाल उगते हैं कंकसः [कीकस अण] राक्षस, पिशाच । ....-प्रसाधनो, –माजकम,—मार्जनम कंधो, रचना कैकेयः केवयानां राजा-अण' केकय देश का राजा या बालों को संवारना, ...वेश कबरी-बन्धन। राजकुमार, धी केकय देश के राजा की बेटी, राजा केशटः | केश-+ अट-अच्, शक' पररूपम्] 1. बकरा दशरथ की सबसे छोटी परनी, भरत की माता (जब 2. विष्णु का नाम 3. खटमल 4. भाई। राम को राजगदी जिलने वाली थी, तो कैकेयी को केशव (वि.) केशाः प्रशस्ताः सन्त्यत्स्य, केश || बहत कौलल्या से कार सत्रता न थी, परन्तु उसकी दासी या सुन्दर बालों वाला, वः विष्णु का विशेषण-केशव मन्धरा बड़ी दुष्ट थी, उसे राम से पुराना द्वेष था; जय जगदीश हरे गीत० १, केशवं पतितं दृष्ट्वा इस समय वाला लेने का अच्छा अवसर समझकर पाण्डवा हर्षनिर्भरा:-सुभा० । समआयुधः आम मन्थरा ने कैफेयो का मन इतना अधिक पलट दिया का वृक्ष (-धम्) विष्णु का शस्त्र,-आलयः,-आवासः कि वह मन्थरा के सुझाव के अनुसार राजा दशरथ से अश्वत्थ वृक्ष । वे दो वरदान मांगने के लिए उद्यत हो गई जो उन्होंने केशाकेशि (अव्य.) [केशेषु केशेषु गृहीत्वा प्रवृत्तं युद्धम् पहले कभी देने की प्रतिज्ञा की थी। एक वर से ---पूर्वपदस्य आकारः इत्वम् च एक दूसरे के बाल उसने अपने पुत्र भरत के लिए राजगद्दी तथा दूसरे वर खींच कर, नोच कर की जाने वाली लड़ाई-झोंटा से राम के लिए १४ वर्षका निर्वासन माँगा। रोषान्ध झोंटी....केशाकेश्यभवद्युद्धं रक्षसां वानरैः सह -- महा०, दशरथ ने कैकेयो को उसके दूषित प्रस्तावों के लिए याज्ञ० २।२८३ । बहुत बुरा भला कहा परन्तु अन्ततः उन्हें उसकी हठ केशिक (वि.) (स्त्री०-की) [केश+ ठन् सुन्दर या अलं- के आगे झुकना पड़ा। इस दुष्कृत्य के कारण कैकेयो कृत वाली वाला। का नाम बदनाम हो गया)। केशिन (पं०)[केश+इनि] 1. सिंह 2. एक राक्षस जिसको | कैटभः [कीट-+-भा+3--अण्] राक्षस का नाम जिसे विष्णु कृष्ण ने मार गिराया था 3. एक और राक्षस जो देव ने मार गिराया (वह बड़ा बलवान् राक्षस था, कहा सेना को उठा कर ले गया और बाद में इन्द्र द्वारा जाता है कि वह और मधु दोनों राक्षस विष्णु के कान मारा गया था 4. कृष्ण का विशेषण 5. सुन्दर बालों से निकले जब कि वे सोये हुए थे, परन्तु जब राक्षस वाला । सम... निषूदनः,-मवनः कृष्ण के विशेषण ब्रह्मा को खाने के लिए दौड़ा तो विष्ण ने उसको मार --भग० १८१२। गिराया)। सम० --अरिः, जित् (पुं०)-रिपुः-हन् केशिनी केशि ।-डीप्] सुन्दर जुड़े वाली स्त्री 2. विधवा विष्णु के विशेषण। की पत्नी, रावण और कासकर्ग की माता। केतकन् केराकी-|-अण केवड़े का फूल । केस (श) रः,-रम् [के+सृ (A):- अच्, अलुक स०] कैतवम् किता+अण] 1. जुए में लगाया गया दाँत्र 1. (सिंह आदि की) अयाल-नहन्त्यदूरेऽपि गजान्मगे- 2. जुआ खेलना है. झूठ, धोखा, जालसाजी, चालबाजी, श्वरो विलोलजिह्वश्चलितान केसर: -...नु० १११४, चालाकी----हृदये पासीति मत्प्रियं यदवोचस्तदमि ०७।१४ 2. फूल का रेशा या तन्तु-नीपं दष्ट्रवा कैतवम्-कु. ४१९, --बः 1. छली, चालबाज 2. जुआरी हरितकपिशं केसररर्धरूढः-मेघ० २१, ०६।१७, 3. धतुरे का पौधा । सम० –प्रयोगः चालाकी, दाँव, मालवि० १११, रघु० ४१६७ शि० ९।४७ 3. बाल - -वादः झूठ, चालबाजी। का पेड़ 4. (आम आदि का) रेशा या सूत्र,-रम् | कंदारः केदारअण] चावल, अनाज,--रग खेतों का बकुल वृक्ष का फूल- रघु० ९।३६ । सम०-- अचलः . समूह, 'केदार्य' भी इसी अर्थ में। मेरु पहाड़ का विशेषण,-बरम केसर, जाफ़रान । कैमुतिकः [किमुत-|-ठक] (न्याय) और कितना अधिक केस (श) रिन (पु०) [केसर- इनि] 1. सिंह-अनुहुंकु- न्याय, एक प्रकारका तर्फ (किमत और कितना गते पनवनि न हि गोमायुरुतानि केसरी - शि० १६॥ अधिक' से व्युत्पन्न)। २५ धनर्धरः केसरिणं ददर्श ----रघु० २१२५, २०७३ करवः कि जले रोति..केरब: हंसः तस्य प्रियं .... केन्द!2. श्रेष्ठ, सर्वोत्तम, अपने वर्ग का पाल (ममास के अण्] 1. जुआरो, धोखा देने वाला, चालबाज 2. शत्र, अन्त में-तु० कुंजर, सिह आदि) 3. चोड़ा ६. नींबू ! --वम् श्वेत कुम द जो चन्द्रोदय के समय खिलता है For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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