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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २८५ ) उसके इस अनुग्रह से अत्यन्त प्रसन्न हुआ, उसने उसका नाम 3. कपूर 4. बन्दरों की एक जाति 5. एक नाग कब मिटाकर उसे पूरी तरह सीधा कर दिया, तब से जिसने अपनी छोटी बहन कुमद्वती को राम के पुत्र कुश वह अत्यन्त सुन्दरी स्त्री लगने लगी)। को प्रदान किया.–दे० रघु० १६७५-८६ । सम. कुब्जकः [ कुब्ज+कन् ] एक वक्ष का नाम + मनु० ८। -आकारः, चाँदी,-आकरः, - आवास: कमलों से २४७, ५।२। भरा हुआ सरोवर, ईशः चन्द्रमा,-खण्डम् कमलों का कुब्जिका [ कुब्जक-|-टाप, इत्वम् ] आठवर्ष की अविवाहित समूह, नाथः, पतिः, बन्धुः, -बान्धवः,-सुहृद् (पुं०) लड़की। चन्द्रमा। कुभृत् (पु.) [ कु++क्विप्, तुकागमः ] पहाड़। कुमुदवती कुमुद-1-मतुप्-+ङीप्, बत्वम्] कमल का पौधा । कुमारः [कम्+आरन्, उपधायाः उत्वम् ] 1. पुत्र, बालक, | कुमिदिनी [कुमुद-+इनि] 1. सफ़ेद फूलों की कुमुदिनी यवा-रघु०३१४८ 2. पाँच वर्ष से कम आय का बालक -यथेन्दाबानन्दं ब्रजति समपोढे कुमुदिनी-उत्तर० ५। 3. राजकुमार, युवराज (विशेषतः नाटकों में)-विप्रो- २६, शि० ९।३४ 2. कमलों का समूह 3. कमलस्थली। षितकुमार तद्राज्यमस्तमिलेश्वरम् रघु० १२।११, सम० - नायकः, -पतिः चन्द्रमा। कुमारस्यायुषो बाणः - विक्रम० ५, उपवेष्टुमर्हति । कुमुदत् (वि०) [कुमुद्-+-मतुप, बत्वम् जहाँ कमलों की कुमारः --- मुद्रा० ४ (मलयकेतु ने राक्षस को कहा) बहुतायत हो -- कुमुत्सु च वारिषु-रघु०४।१९, ती 4. युद्ध के देवता कातिकेय,-कुमारकल्प सुषवे कुमारम् 1. सफ़ेद फूलों की कुमुदिनी (जो चन्द्रमा के उदय रघु० ५।३६, कुमारोऽपि कुमारविक्रम:-..-३।५५ होने पर खिलती है)-अन्तहिते शशिनि सैव कुमद्वती 5. अग्नि 6. तोता 7. सिन्धु नदी। सम०--पालन 1. में दष्टि न नन्दयति संस्मरणीयशोभा-----श० ४।२, बच्चों की देखरेख रखने वाला 2. राजा शालिवाहन, कुमुद्रती भानुमतीव भावं (न वबंध)-रपु० ६।३६ भत्या 1. छोटे-छोटे बच्चों की देखरेख 2. गर्भावस्था 2. कमलों का समूह 3. कमलस्थली,-"ईशः चन्द्रमा । में स्त्री की देखरेख, प्रसूति विद्या-रघु० ३।१२ | कुमोदकः [कु-मुद्+णिच्+ण्वुल] विष्णु का विशेषण । -वाहिन्,---वाहनः मोर, -सूः (स्त्री०) 1. पार्वती कुम्बा [कुम्बु ।-अङ+टाप्] यज्ञभूमि का अहाता । का विशेषण 2. गंगा का वि० ।। कुम्भः [कु भूमि कुत्सितं वा उम्भति पूरयति-उम्भ+अच कुमारकः [ कुमार---कन् ] 1. बच्चा, युवा 2. आँख का शक० तारा०] 1. घड़ा, जलपात्र, करवा इयं सुस्तनी तारा। मस्तकन्यस्तकुम्भा जग०, वर्जयेत्तादृशं मित्रं विपकुम्भं कुमारयति (ना० धा० पर०) खेलना, क्रीडा करना (बच्चे पयोमुखम् ---हि० ११७७, रघु० २३४ इसी प्रकार की तरह)। कुच", स्तन 2. हाथी के मस्तक का ललाट स्थल कुमारिक (वि.) (स्त्री० को)) [ कुमारी+ठन्, -इभकुम्भ-मा० ५।३२, मतेभकुम्भदलने भुवि सन्ति कुमारिन (वि.) (स्त्री० - णी)। कुमारी---इनि शा:-भर्त११५९ 3. राशिचक्र में ग्यारहवीं राशि कुम्भ जिसके लड़कियाँ हो, जहाँ लड़कियों की बहुतायत हो। 4. २० द्रोण के बराबर अनाज की तौल-- मनु०८। कुमारिका, कुमारी [ कुमारी+ठन् +-टाप, कुमार-+ ङीष् ] ३२० 5. (योग दर्शन में) श्वास को स्थगित करने के 1. दस से बारह वर्ष के बीच की लड़की लिए नाक तथा मुखविवर को बन्द करना 6. वेश्या 2. अविवाहिता तरुणी, कन्या-त्रीणि वर्षाण्यु दीक्षेत का प्रेमी। सम-कर्णः 'पड़े के सदृश कान वाला' कुमार्य तुमती सती मनु०९।९०, १११५८, व्यावर्त- एक महाकाय राक्षस जो रावण का भाई था तथा राम तान्योपगमात्कुमारी · रघु०६।६९ 3. लड़की, पुत्री के हाथों मारा गया था (कहते हैं कि इस राक्षस न 4. दुर्गा 5. कुछ पौधों के नाम। सम... पुत्रः हजारों प्राणी, ऋषि तथा स्वर्गीय अप्सराओं को अपने अविवाहिता स्त्री का पुत्र, श्वशुरः विवाह से पूर्व मुंह का ग्रास बना लिया, देवता उत्सुकतापूर्वक उस भ्रष्ट लड़की का श्वसुर ।। दिन की प्रतीक्षा करने लगे, जब कि इस शक्तिशाली कुमुद् (वि.) [कु०+ मुद्+क्विप्] 1. कृपाशून्य, अमित्र राक्षस से मुक्ति मिले । इन्द्र और उसके हाथी ऐरावत 2. लोभी (नपुं०) 1. सफ़ेद कुमुदिनी 2. लाल कमल । के दैन्यभाव के कारण ब्रह्मा ने इसे शाप दिया। तब कमवः,--वम् [को मोदते इति कुमुदम्] 1. सफ़ेद कुमुदिनी, से कुम्भकर्ण अत्यन्त घोर तपस्या करने लगा। ब्रह्मा जो कहते हैं कि चन्द्रोदय के समय खिलती है- नोच्छ्व- प्रसन्न हुआ, और उसे वरदान देने ही वाला था कि सिति तपनकिरणश्चन्द्रस्येवांशुभिः कुमदम्-विक्रम० देवों ने सरस्वती से प्रार्थना की कि वह कुम्भकर्ण की ३।१६, इसी प्रकार श० ५।२८, ऋतु० ३।२, २१, जिह्वा पर बैठकर उसे बदल दे। तदनुसार जब वह २३, मेघ० ४० 2. लाल कमल, - वम् चाँदी,—दः ब्रह्मा के पास गया तो 'इन्द्रपद मांगने के बजाय 1. विष्णु का विशेषण 2. दक्षिण दिशा के दिगराज का | उसके मुंह से निद्रापद निकला, जो उसी समय For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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