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--भाव (वि०) सच्चा भक्त, ईमानदार, यष्टिः, after मोतियों की एक लड़ी, योनि (वि० ) 1. सहोदर 2. एक ही कुल या जाति के मनु० ९ | १४८, - रसः 1. उद्देश्य या भावना की एकता 2. केवल मात्र रस या आनन्द, राज्, - - राजः (पुं० ) निरंकुश या स्वेच्छाचारी राजा, रात्रः एक पूरी रात तक रहने वाला पर्व - रिक्थिन् (पुं०) सह - उत्तराधिकारी, - रूप ( वि० ) 1. एक सा, समान 2. समरूप, लिंगः 1. एक ही लिंग रखने वाला शब्द 2. कुबेर – वचनम् एक संख्या को प्रकट करने वाला शब्द, -वर्णः एक जाति, - वर्षिका एक वर्ष की बछिया वाक्यता अर्थ की संगति, ऐकमत्य, विभिन्न उक्तियों का सामंजस्य, ---- वारम्, वारे ( अप० ) 1. केवल एक बार 2. तुरन्त अकस्मात् 3. एक ही समय, विशतिः ( स्त्री० ) इक्कीस, विलोचन (वि०) एक आँख वाला दे० 'एकदृष्टि - विषयिन् (पुं०) प्रतिद्वन्द्वी, वीरः प्रमुख योद्धा या शूरवीर - महावी० ५१४८, - येणिः, ...णी (स्त्री०) वालों की एक मात्र चोटी ( जिसे स्त्री पति वियोग के चिह्न स्वरूप धारण करती है) गण्डाभोगात्कठिनविपगामेकवेणीं करेण - मेघ० ९२, ०७१२९, शफ ( वि० ) अखंड खुर वाला ( - फः ) ऐसा पशु जिसके खुर या सुम फटे हुए न हों जैसे घोड़ा गधा आदि - शरीर (वि०) रक्तसंबद्ध एक खून का " अन्वयः एक ही गोत्र की सन्तान 'अवयवः एक रक्त के वन्धु-बांधव, शाखः एक ही शाखा या विचार का ब्राह्मण - शृङ्ग (वि०) केवल एक सींग धारी ( -गः ) 1. अरण्याश्व, गेंडा 2. विष्णु, शेषः 'एकशेष' द्वन्द्व समास का एक भेद जिसमें केवल एक ही पद अवशिष्ट रहना है- उदा० 'पितरी' माता और पिता ( मातापितरौ ) इसी प्रकार 'श्वमुरौं' 'भ्रातरः,' आदि - - श्रुत (वि०) एक ही बार सुना हुआ 'धर (वि०) एक बार सुनी हुई बात को ध्यान में रखने वाला - श्रुतिः (स्त्री०) एकस्वरता, सप्ततिः ( स्त्री० ) इकहत्तर, संगं (वि०) नितांत ध्यानमग्न, - साक्षिक ( वि० ) एक व्यक्ति द्वारा देखा हुआ, --- हायन (वि०) एक वर्ष की आयु का मा० ४८, उत्तर० ३१२८, ( नी) एक वर्ष की बछिया । एकक ( वि० ) [ एक + कन् ] 1 इकहरा, अकेला, एकाकी, विना किसी सहायक के उत्तर० ५/५ 2. वही, समरूप ।
एकतम ( वि० ) ( नपुं० तमत्, स्त्री० तमा ) [ एक + मंत्र ] 1. बहुतों में से एक 2. एक (अनिश्चय वाचक रूप में प्रयुक्त ) | एकतर (नपुं०
0
-तरम् ) [ एक + उतरच् ] 1. दो में से एक, कोई मा 2. दूसरा, भिन्न 3. बहुतों में से एक ।
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एकत: ( अव्य० ) [ एक + तसिल् ] 1. एक ओर से, एक ओर 2. एक एक करके, एक एक, एकत:- अम्यतः एक ओर, दूसरी ओर - रघु० ६।८५, कि० ५।२। एकत्र ( अव्य० ) [ एक + ल् ] 1. एक स्थान पर 2. इकट्ठे, सब इकट्ठे मिल कर ।
एकar ( अव्य० ) [ एक + दा ] 1. एक बार, एक दफा, एक समय 2. उसी समय, सर्वथा एक बार, साथ ही साथ हि० ४।९३ ।
एकधा ( अव्य० ) [ एक + धा] 1. एक प्रकार से 2. अकेले 3. तुरन्त उसी समय 4. मिलकर, साथ
साथ ।
एकल (वि० ) [ एक + ला+क] अकेला, एकाकी
उत्तर० ४।
एकश: ( अव्य० ) [ एक + शस् ] एक एक करके, अकेले । एकाकिन ( वि० ) [ एक + आकिनच् ] अकेला, केवल एक । एकादशन् (सं० वि० ) [ एकेन अधिका दश इति ] ग्यारह | एकादश ( वि० ) ( स्त्री- शी) ग्यारहवाँ, - शी चान्द्रमास
के प्रत्येक पक्ष का ग्यारहवाँ दिन, विष्णु संबंधी पुनीतदिवस । सम० - द्वारम् शरीर के ग्यारह छिद्र दे० 'ख', रुद्राः ( ब० व० ) ११ रुद्र - दे० रुद्र । एकीभावः [ एक +च्चि + भू +घञ ]1. संहति, साहचर्य
2. सामान्य स्वभाव या गुण ।
एकीय (वि० ) [ एक + छ ] तरफ़दार, सहकारी ।
एज् (म्वा० आ० (म० का० में पर० ) एजते, एजित )
1. कांपना 2. हिलना-डुलना, 3. चमकना (पर० ), अप, दूर हाँक देना, उ, उठना, ऊपर को होना । एक ( वि० ) [ एज् + ण्वुल् ] कांपता हुआ, हिलता हुआ । एजनम् [ एज् + ल्युट् ] कांपना, हिलना ।
एक
एठित ) छेदना, रोकना,
(भ्वा० आ० - एठते, विरोध करना ।
एक का या एक से- यः
एड
(वि० ) [ इल् + अच्,
डलयोरभेदः ] बहरा
एक प्रकार की भेड़, । सम० - मूक ( वि० ) 1. बहरा और गूगा - तु० अनेडमूक 2. दुष्ट, कुटिल । एक: [ एड+कन् ] 1. भेड़ा, 2. जंगली बकरा, का,
भेड़ी |
एण, एकः [एति द्रुतं गच्छति इति इ +ण, एण+कन्
च ] एक प्रकार का काला बारासिंघा हरिण, निम्नां - कित श्लोक में अनेक प्रकार के हरिणों का उल्लेख है: --अनृचो माणवी ज्ञेय एणः कृष्णमृगः स्मृतः, रुरुगौरमुखः प्रोक्तः शंबरः शोण उच्यते । सम० - भजिनम् मृगचर्म, तिलकः भृत् चन्द्रमा, इसी प्रकार अंक:, ● लांछन : आदि, - बृश् (वि०) हरिण जैसी आंखों वाला, - (पुं०) मकर राशि ।
[ ए + ङीष् ] काली हरिणी ।
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