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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २२४ ) गिनता म छ: है-..शाशरश्च वसन्तश्च ग्रीष्मो वर्षा । --: विष्ण -जुम् 1. वृद्धि, विकास 2. प्रदर्शित शरद्धिमः-- कभी कभी ऋतुएँ पाँच समझी जाती है। उपसंहार, म्पाट परिणाम। (शिशिर और हिम या हेमन्त एक गिने जाने पर) ऋद्धिः (स्त्री०) [ऋ--तिन | 1. विकाम, वृद्धि 2. युगारंभ, निश्चित काल 3. आर्तव, ऋतुस्राव, 2. सफलता, गम्पन्नता, बहनापत 3. विस्तार, विस्तति, माहवारी 4. गर्भाधान के लिए उपयुक्त काल-वर- विभति 4. अतिप्राकृतिक शक्ति, सर्वोपरिता मतषु नैवाभिगमनम् --पंच० १, मनु० ३४६, याज्ञ० 5. सम्पन्नत!। ११११ 5. उपयुक्त मौसम या ठोक समय 6. प्रकाश, ! ऋधु (दिवा० स्वा० परध्य नि, नोनित अद) 1. आभा 7. छ: की संख्या के लिए प्रतीकात्मक अभि- संपन्न होना, समृद्ध होगा, फलना फूलना, सफल होना व्यक्ति । सम०-कालः,-समयः,--वेला 1. गर्भाधान 2. विकसित होना, नहला (आलं. भी) 3. मंतुष्ट के लिए अनुकूल समय अर्थात ऋतुस्राव से लेकर १६ करना, तृप्त करना, जानकारना, मनाना मा० ५। रातें, दे० उ० ऋतु 2. मौसम की अवधि,---कणः २९, सम् -'फलना-मना । ऋतुओं का समुदाय,--गामिन् (गर्भाधान के लिए उप- अभः [ अरि स्व अदिती वा भवति इति ऋ ई ] युक्त समय पर अर्थात् मासिकधर्म के पश्चात् ) स्त्री से देवता, दिव्यता, देव । संभोग करने वाला,-पर्णः अयोध्या के एक राजा का भक्षः [भयो देवा नियन्ति वयन्नि अति ---ऋभु नाम, अयुतायु का पुत्र, इक्ष्वाकु की संतान, (अपना +क्षि-1-5] 1. इन्द 2. (इन्द्र का) स्वर्ग। राज्य छिन जाने पर निषध देश का राजा नल जब आप ऋभुक्षिन् (१०) (10. क्षाः, कर्म य० व० दग्रस्त हआ तो वह राजा ऋतुपर्ण की सेवा में आया। -- ऋगुनः) | मषः वज्र स्वर्गो वास्याग्नि-इनि। द्यतक्रीड़ा में बड़ा कुशल था। अतः उस राजा ने नल से द्यूतक्रीड़ा सीखी तथा बदले में उसे अश्वसंचालन का ऋल्लकः [?] एक प्रकार के वाद्ययंत्र को बजाने वाला। काम सिखाया। फलतः इसी की बदौलत राजा ऋतुपर्ण, ऋश्यः | ऋश्+वाप] सफेद पैरो वाला बारहनिया हरिण, इसके पूर्व कि दमयन्ती अपना दूसरा पति चुनने के -श्यम् हत्या। गण केतुः, केतन: 1. अनिरुद्ध, विचार को कार्य में परिणत करे, नल को कुण्डिनपुर प्रद्युम्न का पुत्र 2. कारदेव । पहुँचाने में सफल हुआ),-पर्यायः,-वृत्तिः ऋतुओं का | ऋष् । (तुदा० पर०- ऋपति, कृष्ट) 1. नाना, पहुंचना आमा-जाना,--मुखम् ऋतु का आरम्भ या पहला दिन 2. मार डालना. चोट पहुँचाना। -राजः बसन्त ऋतु,-लिंगम् 1. रजःस्राव का लक्षण या ii (भ्वा० पर०-अति) 1 यहना 2 किगलना। चिह्न (जैसे की बसन्त ऋतु में आम के बौर आना) । ऋषभः [प अभक ] 1. गाँ। 2. श्रेष्ठ, मश्रेिष्ठ 2. मासिक स्राव का चिह्न, -संधिः दो ऋतुओं का । मिलन,---स्नाता रजोदर्शन के पश्चात् स्नान करके (समास के अंनिग पद के रूप में) यथा पुरुषर्षभः, भरतर्षभः, आदि 3. संगीत के गात स्वरों में से दूभग निवृत्त हुई, और इसोलिए संभोग के लिए उपयुक्त स्त्री-धर्मलोपभवादाजीमत्स्नातामिमां स्मरन् -- रघु० ..-ऋषभोत्र गोयन इति-आय०१०१ 4. मूगर की ११७६, -स्नानम् रजोदर्शन के पश्चात् स्नान करना । पूंछ 5. गगरमच्छ को पूंछ, भी 1. पुल्य के आकार प्रकार की स्त्री (जैसे कि दाढ़ी आदि का होना) ऋतुमती [ऋतु+मतुप्+डीप] रजस्वला स्त्री। 2. गाय विधवा । सम०-- दाटः एक पहाड़ का नाम, ऋते (अव्य०) सिवाय, बिना (अपा० के साथ)--हते ----ध्वजः गिय। क्रौर्यात्समायातः-भट्टि० ८।१०५ अवेहि मां प्रीतमृते ऋषिः [ ऋप-इन्, कित] 1. एक अन्तःस्फूर्त कवि या तुरङ्गमात्-रघु० ३१६३ पापादते-श०६।२२, कु० मुनि, मंत्र दृष्टा 2. पुण्यात्मा मनि, संन्यासी, विरक्त ११५१, २०५७, (कभी-कभी कर्म के साथ) ऋतेऽपि योगी 3. प्रकाश की किरण । सम.. कूल्या पवित्र त्वां न भविष्यन्ति सर्वे-भग० १११३२ (करण. के . नदी,-तर्पणम् ऋषियों की सेवा में प्रस्तुत किया गया साथ विरल प्रयोग)। तर्पण ---(अध्यादिक)..-पंचमी भाद्रपदकृष्णा पंचमी ऋस्विज् (पुं०) [ऋतु+यज--- क्विन्] यज्ञ के पुरोहित के को होने वाला (स्त्रियों का) एक पर्व,-लोक: रूप में कार्य करने वाला, चार मुख्य ऋत्विज होता, ऋषियों का संसार,-स्तोमः 1. ऋषियों का स्तुति-गान, उद्गाता, अध्वर्य और ब्रह्मा है, बड़े २ संस्कारों में 2. एक दिन में समाप्त होने वाला एक विशेष यज्ञ । ऋत्विजों की संख्या १६ तक होती है। ऋष्टिः (पु०-स्त्री०) [ ऋ+-क्तिन ] 1. दुधारी तलऋड (भू० क० कृ०) [ऋ--क्त ] 1. सम्पन्न, फलता- वार 2. (सामान्यतः) तलवार, कृपाण 3. शस्त्र (बर्डी, फूलता, धनवान्---रघु०१४।३०, २१५०, ५।४० 2. भाला आदि)। वृद्धि-प्राप्त, वर्धमान 3. जमा किया हुआ (अनादिक), ऋष्यः [ ऋष्+क्यन् । सफेद पैरों वाला बारहसिंघा For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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