SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1274
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1265 ) ग्लपित (वि.) [ ग्लै+णिच्+क्त, पुष, ह्रस्वरच ] 64, रघु० 16 // 38 2. टुकड़े टुकड़े किया हुआ 1. क्लान्त, हलसा हुआ, छितराया हुआ-कि.१४ / -लाङ्गलग्लपितग्रीवाः-रा०७७/४७। . घटः [ घट - अच् ] 1. सिर-समाधिभेदे ना शिरः कूट- | धनता, घन+तल+त्व ] 1. सघनता, सटा होना कटेषु च-मेदिनी०, महा० 16155138 2. मिट्टी | घनत्वम् 2. दृढ़ता, सपना / का जलपात्र. 3. कुम्भ राशि। सम० उबरः गणेश | घर्धरः (पु.) [+यक-लुक+अच् ] मन्दिर का एक का नाम, कम्युकि (नपुं०) तान्त्रिक और शाक्तों। विशेष प्रकार का निर्माण की एक रस्म (इसमें विभिन्न महिलाओं की चोलियां धर्म (वि.)[+मक, नि. गणः गर्म,-मः (40) एक घड़े में डाल दी जाती हैं और फिर उपस्थित 1. गर्मी 2, ग्रीष्म ऋतु 3. पसीना 4. प्रवग्यं संस्कार महानुभावों में से प्रत्येक एक एक चौली निकालता है, 5. एक देवता का नाम-धर्मः स्यादातपे ग्रीष्मे तथा जिस महिला की वह बोली होती है, उसके साथ। प्रवर्य देवतान्तरे। सम.-आतिः पसीने से उत्पन्न उस पुरुष को संभोग करने की अनुमति है)-योनिः, जीव, दे० 'स्वेदज'। ---भवः, जम्मा अगस्त्य मुनि / घर्षणालः [घर्षण+आलच् ] पीसने वाला, बट्टा, लोढी / घटा [घट् भावे अड, स्त्रियां टाप ] लोहे की प्लेट जिस | | पाटणम् [ षट्+णिच् + ल्युट ] घटखनी, कुडा। पर आघात करके समय की सूचना दी जाती है। / | पातः[हन्+णि+पज ] हण्टर लगाना कोशाधिष्ठिबटिकामपलम् (नपुं०) विषुवत्त / तस्य कोशावच्छेदे घात:-की० अ० 2 / 5 / सम० घटिकायन्त्रम् (नपुं०) घंटा। -च्छिम् (नपुं०) एक प्रकार का मुत्ररोग, दिवसः घटीयन्त्रम् (नपुं०) 1. रहट, पानी निकालने का यन्त्र अशुभ दिन, जन्मनक्षत्र से सातवा नक्षत्र / 2. अनिमार-..भाव० 7.16 / 24 / | घुणक्षत, [घुण+क=धुण+क्षण (अद्) (भुज) + क्त] पढित (वि.) [घट्ट+क्त] 1. मण्डयुक्त, कलफदार घुणजम्प, कीड़े से खाया हुआ, घुण लगा हुआ-श्रीनिर्मित - पञ्च० 63 2. दबाया हुआ, भाचा हुआ, बुणभुक्ताप्राप्तषणक्षतेकवर्णोपमावाच्यमलं ममार्ज-शि० पीसा हुआ। 358 / घण्टाकर्णः (पुं०) 1. गिव का एक गण 2. एक राक्षस | धुमधुमित (वि.) [घुमघुम+इतच् ] सुगन्धित, सुरभित, का नाम। | खुशबूदार। अष्टारकः (पुं०) {प० त०] 1. घण्टे की आवाज - को दिढोरा पीट कर सबको अन्नदान दण्डघण्टारवः-हनु. 2. मण की एक जाति -घण्टा- - करना मनु० 4 / 209 / * रवः गणसुमे घण्टानादे....'नाना। घृत (वि.) [घ+क्त] 1. छिड़का हुआ 2. चमकीला, पष्टिका (स्त्री०) [घण्ट+बुल, इत्वम् / काग, काकल, सम् (नपुं०) 1. धी 2. मक्खन 3. शराब मधुउपजिह्वा। च्यतो घृतपक्ता महा० 292 / 15 / सम० -- मक्त घण्टासः [घण्ट्+बालच ] हाथी मूक्ति० 5 / 6 / (वि.) घी से चुपड़ा हमा, घी से युक्त,-गन्धः पष्टिक: [घण्ट+ठ घड़ियाल, मगरमच्छ / घोगों का एक भेद जिसमें घी की सुगन्ध आती है, धन (वि.) [हन् मूता अप, धनादेशश्च] 1. सपन, प्राशनम् पी पीना - प्लुत (वि.) पी से दर, ठोस 2. मोटा, मटा हुआ 3. पूर्ण विकसित | चुपड़ा हुआ,-हेतुः मक्खन / 4. गहरा 5. निर्वाध 6. स्थायी 7. पूर्ण+धमः (पुं०) धूणा [+नक्] शर्म की भावना। 1. बादल 2. लोहे की गदा 3. शरीर 4. समुच्चय | घृणिन् [षण+इनि] लज्जाल, शर्मीला। 5. वेद का सम्वर पाठविशेष, धनम् (नपुं०) 1. घंटा, घोणा [घण+अ+टाप्] 1. (उल्लकी) चोंच 2. (रय जंग 2. लोहा 3. खाल, वल्कल। सम-रू में) पहिये की नाभि / मोटी जंघाओं से युक्त महिला --फर धनार पदानि | घोषः। षषष ] सस्वर पाठ, मन्त्रोचा ण-शुश्राव शनैः शनैः-देणी. १२०,-साम (वि.) हयोड़े ब्रह्मपोषांश्च विरात्रे ब्रह्मरक्षसाम् रा० 5 / सम. के आषात के उपयुक्त-भाव. हार।५३,---मानम् -यात्रा सामूहिक रूप से गोपालों के स्थान पर किसी रचना या निर्माणका बाहरी माप,-संपत्तिः . जाना, सामूहिक तीर्थ यात्रा, बर्ष घोष प्रयत्न वाला कड़ी गोपनीयता। अक्षर, स्वर्ण युक्त या निनादी मकरः, परः प्रामीण For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy