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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1264 ) -सत्रम् सूत्रों का संकलन जिसमें गृह्य यज्ञों के ] गौरी गौर+की 11. एक नागकन्या 2. एक नदी का विधान का वर्णन है जैसे कि आपस्तम्बगृह्यसूत्र या| नाम 3. रात 4. पार्वती। सम०-- पूजा माघ मास बोधायन गृह्यसूत्र / के शुक्लपक्ष के चौथे दिन मनाया जाने वाला पर्व। गातुः [गै+तुन् ] 1. गीत 2. गायक 3. मधुमक्खी / गौाक (वि.) [गुह्मक+अण् ] गाकों से संबंध रखने गायः (बेद०) गीत (समास में प्रयुक्त होने पर इसका वाला। अर्थ है 'स्तुति के योग्य' 'स्तुत्य' जैसा कि 'उक- प्रन्थिः [ग्रन्थ्+-इन् ] 1. पुस्तक का कठिन स्थल-ग्रन्थगाय' में)। ग्रन्थिं तदा चक्रे मुनिर्गुढं कुतूहलात्-महा० 111380 गो (पुं०, स्त्री०) [गम्+डो] 1. पशु 2. गौ 3. कोई 2. घण्टी, जंग-कथा०६५।१३५ / सम० -वनकः भी पदार्थ जो गो से प्राप्त हो 4. आकाश 5. इन्द्र का एक प्रकार का फौलाद, इस्पात / वज्र 6. प्रकाश, किरण 7. हीरा 8. स्वर्ग 9. बाण / ग्रन्थिकः [ अन्थि+के+क] बांस का अंकुर / सम० --ग्रहणम् गौएँ पकड़ना, गौएँ चुराना,-चर्या ग्रन्थिकम् (नपुं०) 1. पीपलामूल 2. गुग्गुल / पशु की भांति केवल अपना भौतिक सुख खोजना पासप्रमाणम् [अस्+घञ -ग्रासस्य प्रमाणम् --10 -जिलिका काकलक, काग,-जीव (वि.) गोदुग्ध त०] एक ग्रास का माप / का व्यवसाय करने वाला, घोसी,-पथः अथर्ववेद का प्रहः / ग्रह, +अच् ] 1. युद्ध की तैयारी 2. अतिथि-यथा एक ब्राह्मण, --पर्वतम् उस पहाड़ का नाम जहाँ सिद्धस्य चान्नस्य ग्रहायानं प्रदीयते--महा 13 / 100 / पाणिनि ने तपस्या की थी - अरुणा०, उत्त०२।६८, 6 / सम०.-अप्रेसरः चन्द्रमा,-कुण्डलिका,-बक्रम, -----मण्डीरः एक जल पक्षी,-मध्यमध्य (वि.) छर .- स्थितिः जन्मकुण्डली, किसी भी समय ग्रहों की हरा, पतली कमर वाला,-मत्रक: वैदूर्य नामक मणि, बताई हुई दशा,-गणितम् फलित ज्योतिष का गणित - मूत्रकम् गदायुद्ध में पैतराबदल चाल-महा० भाग,-ग्रामणी सूर्य,-चारनिबन्धः ज्योतिष के एक ९।५८।२३,-लोभिका सफ़ेद दूब,-बरम् गाय के ग्रन्थ का नाम,--- लाधवम् ज्योतिष के एक ग्रन्थ का गोबर का चूरा,-विषाणिक: गाय के सींग से निर्मित नाम,-स्वरः संगीत गान का पहला स्वर / एक संगीत उपकरण (इसे 'शृंग' भी कहते हैं) ग्रहणीकपाटः [प० त०] अतिसार की औषधि / -महा० 6 / 44 / 4, सावित्री गायत्रीमंत्र,-हरणम् प्राहः [ग्रह +घञ ] 1. मठ 2. लकवा / दे० 'गोग्रहणम्'। प्राह्यम् [ग्रह+ण्यत् ज्ञानेन्द्रियों द्वारा संकल्पना का विषय / गोम् (चुरा० पर०) गोबर से लीपना, गोबरी फेरना। / ग्राह्यः [ग्रह+ण्यत् ] एक ग्रस्त ग्रह / गोमत (वेद०) गो+मतुप् ] गौओं से समृद्ध स्थान। प्रामः [ग्रस्+मन, आदन्तादेशः] 1. गाँव, पल्ली 2. वंश, गोमयंपायसीयन्यायः (पुं०) एक ही स्रोत से उत्पन्न दो समुदाय 1. समुच्चय, संग्रह। सम-कायस्थः वस्तुओं के गुणों की भिन्नता-जैसे, दूध और गोबर। ग्रामीण लिपिक, -गाक: गांव का बढ़ई,-णीः (पुं०) गोमिन [गोम् +णिनि] वैश्य-गोमिनः कारयेत्करम सूर्य के अनुचरों का नेता, उपदेवता,-धर्मः गाँव की -महा० 1218735 / प्रथा,रीतिरिवाज,-धान्यम् / गाँव में उत्पन्न अन्न, गोजिकाणः (0) एक प्रकार का घोड़ा ('गोजिकण' पुरुषः गांव का मुखिया, -- विशेषः संगीत का नामक स्थान में पैदा होने के कारण यह नाम पड़ा)। विशिष्ट स्वर--स्फुटीभवग्रामविशेषमर्छना-शि०, गोजी (स्त्री०) नासापट, नासिका के बीच का पर्दा / - वृद्धः गांव का बड़ा बूढ़ा- प्राप्यावन्तीनुदयनकथागोणः[गुण+घा बैल / कोविदग्रामवृद्धान - मेघ०३०। गोणी गोण + डीप गाय / ग्राम्यवादिन (प.) गांव का आसेधक, गांव की ओर से गोलकीग (स्त्री०) गेंद से खेलना, गेंद का खेल। बोलने वाला ते सं० 2 / 3 / 10 / गोलबीपिका ज्योतिष के एक ग्रन्थ का नाम / ग्रामेकम् (नपुं०) चन्दन का एक भेद / गोलशास्त्रम् (नपुं०) 1. भूगोल 2. गणित ज्योतिष / पीष्म (वि०) [प्रस+मनिन् ] गर्म, उष्ण। ग्रीष्मः गोच्यः मैनाक पर्वत / (पुं०) ग्रीष्म ऋतु। सम०---बनम् उपत्रन या गौरपाकः 'अद्वैतवाद' पर लिखने वाला प्रसिद्ध लेखक / वाटिका जो ग्रीष्म ऋतु का विश्राम स्थल हो-कथा. गौरमालवः (पुं०) संगीतशास्त्र के एक राग का नाम / १२२२६५,-हासम् गुम्फमय बीज जो ग्रीष्मतुं में हवा गौधारः,-धेयः,-धेरः (पुं०) गोह (जो प्रायः वृक्षों की में इधर उधर उड़ते हैं। दरारों में पाई जाती है। ग्लपनम् [ग्ल-णि+ल्युट,पुक ह्रस्वश्च ] 1. मुर्माना गौराक: बि.स.11 शिव 2. श्री चैतन्य देव, सन्त कुम्हलाना 2. विश्राम करना-सान्द्रोद्यानदुमाग्रग्लपनऔर गायक। पिशुनितात्यन्ततीवाभिताप:--रत्ना० 4 / 14 / For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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