________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1234 ) भासन (वि.) [सद्+त] अवाप्स, प्राप्त-बाह्रो- मास्फोटितम् [आस्फुट्+क्त ] तालियां बजाना, शस्त्रास्त्र रासन्ना सोतिमात्र ननन्द-रा० 5 / 63 / 33 / सम. से प्रहार करना आस्फोटितनिनादांश्च --रा० 5 / -र (वि.) आसपास ही घूमने वाला। 43 / 12, तस्यास्फोटित शब्देन -रा० 5 / 4 / 7 / मासमूहान्तम् (अ.) समुद्र के किनारे तक। आस्यत् (वि०) [आ+सिन्+क्त ] मिला कर सीया भासुरायणः [आसुरि+फक्] 1. आसुरि की सन्तान | हुआ। 2. एकदिक संप्रदाय / माल (वि.) [ आश्रु+क्विप्] खूब बहने वाला, धारा मासेचनक (वि.) [आसिच+ल्यूट+कन् ] अत्यंत प्रवाह से रिसने वाला। मनोहर जो असीम संतोष के देने वाला हो (उदाहर- आनुपयस् (वि.) [न.ब.] खूब दूध देने वाली गाय णतः नेवासेचनकम्) दे० नैषध० (हिन्दी का -अगाबुकृतै राखुपया जवेन-भाग० 10 // 13 // 30 // संस्करण) पृष्ठ 559 / आस्वावित (यि०) [आ+स्व+णिच+क्त] जिसने मास्तरकः [आ+स्तु+ण्वुल ] बिस्तर बिछाने वाला ___ स्वाद ले लिया हो, अनुभवी-मधु नवमनास्वादित-कौ० अ० 212 / रसम् / / मास्तारकः [ आस्तु+षा, स्वार्थे कन् ] अंगीठी में लगने | आहत्य (अ.) [ आहन्-+ ल्यप् ] प्रहार करके, मार कर, वाली जाली, जंगला। पीट कर। सम०-बचनम् ललकारने वाला वक्तव्य / मास्तीर्ण (वि०) [ आस्त+क्त ] 1. बिखरा हुआ, फैला | आहारतेजस् (नपुं०) पारा, पारद / हुआ 2. ढका हुआ। आहार्पशोभा (स्त्री०) बनाया हुआ सौन्दयं (विप० नेसमास्यामपट्टः-पट्टम् [ आस्थान+पट् + क्त ] सिंहासन, राज- गिक शोभा)। गही-2०१०५७ / | आहितकः [आ+पा+क्त, स्वार्थे कन् ] भाड़े का-को० मास्येय (वि.) [आस्था+ण्यत् ] 1. श्रदेय, जिसके / अ०२।१। पास पहुँच की जाय, जिससे प्रार्थना की जाय | माहत (वि.) [आ+ह+क्त] कृत्रिम, बनावटी 2. आदरणीय / -अहता हि विषयकतानता शानघौतमनसं न लिम्पति भास्फुट (म्या० पर०) आन्दोलन करना, हिलाना। -018 / 2 / इल [ +सु] एक प्रकार का बांस-मौक्तिकरिक्षकु- इसम्बरम् (नपु०) नीलकमल -निषः / क्षिः -२०२०।२१(नारा० भाष्य० इक्षवंशविशेष:)। दवा (अ.) विशद, प्रकट, स्पष्ट / इसमतो (स्त्री०) [इम+मतुप् +कोप] कुरुक्षेत्र प्रदेश इन्दका [ इद्+ण्वुल+टाप् ] मृगशीर्ष नक्षत्र पुंज में ऊपर में बहने वाली एक नदी। रहने वाला तारा। इत्यारि(लि)क: [इक्षु+अल +ण्वुल ] नरकुल, सरकंडा। | इन्दिरारमणः [इन्द्+किर+टाप्+रम्+ल्युट् ] विष्णु जाल [इन+लन् ] कोयला-वितेनुरिङ्गालमिवायशः ___ --अन्तरा सकलसुन्दरीयुगलमिन्दिरारमणसंचरन् परे-सि० सं०, इङ्गाल: कारिकाग्निविट् - वैज। इम [इल + अच्, लस्य उत्वं वा ] सामगान में प्रयुक्त | इन्दुः [उन्+उ, ओदेरिच्च] 1. चन्द्रमा 2. अनुस्वार इलास्तोभ नामक संगीत। की परिभाषा। सम०-मुली कमल बेल,-वल्ली इगजातः [पं० त०] गुग्गुल / सोम का पौधा,-शफरिन् एक पौषे का नाम,-सुतः, इन्डीकः (पुं०) कलम घड़ने वाला चाकू। --सूनुः बुधनामक ग्रह। इतिः (स्त्री०) [+क्तिन् ] 1. शान 2. चाल, गति | इनुकः [इन्दु+कन् ] दे० 'इन्दुपफरिन्। -श.चि.। इनः इन्दतीति इन्द+रन्] 1. देवों का स्वामी 2.शानेइतिक (वि०) [इति+कन् ] गतियुक्त, चाल रखने द्रियों के पांच विषय / सम-आयुधम् 1. इन्द्रधनुष बाला। 2. हीरा, --कान्तः चारमंजिले भवन का एक प्रकार इतिहासकबीभूतम् [त. स.] किसी पौराणिक आख्यान -मान०-२१०६०।६८, (इन्द्रच्छदः) मोतियों या महाकाव्य से ली गई कथावस्तु-इतिहासकयो- की माला,--ः बालि, कर्ण,-जतन) शिलाभूतमितरता सदाय, काव्यं कल्पान्तरस्थायि जीत, -पति बन्दन,-प्रमतिः वैदिक ऋषि, पल -काव्या.। भाचार्य का विष्य,-मपिनी पार्वती,- लको इत्कः (.) एक प्रकार का भात / प्रसन्न करने के लिए किया जाने वाला मा-श्यो For Private and Personal Use Only