________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ईगर, सिंदूर। / 1173 ) ---विनाशात्तस्य वृक्षस्य रक्षस्तस्मै महोपलं / प्रजिघाय | जन्तु, शिकारी जानवर,-रघु० 2 / 27 2. विनाशक --रघु० 15 / 21, भट्टि० 15 / 121 3. भेजना, प्रेषित ____ 3. शिव 4. भीम / सम०-पशुः शिकारी जानवर, करना, मा० 1, रघु० 879, 11 // 49, 12 / 86, -यन्त्रम् 1. पिंजरा 2. दुर्भावनापूर्ण अभिप्रायों के भट्टि०१५।१०४।। लिए प्रयुक्त होने वाला अभिचारमंत्र।। हिंस् (भ्वा० रुधा० पर०, चुरा० उभ० हिंसति, हिनस्ति, | हिक्क i (भ्वा० उभ० हिक्कति--- ते, हिक्कित) 1. अस्पष्ट हिसयति ते, हिसित) 1 प्रहार करना, आघात उच्चारण करना 2. हिचकी लेना। करना 2. चोट पहुँचाना, क्षति पहुँचाना, नुकसान _ii (चुरा० आ० हिल्लयते) चोट पहुँचाना, क्षतिग्रस्त पहुँचाना 3. कष्ट देना, संताप देना--मा० 21 करना, वध करना। 4. मार डालना, हत्या करना, बिल्कुल नष्ट कर देना हिक्का [ हिक्क-+अ+टाप् ] 1. अस्पष्ट ध्वनि ----कीति सूते दुष्कृतं या हिनस्ति उत्तर० 5 / 31, 2. हिचकी। रघु० 8 / 45, भग० 13 / 28, भट्टि० 6 / 38, 14157, | हिङ्कारः [ 'हिम्' इत्यस्य कारः ] 1. 'हिम्' की मन्द ध्वनि 1578 / करना, हुंकार भरना 2. बाष / हिंसक (वि.) [हिस्+ण्वल ] हानिकर, अनिष्टकर, हुगु (पुं०, नपुं०) [ हिमं गच्छति---गम्+ड, नि०] क्षतिकर--क: 1. खंखार जानवर, शिकारी जानवर 1. हींग का पौधा 2. इस पौधे से तैयार किया गया 2. शत्र 3. अथर्ववेद में निपुण ब्राह्मण। पदार्थ जो घर में खाद्यपदार्थों में छौंक के लिए हिंसनम्,–ना [ हिंस्+ ल्युट् ] प्रहार करना, चोट मारना, प्रयुक्त होता है। सम-निर्यास: 1. हींग के वृक्ष का वध करना-मनु० 2 / 177, 10148, याज्ञ० गोंद के रूप में रस 2. नीम का पेड़, पत्रः इंगुदी का वृक्ष। हिंसा [ हिंस+अ+ टाप् ] 1. क्षति, उत्पात, बुराई, नुक- हिङगुलः [हिङगु-+-ला+क (कि, डु वा)] सान, चोट, (यह तीन प्रकार की मानी जाती है | हिडागुलि: -कायिक, वाचिक और मानसिक)-- अहिंसा | हिङगुलु (पुं० नपुं०) परमो धर्मः 2. बध करना, हत्या करना, विध्वंस | हिजोरः (पुं०) हाथी के पैरों को बाँधने की बेड़ी या -रघु० 5 / 57, याज्ञ० 3.113, मनु० 10 // 63 / रस्सी / 3. लुटना, डाका डालना। सम-आत्मक (वि.) हिडिम्बः (पं0) वह राक्षस जिसे भीम ने मारा था,-बा हानिकर, बिनाशकारी,--कर्मन् (नपुं०) 1. कोई भी हिडिंब की बहन जिसने भीम से विवाह कर लिया हानिकर या क्षति पहुँचाने वाला कृत्य 2. शत्रु का __ था। सम०-जित्,-निषूदन, भिद्,-रिपु (पुं०) नाश करने में प्रयुक्त जादू, अभिचार--प्राणिन् भीम के विशेषण। अनिष्टकर जंतु,-रत (वि०) उत्पात में संलग्न, | हिण्ड (भ्वा० आ० हिण्डते, हिण्डित) जाना, घमना, इधर --- रुचि उत्पात करने पर तुला हुआ, -- समुद्भव उधर फिरना, आ---, घूमना, या इधर-उघर फिरना (वि०) क्षति से उत्पन्न / -श०२। हिसार: [ हिंसा+आरु ] 1. बाघ, चीता 2. कोई भी | हिण्डनम् [ हिण्ड्+ल्युट ] 1. घूमना, इधर-उधर फिरना अनिष्टकर जन्तु / 2. संभोग 3. लेखन। हिसालु (वि.) [ हिसा+आलुच ] 1. हानिकर, उत्पाती, हिण्डिकः [ हिण्ड---इन-हिण्डि+कन् ] ज्योतिषी। चोट पहुंचाने वाला 2. धातक - (पुं०) उत्पाती या| हिण्डि (डी) रः [हिण्ड+ईरन् (इरन्) ] 1. समुद्रझाग - जंगली कुत्ता। 2. पुरुष, मर्द 3. बैंगन / हिंसालुक (वि०) [ हिंसालु+कन् ] उपद्रवी या जंगली | हिण्डो [ हिड्+इन्-डीप् ] दुर्गा / कुत्ता। हित (वि.) [घा (हि)+क्त ] 1. रखा हुआ, डाला हिंसीरः [ हिस् + ईरन् ] 1. वाघ 2. पक्षी 3. उपद्रवी हुआ, पड़ा हुआ 2. थामा हुआ, लिया हुआ 3. उपव्यक्ति / युक्त, योग्य, समुचित, अच्छा (संप्र० के साथ)-गोभ्यो हिस्प (वि.) [ हिस् + ण्यत् ] जो क्षतिग्रस्त किया जा हितं गोहितम् 4. उपयोगी, लाभदायक 5. हितकारी, सके या मारा जा सके-रधु० 2157, मनु० लाभप्रद, संपूर्ण, स्वास्थ्यवर्धक (शब्द या भोजन 5 / 41 / आदि)-हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः-कि. 114, हिंस्त्र (वि.) [ हिंस-+-२] 1. हानिकर, अनिष्टकर, 14 / 63 6. मित्रवत्, कृपालु, स्नेही, सद्वत्त (प्रायः उपद्रवी, पीड़ाकर, घातक मनु० 9 / 80, 12 / 56 अधिक के साथ)-तः मित्र, परोपकारी, मित्र जैसा 2. भयंकर 3. क्रुर, भीषण, बर्बर--स्त्रः 1. भीषण परामर्शदाता-हितान्न यः संशृणुते स किंप्रभुः For Private and Personal Use Only