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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अवक्षेपणम् [अव+क्षिप+ ल्युट] 1. नीचे की ओर फेंकना, । अवगुण्ठित (भू० क० कृ०) [ अव+गुण्ट+क्त ] पर्दा कम के पाँच प्रकारों में से एक, दे० 'कर्म' 2. घृणा, पड़ा हुआ, ढका हुआ, छिपा हुआ-रजनीतिमिरावनफरत 3. बदनामी, लांछन 4. पराजित करना, दमन गुण्ठिते----कु० ४।११। करना---णी बागडोर, लगाम । | अवगुरणम्,-गोरणम् [ अव-- गुर् + ल्युट् ] घुड़कना, धमअवखण्डनम् [ अव+खण्ड-+ ल्युट ] बांटना, नष्ट करना। काना, मार डालने के इरादे से प्रहार करना, शस्त्रों अवखातम् [प्रा० स०] गहरी खाई। से आक्रमण करना। अवगणनम् [अब+गण+ ल्युट ] 1. अवज्ञा, तिरस्कार, ! अवगहनम् [ अव+गृह + ल्युट ] 1. छिपाना, प्रछन्न अवहेलना 2. निंदा, लांछन 3. अपमान, मानभंग । रखना 2. आलिंगन करना। अवगण्डः [प्रा० स०] 'फोड़ा फुसी जो गाल पर होती है । अवग्रहः [अव--ग्रह-+घञ ] 1. समस्त पद के घटक शब्दों अवगतिः (स्त्री०) [ अव+गम्-+क्तिन् ] 1. ज्ञान, प्रत्य- को अलग अलग करना, सन्धिच्छेद करना 2. इस क्षीकरण, समझ, सत्य और निश्चित ज्ञान-ब्रह्मावग-1 प्रकार की पृथकता को द्योतन करने वाला चिह्न 3. तिहि पुरुषार्थः ब्रह्मावगतिस्लप्रतिज्ञाता--शत० । विराम, सन्धि का न होना (जैसा कि-धिक तां अवगमः--गमनम् [अव+गम्+घा, ल्युट वा ] 1. च तं च मदनं च इमां च मां च-इसमें च+इमां निकट जाना, नीचे उतरना 2. समझना, प्रताक्षीकरण, चेमा सन्धि नहीं हई) 4. ए और ओ से परे 'अ' ज्ञान। का लोप हो जाने पर चिह्न 5. वर्षा का न होना, अवगाढ (भू० क० कृ०) [अव+गाह +क्त ] 1. डुवकी सूखा पड़ना, अनावृष्टि----बष्टिर्भवति शस्यानामवग्रह लगाया हुआ, घुसा हुआ, डुवा हुआ,-अमतलदमि- विशोषिणाम्-रघु० ११६२, १०॥४८, नभोनभस्ययोवावगाढोऽस्मि----श०७, 2. नीचे दवाया गया,--- वंटिमवग्रह इवान्तरे-१२।२९, वषेब सीतां तदवग्रहनीचा, गहरा (शा० आलं०) अभ्युग्नता पुरस्तादव- क्षताम् कु० ५।६१, 6. बाधा, रोक 7. हाथियों का गाढा जघनगौरवात्पश्चात्-श० ३७, 3. घनीभूत, समूह 8. हाथी का मस्तक 9. प्रकृति, मूलस्वभाव जमा हुआ (जैसे रक्त)। 10. दण्ड (विप० अनुग्रह) 11. कोसना गाली देना । अबगाहः गाहमम् [अव+गाह +घन , ल्युट् बा] 1. स्नान, अवग्रहणम् [ अव+ग्रह, ल्युट्] 1. बाधा, रुकावट 2. ..---सुभगसलिलावगाहाः--श० ११३ सदावगाहक्षमवारि- अनादर, अवहेलना संचयः ---ऋतु० ११ 2. डुबकी लगाना, डुबाना, अवग्राहः [अव+ग्रह --धन ] 1. टूटना, वियोजन 2. घुसना---परदेशावगाहनात्-हि० ३९५, जलावगाह- अड़चन 3. शाप दे० 'अवग्रह। क्षणमात्रशान्ता-रघु० ५१४७, दग्धानामवगाहनाय | अवघटटः [ अव+घट+घन 11. बिल, गुहा, मांद विधिना रम्यं सरो निमितम्-शृंगार० १, 3. (आलं०) 2. शिला, चक्की (अनाज पीसने के लिए), 3. जोर से निष्णात होना, सीख लेना 4. स्नानागार । हिलाना। अवगीत (भू० क० कृ०) [ अब+++क्त ] 1. बेमेल अवघर्षणम [ अव+घष् + ल्युट] 1. रगड़ना 2. मलना स्वर से गाया हुआ, बुरी तरह से गाया हुआ 2. धम 3. पीसना। काया हुआ, गाली दिया हुआ, कोसा गया 3. दुष्ट अवघातः [ अव+हन् + घन ] 1. प्रहार करना 2. चोट बदमाश 4. गान द्वारा व्यंग्यात्मक ढंग से चोट किया पहुँचाना, मारना 3. प्रचण्ड आघात, तीव्र आघातगया;--तम् 1. व्यंग्यगान, परिहास 2. धिक्कार, कर्णावपातनिपुणेन च ताड्यमाना दूरीकृताः करिवरेण लांछन । (भंगाः)--नीति०२, 4. धान आदि को ओखल में अवगुणः [प्रा० स०] अपराध, दोष, बराई-अन्यदोष डालकर ममल से कूटना ।। परावगुणम् ---मल्लि० कि० १३१४८ । | अवघूर्णनम् [ अव-घूर्ण+ल्युट् ] घुमेरी आना, चक्कर अवगुण्ठनम् [ अव+गुण्ठ+ल्यूट ] 1. चूंघट निकालना, आना। छिपाना, बुर्का ओढ़ना 2. पर्दा (मुंह के लिए) अवघोषणम् -णा [ अव-!-घुष् + ल्युट ] 1. घोषणा करना ( आलं० भी)---अवगुण्ठनसंवीता कुलजाभिसरे- 2. उद्घोषणा । द्यदि ---सा० द०-कृतशीर्षावगुंठन:- मुद्रा० ६, 3. . अवघ्राणम् [ अव+घ्रा--ल्पुट् ] सूंघने की क्रिया। चूंघट, बुर्का। अाचन (वि०) [न० ब० न बोलने वाला, चुप, वाणी अवगुंठनवत् (वि.) [ अवगुण्टन+ मतुप् ] घूघट से ढका रहित-शकुन्तला साध्वसादववना तिष्ठति-श०१, हुआ, पर्दे से आवृत, तो नारी--०५। ...नम् 1. उक्ति का अभाव, चुप्पी, मौन 2. निन्दा, अवगुण्ठिका [ अब । गुण्ठ --- बुल+टाप् ] 1. चूंघट, फर्श लांछन, भर्त्सना--"कर( वि० ) आज्ञा न मानने 2. आवरण 3, चिक या पर्दा । वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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