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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1118 ) लाल गन्ना 4. बबूल का पेड़ 5. एक प्रकार की सरसों, / सूचा [सूक्-+अ-+-टाप्] 1. बींधना 2. हावभाव 3. भेद -पर्णी एक प्रकार की तुलसी,--पिप्पली बनपीपली जानना, देखना, दृष्टि / -बुद्धि (वि०) तेज बुद्धि वाला, प्रखर, बुद्धिमान् | सचिः...ची (स्त्री) सिच+इन् वा डीप] 1. बींधना, छेद प्रतिभाशाली, (स्त्री०-दिः) तेज बुद्धि, सूक्ष्म प्रतिभा, करना 2. सूई 3. तेज नोक, या नुकीली पत्ती (कुशा मानसिक प्रगल्भता,-मक्षिकम,--का मच्छर, डांस, आदि की) अभिनवकुशसूच्या परिक्षतं मे घरणम्-श० -मानम् यथार्थ माप, सही से गणना (विप० स्थूल 1, इसी प्रकार 'मुखे कुशसूचिविद्धे-श. 4114 मान—जिसका अर्थ है-खुली माप, मोटी माप) 4. तेज़ नोक या किसी वस्तु का सिरा-क: कर -शर्करा बारीक बजरी, रेत, बालका,-शालिः एक प्रसारयेत् पन्नगरत्नसूचये--कु० 5 / 43 5. कलिका की प्रकार का बारीक चावल, षट्चरणः एक प्रकार नोक 6. एक प्रकार का सैनिकव्यूह, स्तंभ या पंक्ति की जूं, जमजू / ----दण्डव्यूहेन तन्मार्ग यायात्तु शकटेन वा / वराहमकसूच् (चुरा० उभ० सूचयति-ते, सूचित) 1. बीधना राभ्यां वा सुच्या वा गरुडेन वा मनु० 7 / 187 2. निर्देश करना, इंगित करना, बतलाना, प्रकट 7. समलंबक के पाश्वों से निर्मित त्रिकोण 8. शंकु, करना, साबित करना त्वां सूचयिष्यति तु माल्यसम. स्तूप 9. अंगचेष्टाओं से संकेत करना, संकेतों द्वारा द्भवोऽयं (गन्धः) - मृच्छ० 1135, मेघ० 21, श० बतलाना, हावभाव 10. नृत्यविशेष 11. नाटकीय कर्म 1214 3. भेद खोलना, प्रकट करना, भण्डाफोड़ करना 12. विषयानुक्रमणिका, विषयसूची, 13. फहरिस्त, -~-स जातु सेव्यमानोऽपि गुप्तद्वारो न सूच्यते रघु० विवरणिका 14. (ज्योति० में) ग्रहण की संगणना के 17150 4. हावभाव व्यक्त करना, अभिनय करना, लिए पृथ्वी का गोला। सम० -. अन (वि०) सूई की इशारों से सूचित करना वामाक्षिस्पन्दनं सूचयति, भांति नोक वाला, सूई के समान तेज नोक रखने रथवेगं सूचयति-आदि 5. पता लगाना, गुप्त भेद वाला, पंना किया हुआ, (प्रम) सूई की नोक,--आस्यः जानना, निश्चय करना। अभि - , दिखलाना, संकेत चूहा, कटाहन्यायः दे० 'न्याय' के नीचे, खातः स्तूप करना ... अमन्यत नलं प्राप्त कर्मचेष्टाभिसूचितं-महा०, की खुदाई, शंकु, पत्रकम् अनुक्रमणिका, विषयसूचि प्र,-सम्, संकेत करना, सूचित करना ---संयोगो (-क:) एक प्रकार का शाक, सितावर पुष्पः केतक हि वियोगस्य संसूचयति संभवम् - सुभा० / वृक्ष,-भिन्न (वि.) कली के किनारों का खिलना सूचः [ सूचन-अच् ] कुशा का नुकीला अंकुर या पत्ता / -पाण्डुच्छायोपवनवृतयः केतकः सुचिभिन्नः -- मेघ० सूचक (वि.) (स्त्री-चिका) [ सूच-+-पल ] 1. संकेत 28, भेद्य (वि.) 1. जो सूई के द्वारा बीघा जा सके परक, संकेत करने वाला, सिद्ध करने वाला, दिखलाने 2. मोटा, सघन, घोर, गाढ़ा, बिल्कुल,-रुद्धालोके नरवाला 2. प्रकट करने वाला, सूचित करने वाला,-कः पतिपथे सूचिभेद्यैस्तमोभिः 3. स्पर्शज्ञेय, सहजग्राह्य, 1. वेधक 2. सूई, छिद्र करने या सीने के लिए कोई मुख (वि०) 1. सूई जैसे मुख वाला, नुकीली चोंच उपकरण 3. सूचना देने वाला, कहानी बतलाने वाला, वाला 2. नुकीला, (-खः) 1. पक्षी 2. सफेद कुशा बदनाम करने वाला, भेदिया 4. वर्णन करने वाला, 3. हाथों की विशेष स्थिति (-खम्) हीरा, रोमन् पढ़ाने वाला, सिखाने वाला 5. किसी मण्डली का (पुं०) सूअर,-वदन (वि०) सुई जैसे मुख वाला, प्रबन्धक या प्रधान अभिनेता 6. बुद्ध 7. सिद्ध 8. दुष्ट, नुकीली चोंच वाला, (नः) 1. डांस, मच्छर 2. नेवला, बदमाश 9. राक्षस, पिशाच 10. कुत्ता 11. कौवा --शालिः एक प्रकार का बारीक चावल / 12. बिलाव 13. एक प्रकार का महीन चावल / | सूचिकः [सूचि+ठन् दर्जी। सम० -- वाक्यम् किसी सूचना देने वाले द्वारा दी | सूचिका [सूचिक+टाप्] 1. सूई 2. हाथी की सूंड / गई सूचना। सम०-धरः हाथी,-मुख (वि.) नुकीले मुंह वाला, सूचनम्,-ना [ सूच भावे ल्युट् ] 1. बींधने या छिद्र करने नुकीले सिर वाला, (-खम्) खोल, सीपी, शंख / की क्रिया, सूराख करना, छेदना 2. इशारे से बताना, सूचित (भू० क० कृ०) [सूच्+क्त] 1. बींधा हुआ, सूराख संकेत करना, सूचित करना 3. विरुद्ध सूचित करना, किया हुआ, छिद्रित 2. इशारे से बताया हुआ, दिखाया भेद खोलना, कलंक लगाना, बदनाम करना 4. हाव- हुआ, सूचना दिया हुआ, संकेतित, इंगित किया हुआ भाव प्रकट करना, उचित चेष्टाओं या चिह्नों से संकेत 3. जतलाया गया या हावभावों से संकेतित 4. समाकरना 5. इशारा करना, इंगित 6. सूचना 7. पढ़ाना, चार दिया गया, उक्त, प्रकट किया गया 5. निश्चय दिखाना, वर्णन करना 8. गुप्त भेद जानना, रहस्य किया गया, ज्ञात / का पता लगाना, देखना, निश्चय करना 9. दुष्टता, सचिन (वि.) (स्त्री०-नी) [सूच+णिनि] 1. बेधने बदमाशी। वाला, छिद्र करने वाला 2. इशारा करने वाला, आतपर्थ सचिमार, गाढ़ावारा बीघा For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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