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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुमः [सुष्ठु मीयतेऽदः-सु+मा+क] 1. चाँद 2. कपूर / रुचिकर 3. चमकीला, मनोहर तां सौरभेयीं सुरभि____3. आकाश,-मम् फूल ---भामि० 1584 / यशोभिः 4. प्रियतम, मित्रसदश 5. विख्यात, प्रसिद्ध सुरः [सुष्ठ राति ददात्यभीष्टम्-सु+रा+क] 1. देव, | 6. बुद्धिमान्, विद्वान् 7. नेक, भला, भिः 1. सुगंध, देवता ---सुराप्रतिग्रहाद् देवाः सुरा इत्यभिविश्रुताः खुशबू, सुवास 2. जायफल 3. साल वृक्ष की राल, या ...- राम०, सुधया तर्पयते सुरान् पितॄश्च - विक्रम कोई भी राल 4. चम्पक वृक्ष 5. शमी वृक्ष 6. कदंब 317 रघु० 5 / 16 2. 33 की संख्या 3. सूर्य 4. ऋषि, का पेड़ 7. एक प्रकार की सुगंधित घास 8. वसन्त विद्वान् पुरुष। सम-अङ्गना दिव्यांगना, देवी, ऋतु विक्रम० 2 / 20, (स्त्री०) 1. लोबान का अप्सरा--रघु० ८१७९,--अधिपः इन्द्र का विशेषण वृक्ष 2. तुलसी 3. मोतिया 4. एक प्रकार की सुगंध, .... अरिः 1. देवों का शत्रु, राक्षस 2. झींगुर की यो सुगंधित पौधा 5. मदिरा 6. पृथ्वी 7. गाय चींची, ... अहम् 1 सोनां 2. केसर, जाफरान, आचार्यः 8. समृद्धि देने में प्रसिद्ध गाय- सूतां तदीयां सूरभेः बृहस्पति का विशेषण,-आपगा 'स्वर्गीय नदी' गङ्गा कृत्वा प्रतिनिधिम् रघु० 1181, 75 9. मातृकाओं का विशेषण,--आलयः 1. मेरु पर्वत 2. स्वर्ग, बैकुण्ठ, में से एक, (नपुं०) 1. मधुर गंध, सुवास, खुशबू -इज्यः बृहस्पति का नाम, इज्या पवित्र तुलसी, 2. गंधक 3. सोना / सम० ... घतम् सुगंधित मक्खन, - इन्द्रः,... ईशः,-ईश्वरः इन्द्र का नाम,--उत्तमः / खुशबूबार घी,-त्रिफला 1. जायफल 2. लौंग 3. सुपारी, 1. सूर्य 2. इन्द्र,-उत्तरः चन्दन की लकड़ी,-ऋषिः बाणः कामदेव का, विशेषण, मासः वसंत ऋतु, (सुरषिः) दिव्य ऋषि, देवर्षि, कारः विश्वकर्मा - मुखम् वसंत ऋतु का आरम्भ / का विशेषण, कार्मुकम् इन्द्रधनुष,--गुरुः बृहस्पति का सुरभिका [ सुरभि+कन्+टाप् ] एक प्रकार का केला / विशेषण, ग्रामणी (पुं०) इन्द्र का नाम, ज्येष्ठः सुरभिमत् (पुं०) [ सुरभि+मतुप् ] अग्नि का नाम / ब्रह्मा का विशेषण,--तरुः स्वर्ग का वृक्ष, कल्पवृक्ष, | सुरासु+क्रन्+टाप्] 1. मदिरा, शराब-सुरा दे मलमन्ना--तोषकः कौस्तुभ नाम की मणि,-दार (नपुं०) देव- नाम्-मनु० 11293, गौडी पंष्टी च माध्वी च विज्ञेया दारु वृक्ष,--दीधिका गंगा का विशेषण,-दुन्दुभी पवित्र / त्रिविधा सुरा...९४ 2. जल 3. पान-पात्र 4. साँप / तुलसी, द्विपः 1. देवों का हाथी 2. ऐरावत,--विष सम० - आकारः शराब खींचने की भट्टी, आजीवः, (पुं०) राक्षस-रघु० 10 / 15,- धनुस् (नपुं०) ." आजीविन् (पुं०) कलाल,-आलयः मदिरालय, इन्द्रधनुष,-सुरधनुरिदं दूराकृष्टं न नाम शरासनम् मधुशाला, - उदः शराब का समुद्र, प्रहः मदिरा भर --विक्रम० ४।१,-धूपः तारपीन, राल,- निम्नगा कर रक्खा हुआ बर्तन, ध्वजः शराब की दुकान के गंगा का विशेषण,--पतिः इन्द्र का विशेषण,-पथम् / बाहर टंगा हुआ झंडा, - प (वि०) 1. शराबी, आकाश, स्वर्ग,-पर्वतः मेरु पहाड़,-पादपः स्वर्ग मद्यप 2. सुहावना, रुचिकर 3. बुद्धिमान, ऋषि, का वृक्ष, जैसे कि कल्पतरु,-प्रियः 1. इन्द्र का . पाणम्, पानम् मदिरा या शराब का पीना, नाम 2. बृहस्पति का नाम, -- भूयम् देव के साथ अन- पात्रम्, भाण्डम् शराब का प्याला, या गिलास न्यरूपता, देवत्वग्रहण, देवत्वारोपण, * भरुहः देवदार ---भागः खमीर, फेन. --मण्डः (खमीर पैदा होने के वृक्ष,---युवतिः (स्त्री०) दिव्य तरुणी, अप्सरा,-लासिका समय) मदिरा के ऊपर जमने वाला फेन,-सन्धानम् मरली, बांसुरी, - लोकः स्वर्ग, - वर्त्मन् (नपुं०) / मदिरा खींचना। आकाश, वल्लो पवित्र तुलसी,-विद्विष्,-वैरिन् | सुवर्ण (वि.) [सुष्ठ वर्णोऽस्य-प्रा० ब०11. अच्छे .--शत्रु (पुं०) असुर, दानव, दैत्य, - समन् (नपुं०) रंग का, सुन्दर रंग का, चमकीले रंग का, उज्ज्वल, स्वर्ग, वैकुंठ,-सरित, - सिन्धु (स्त्री०) गंगा-सुर पीला, सुनहरा 2. अच्छी जाति या बिरादरी का सरिदिव तेजो वह्निनिष्ठ्यूतमैशम्---रघु० 275, 3. अच्छी ख्याति का, यशस्वी, विख्यात,-र्ण: 1. अच्छा –सुन्दरी, -- स्त्री दिव्यांगना, अप्सरा---विक्रम रंग 2. अच्छी जाति या बिरादरी 3. एक प्रकार का श३। यज्ञ 4. शिव का विशेषण 5. धतूरा,--र्णम् 1. सोना सुरङ्गः, .. गा[?] 1. सेंध 2. अन्त:कक्ष मार्ग, मकान के 2. सोने का सिक्का (पुं० भी)--नन्वहं दश सुवर्णान् नीचे खोदा हुआ मार्ग--ऐकागारिकेण तावती सुरङ्गां प्रयच्छामि-मृच्छ 0 2 3. सोलह माशे के बराबर कारयित्वा-दश०, सुरङ्गया बहिरपगतेषु युष्मासु सोने का तोल या 175 ग्रेन के लगभग (पं० भी) .-मुद्रा०२, ('सुरुङ्गा' भी लिखा जाता है)। 4. धन, दौलत, ऐश्वर्य 5. एक प्रकार की पीले चन्दन की सुरभि (वि.) [सु+र+इन् ] 1. मधुर गंध युक्त, लकड़ी 6. एक प्रकार का गेरु / सम-अभिषेक: दूल्हा खुशबूदार, सुगंध युक्त -पाटलसंसर्गसुरभिवनवाता: और दुल्हिन पर उस जल के छींटे देने जिसमें सोने - ...श० 113, मेघ० 16, 20, 22 2. सुहावना, / का टुकड़ा डाला हुआ हो,-कवली केले का एक For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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