________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir माचिवः [ सचिवान सप्त चाप्टा 87, सञ्चः आने वाले पत्रों का सलग, धूर्त, बाजीगर सचिः सच ---इन 1 1. मित्र 2. मैत्री, घनिष्ठता -..स्त्री० | सज्जित ( वि०) [ सज्जा+इतच ] 1. वस्त्र धारण किये इन्द्र की पत्नी, दे० 'शची'। हुए 2. सजाया हुआ 3. तैयार किया हुआ, साजसचिल्लक (वि.) | सह क्लिन्नेन, सहस्य सः, कप, नि.] सामान से लैस 4. संवारा हुआ, हथियारों से लैस / क्लिन्नाक्ष, चौंघाई आँखों वाला / सज्य (वि.) [सहज्यया ब० स०, सहस्य सः] 1. धनुष सचिवः [ सचिवा -|-क] 1. मित्र, सहचर 2. मन्त्री की डोरी से युक्त 2. डोरी से कसा हुआ (धनुष आदि)। परामर्श दाता-सचिवान् सप्त चाप्टौ वा प्रकुर्वीत सज्योत्स्ना [ सह ज्योत्स्नया ब० स०] चाँदनी रात / परीक्षितान मनु० 7 / 54, रघु० 1 / 34, 4187, सञ्चः [संचीयते अत्र--सम्+चि+ड ] ग्रंथ लेखन के कार्यान्तरसचिव: - मालवि०१। सची दे० 'शची'। सञ्चत् (पुं०) [सम् + चत्+क्विप्] ठग, धूर्त, बाजीगर। सचेतन (वि.) [सह चेतनया व० स०, सहस्य सः | सञ्चयः[सम्-चि+अच् ] 1. ढेर लगाना, एकत्र करना चेतनायक्त, जीवधारी, विवेकपूर्ण / 2. ढेर, राशि, संग्रह, भंडार, वाणिज्यवस्तु कर्तव्यः सचेतस् (वि.) [सह चेतसा व० स०] 1. प्रज्ञावान् सञ्चयो नित्यं कर्तव्यो नातिसञ्चय:-सुभा० 3. भारी 2. भावक 3. एकमत / परिमाण, संग्रह। सचेल (वि.) [सह चेलेन ब० स०] वस्त्रों से | सञ्चयनम् [ सम्+चि+ ल्युट ] 1. एकत्र.करना, संग्रह सुसज्जित / करना 2. फूल चुनना, शव भस्म हो जाने के बाद सचेष्टः [सच् +अच, तथाभूतः सन् इष्ट: ] आम का वृक्ष / | भस्मास्थिचय करना। सजन (वि०) [ सह जनेन व० स०] मनुष्यों या सञ्चरः [ सम् + चर - क ] 1. मार्ग, एक राशि से दूसरी जीवधारी प्राणियों से युक्त, नः एक ही परिवार / राशि पर स्थानान्तरण 2. रास्ता, पथ —यत्रौषधिप्रका व्यक्ति, बंधु, संबन्धी / काशेन नक्तं दशितसंचराः---कु०६।४३, रघु० 16 // सजल (वि०) सह जलेन-व० स०] जलमय, 12 3. भीड़ी सड़क, संकरा मार्ग, संकीर्ण पथ जलयुक्त, आर्द्र, गीला, तर। 4. प्रवेश द्वार 5. शरीर 6. हत्या 7. विकास / सजाति, सजातीय (वि.) [ समान जातिः अस्य, व० स०, सञ्चरणम् [ सम् / चर् + ल्युट् ] जाना, गमन करना, समानस्य सः, समानां जातिमह ति--समान+छ / यात्रा करना / 1. एक ही जाति का, एक ही वर्ग का 2. समान, सञ्चल (वि०) [ सम्+चल् + अच् ] कांपने वाला, ठिठुएक सा--पुं० एक ही जाति के स्त्री और पुरुष से रने वाला। उत्पन्न पुत्र / सञ्चलनम् [ सम्- चल+ ल्युट् ] विक्षोभ, कंपकंपी, सजुष् (स्) (वि०) [ सह जुषते जुप-1-क्विप्, सहस्य हिलना, थरथरी-- अचल सञ्चलनाहरणो रणः---कि० सः ] 1. प्रिय, अनुरक्त 2. साथ लगा हुआ---पुं० 1818 / (कर्त० सजूः, सजुपौ, सजुषः, करण द्वि० सज़ाम) सञ्चाय्यः ] सम् +चि + ण्यत्, नि० ] विशेष प्रकार का मित्र, साथी (अव्य०), सहित, युक्त। एक यज्ञ / सज्ज (वि०) [ सस्ज् + अच् ] 1. तत्पर, तैयार कियाहुआ, सञ्चारः [ सम्+च+घा ] 1. गमन, गति यात्रा, तैयार कराया हआ-सज्जो रथः-उत्तर०१ 2. बस्त्रों पर्यटन-स पुन: पार्थसञ्चारं सञ्चरत्यवनीपति:-काव्य. से सुसज्जित, कपड़े धारण किये हुए 3. संबारा हुआ, 10, रघु० 2 / 15 2. पारण, मार्ग, संक्रम 3. पथ, मजधज या टीपटाप से संचार हुआ. पूर्णतः सुस रास्ता, सड़क, दर्रा 4. कठिन प्रगति या यात्रा ज्जित, शस्त्र धारण किये हए. किलेबन्दी करके 5. कठिनाई, दुःख 6. गतिमान करना 7. भड़काना मुसज्जित / 8.नेतृत्व करना, मार्ग प्रदर्शन करना 9. संक्रामण, सज्जनम् [ सर-णिच् ल्यट ] 1. जकड़ना, बाँधना स्पर्शसंचार 10. सांप की फण में पाई जाने वाली मणि / 2. वेशभूपा धारण करना 3. तैयारी करना, शस्त्रास्त्र सञ्चारक (वि.) [सम् --- चर्+ण्वुल् ] संचार करने धारण करना, सुसज्जित करना 4. चौकीदार, पहरे- वाला, संक्रमण करने वाला, ...क: 1. नेता, पथ प्रददार 5. घाट,-नः भद्र पुरुष, दे० 'सत्' के अन्तर्गत, र्शक 2. उकसाने वाला। ___ ना 1. सजाना, संवारना, सुसज्जित करना | सञ्चारणम् [ सम्+चर्+णिच्---ल्युट् ] गतिशील होना, 2. वस्त्राभूषण धारण करके तैयार होना, सजावट / | प्रणोदित करना, संप्रेषण, नेतृत्व करना आदि / सजा [ सस्ज्|-अ-+टाप् ] 1. वेशभूपा, सजावट | सञ्चारिका [ सम्+चर्+ण्वुल+टाप, इत्वम् ] 1. दूती, 2. सुसज्जा, परिच्छद 3. सैनिक साज सामान, कवच, (दो प्रेमियों की) परस्पर संदेशवाहिका 2. दूती, जिरहबख्तर। कुटनी 3. जोड़ा, दम्पती 4. गंध, ब / For Private and Personal Use Only