________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1035 ) श्रन्थः [श्रन्थ्+घञ्] 1. ढीला करना, स्वतन्त्र करना। श्रवणः,-णम् [श्रु+ल्युट्] 1. कान-ध्वनति मधुप समूहे 2. ढीलापन, 3. विष्णु / श्रवणमपि दधाति--गीत० 5 2. किसी त्रिकोण का अन्यनम् [श्रथ + ल्युट] 1. ढीला करना, खोलना 2. चोट कर्ण, णः,---णा इस नाम का नक्षत्र (जिसमें तीन तारे पहुँचाना, मार डालना, विनाश करना 3. बाँधना, सम्मिलित ह), णम् 1. सुनने की क्रिया, श्रवणबन्धन में डालना। सुभगम् -- मेघ० 11 2. अध्ययन 3. ख्याति, कीर्ति अपणम्,-णा [श्रा+णिच्+ल्युट] उबलवाना, गरम करना। 4. जो सुना गया या प्रकट हुआ,-वेद, इति श्रवणात् अपित (भू० के० कृ०) [श्रा---णिच्+क्त] गरम किया 'वैदिक पाठ ऐसा होने के कारण' 5. दौलत / सम. गया या उबलाया गया, ता माँड, कांजी। ... इन्द्रियम् श्रोत्रंन्द्रिय, कान,-उदरम् कान का बाह्यश्रम् (दिवा० पर० श्राम्यति, श्रान्त) 1. चेष्टा करना, विवर,-- गोचर (वि०) श्रवणपरास के अन्तर्गत (र.) उद्योग करना, मेहनत करना, परिश्रम करना 2. तप- सुनाई देने की सीमा तक, यथा 'श्रवणगोचरे तिष्ठ, श्चर्या करना, (तपस्या के द्वारा) इन्द्रियदमन करना अर्थात् जहाँ तक सुनाई देता रहो वहीं तक रहो,-पथः, -कियच्चिरं श्राम्यसि गौरि-कु० 5 / 50 3. श्रान्त विषयः कान की पहुँच, श्रवण परास---वृत्तान्तेन होना, थकना, परिश्रान्त होना-रतिश्रान्ता शेते श्रवणविषयप्रापिणा- रघु० १४१८७,--पालि:-ली रजनिरमणी गाढमुरसि-काव्य०१०, शि० 14138, ( स्त्री० ) कान का सिरा,-सुभग (वि.) कर्णभट्टि. 14 / 110 4. कष्टग्रस्त होना, दुःखी होना सुखद। यो वृन्दानि त्वरयति पथि श्राम्यतां प्रोषितानाम् | श्रवस् (नपुं०) [ श्रु+असि ] 1. कान 2. ख्याति कीर्ति, -मेघ० 99, प्रेर० (श्र-श्रा-मयति-ते) थकाना, 3. दौलत. सूक्त / परि-, अत्यन्त थक जाना,-श० 1, वि-, 1. विश्राम श्रवस्यम् [श्रवस्+यत्] ख्याति, कीर्ति, विश्रुति / करना, आराम करना, ठहरना कु० 39 2. थमना, / श्रवाप्यः,-व्यः [श्रु+आय्य ] यज्ञ में बलि दिये जाने के अन्त होना, दे० 'विश्रान्त' भी - रघु० 1154, / योग्य पशु / उतरवाना, बसाना। श्रविष्ठा [श्रवः ख्यातिः अस्ति अस्याः श्रव+मतुप्, इष्ठनि श्रमः [श्रम्+घश, न वृद्धिः] 1. मेहनत, परिश्रम, चेष्टा, मतुबो लुक्] 1. धनिष्ठा नाम का नक्षत्र 2. श्रवणा प्रयत्न .. अलं महीपाल तव श्रमेण-रघु० 2 / 34, ! नाम का नक्षत्र / सम० जः बुधग्रह। जानाति हि पुनः सम्यक् कविरेव कवेः श्रमम्-सुभा० श्रा (अदा० पर० श्राति, धाण या शृत, प्रेर० श्रपयति-ते) -रघु० 1675, मनु०९।२०८ 2. थकावट, थकान, पकाना, उबालना, भोजन बनाना, परिपक्व करना, परिश्रान्ति,-विनयन्ते स्म तद्योधा मधुभिविजयश्रमम् पकना। -रघु० 4 / 35, 67, मेघ० 17152, कि० 5 / 28 श्राण (वि.) [श्रा+क्त] 1. पकाया हुआ, भोजन बनाया 3. कष्ट, दुःख 4. तपस्या, साधना, इन्द्रियदमन,-दिवं हुआ, उबाला हुआ 2. आर्द्र, गीला, तर। यदि प्रार्थयसे वृथा श्रमः- कु० 5 / 45 5. व्यायाम, श्राणा [धाण+टाप् ] कांजी, यवागू। विशेषतः सैनिक व्यायाम, कवायद 6. घोर अध्ययन / श्राद्ध (वि०) [ श्रद्धा हेतुत्वेनास्त्यस्य अण् ] निष्ठावान्, सम०-- अम्बु (नपुं० )-जलम् पसीना,-कर्षित विश्वास करने वाला,-उम् 1. मृतक सम्बन्धियों की (वि०) थका-मांदा,--साध्य (वि.) परिश्रम द्वारा दिवङ्गत आत्माओं के सम्मान में अनुष्ठेय संस्कार, सम्पन्न होने योग्य, कष्टसाध्य / अन्त्येष्टि संस्कार-श्रद्धया दीयते यस्मात्तस्माच्छाद्धं श्रमण (वि.) (स्त्री०-णा,-णी) [श्रम्+युच] 1. परि निगद्यते; यह तीन प्रकार का है--नित्य, नैमित्तिक श्रमी, मेहनती 2. नीच, अधम, कमीना,-णः 1. संन्यासी, और काम्य 2. औलदैहिक आहुति, श्राद्ध के अवसर भक्त, साधु 2. बौद्धभिक्षु, णा, जो 1. भक्तिनी, पर उपहार या भेंट / सम० --कर्मन् (नपुं०)-क्रिया भिक्षणी 2. लावण्यमयी स्त्री 3. नीच जाति की स्त्री अन्त्येष्टि संस्कार, कृत् (पुं०) अन्त्येष्टि संस्कार 4. बंगाली मजीठ 5. जटामांसी, बालछड़। करने वाला, - वः अन्त्येष्टि आहति या श्राद्ध भेंट श्रम्भ (भ्वा० आ० श्रम्भते, श्रब्ध) 1. उपेक्षक होना, ! करने वाला-दिनः,-नम् उस स्वर्गीय सम्बन्धी की असावधान होना, लापरवाह होना 2. गलती करना, ! बरसी जिसके सम्मान में श्राद्ध किया जाय, देवः, वि--, विश्वास करना, भरोसा करना-दे० 'विश्रब्ध'।। -देवता 1. अन्त्येष्टि संस्कार की अधिष्ठात्री देवता श्रयः, श्रयणम् [श्रि+अच्, ल्युट् वा] शरण, पनाह, बचाव, 2. यम का विशेषण 3. विश्वदेव दे० 4. पिता, आश्रय / प्रजनक, भुज,- भोक्तु (पुं०) दिवङ्गत, पूर्व पुरुष / श्रवः [श्रु+अप्] 1. सुनना, जैसा कि 'सुखश्राव' में 2. कान श्राद्धिक (वि.) (स्त्री०-की) [श्राद्धेयं, श्राद्धं तद्रव्यं 3. किसी त्रिकोण का कर्ण। भक्ष्यत्वेनास्त्यस्य वा ठन्] श्राद्ध सम्बन्धी औवं दैहिक पकना। ] कांजी, यवाग। श्राव जलम् पसीना , थका-मांदा For Private and Personal Use Only