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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1024 ) शुचिस् (नपुं०) [ शुच्+इसुन् ] प्रकाश, कान्ति / कंचुकी-उत्तर०१, पालकः, रक्षक अन्तःपुर का शुच्य (भ्वा० पर० शुच्यति) 1. स्नान करना, नहाना- रखवाला, .. आत्मन् (वि०) शुद्धात्मा, ईमानदार धोना 2. निचोड़ना, (रस) निकालना 3. अर्क खींचना –ओवनः (शुद्धोदनः) विख्यात बुद्ध का पिता सुतः 4. बिलोना। बुद्ध चैतन्यम् विशुद्ध, प्रतिभा, प्रज्ञा - जंघः गधा शुटीरः [ = शोटीरः, पृषो० ] वीर, नायक। . -धी,--भाव, - मति (वि०) विशुद्धमना, निर्दोष, शुरु i (भ्वा० पर० शोठति) 1. बाधा डाला जाना, रुका- ईमानदार। "वट डाली जानी 2. लड़खड़ाना, लंगड़ा होना शुद्धिः (स्त्री०) [ शुध् +क्तिन् ] 1. विशुद्धता, स्वच्छता 3. मुकाबला करना। 2. चमक, कान्ति--मुक्तागणशुद्धयोऽपि (चन्द्रपादाः) ii (चुरा० उभ० शोठयति-ते) सुस्त होना, आलसी -रघु० 16 / 18 3. पवित्रता, पुण्यशीलता-तीर्थाहोना, मन्द होना। भिषेकजां शुद्धिमादधानाः महीक्षितः--रघु० 1985 शुष्ठ (भ्वा० पर०, चुत० उभ० शुण्ठति, शुण्ठयति-ते) / 4. पवित्रीकरण, प्रायश्चित्त, परिशोधन, प्रायश्चित्त 1. पवित्र करना 2. सूखना, दे० शुठ (1) भी। परक कृत्य-शरीरत्यागमात्रेण शुद्धिलाभममन्यत शुण्ठिः -ठी (स्त्री०), शुण्ठयम् [शुण्ठ+इन् शुंठि+ङीष, --रघु० 12 / 10 5. पवित्रीकरणमूलक या प्रायश्चित्त शुण्ठ+यत् ] सोंठ, सूखा अदरक / परक संस्कार 6. (ऋण) परिशोध 7. प्रतिहिंसा, शुण्यः [ शुण्ड+अच् ] 1. मदमाते हाथी के गण्डस्थल से प्रतिशोध 8. छुटकारा, (जांच द्वारा सिद्ध) निर्दोषता निकलने वाला रस 2. हाथी की सूंड / 9. सचाई, यथार्थता, याथातथ्यता 10. समाधान, शुण्डकः [शुण्ड+कन् ] 1. शराब खींचने वाला, कलाल संशोधन 11. व्यवकलन 12. दुर्गा। समपत्रम् 2. एक प्रकार का सैनिक संगीत या वाद्ययन्त्र / ऐसी सूची जिसमें अशुद्ध शब्द शुद्ध रूपों सहित लिखे शुण्डा [शुण्ड+टाप्] 1. हाथी की संड 2.खींची हई शराब गये हों 2. प्रायश्चित्त के द्वारा हुई शुद्धि का 3. मद्यपानगृह, मधुशाला 4. कमल डण्डी 5. वेश्या, प्रमाणपत्र। रंडी 6. कुटनी, दूती। सम०-पानम् मदिरालय, | शुध् (दिवा० पर०)-- शुध्यति, शुद्ध०) 1. शुद्ध या पवित्र शराबखाना। होना, (आलं० से भी) मृत्तीयः शुध्यते शोध्यं नदी शुण्डारः [ शुण्ड+ऋ---अण्] 1. शराब खींचने वाला बेगन शुध्यति / अद्भिर्गात्राणि शुध्यति मनः सत्येन 2. हाथी की सुंड या नासावद्धि-महावी० 1153 / शुध्यति —मनु० 5 / 108-9 2. शुभ होना, अनुकूल शुण्डालः [ =शुण्डारः, रलयोरभेदः ] हाथी। होना, पात्र होना -तिथिरेव यावन्न शुध्यति-मुद्रा०५ शुण्डिका [ शुण्डा : कन्+टाप, इत्वम् ] दे० 'शुण्डा' / 3. स्पष्ट किया जाना, संदेह दूर करना--न शुध्यति शुण्डिन् (पुं०) [ शुण्ड+णिनि ] 1. शराब खींचने वाला, मे अन्तरामा-मृच्छ०८ 4. व्यय किया जाना, (खर्च) कलाल 2. हाथी। सम० --भृषिका छंछ्न्दर / चुकाया जाना-व्ययः शुध्यति -पंच० 5, प्रेर०-- शुतुतिः,-gः (स्त्री०) सतलुज नदी-तु० 'शतद्रु' / (शोधयति ---ते) 1. पवित्र करना, निर्मल करना शुद्ध (भू० क० कृ०, [ शुध् +क्त ] 1. विशुद्ध, विमल, घो डालना 2. (ऋण) परिशोध करना, चुकाना, पवित्रीकृत-अन्तः शुद्धस्त्वमपि भविता वर्णमात्रेण कृष्णः / परि-, वि-, सम्-, पवित्र किया जाना, रघु० ---मेघ० 49 2. पुनीत, अकलुषित, शुचि, निर्दोष 12 / 104, मनु० 5 / 64 / --अन्वमीयत शुद्धेति शान्तेन वपुषव सा--रघु० | शुन् (तुदा० पर० शुनति) जाना, हिलना-जुलना / 15 / 77, 14 / 14 3. श्वेत, उज्ज्व ल 4. निष्कलंक, | शुनः शेपः (फः) [शुन इव शेफः यस्य-अलुक् स०] वेदाग 5. भोला-भाला, सीधा-सादा, निर्दोष 6. ईमा- एक वैदिक ऋषि, अजीगत का पुत्र (ऐतरेय ब्राह्मण नदार, खरा 7. सही, अशुद्धिरहित, यथार्थ 8. ऋण में बताया गया है कि राजा हरिश्चन्द्र ने निस्सन्तान चुकाया गया, कर्ज अदा किया गया 9. केवल, मात्र होने के कारण यह प्रतिज्ञा की कि यदि मुझे पुत्र 10. सरल, विशुद्ध, अनमिश्रित, (विप० मिश्र) लाभ हआ तो मैं वरुण देवता के लिए उसकी बलि 11. अद्वितीय 12. अधिकृत 13. पैनाया हुआ, तेज़ दे दंगा। अन्त में उसके घर पुत्र ने जन्म लिया, किया हुआ 14. अननुनासिक, -TH शिव का विशेषण, उसका नाम रोहित रक्खा गया। राजा अपनी -द्धम् 1. कोई भी विशुद्ध वस्तु 2. विशुद्ध सुरा प्रतिज्ञा को किसी न किसी बहाने टालता 3. सेंधा नमक 4. काली मिर्च / सम० --अन्तः राजा रहा। अन्ततः रोहित ने सौ गौओं के बदले अजीगर्त का अन्तःपुर, रनवास, अन्दर महल-शुद्धान्तदुर्लभ- के मध्यम पुत्र शुनः शेप को अपने स्थान पर बलि मिदं वपुराश्रमवासिनो मिसा -- 1417. दिये जाने के लिए.-खरीद लिया। परन्तु बालक कु० 6 / 52, °चारिन् (पुं०) अन्तःपुर का सेवक, | शुनः शेप ने विष्णु, इन्द्र तथा अन्य देवताओं की स्तुति For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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